Haryana News: बहादुरगढ़ के सिविल अस्पताल में विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी, मरीजों को ही रही परेशानी
हरियाणा में बहादुरगढ़ के सिविल अस्पताल में विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी से मरीजों को भारी परेशानी हो रही है। फिजीशियन और बाल रोग विशेषज्ञ जैसे डॉक्टर उपलब्ध नहीं हैं और ईएनटी विभाग में केवल एक ही डॉक्टर है। डॉक्टरों की छुट्टी पर मरीजों को इलाज के लिए इंतजार करना पड़ता है जिससे उनकी मुश्किलें और बढ़ जाती हैं। कई बार को मरीजों को बिना इलाज के लौटना भी पड़ता है।
जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़। सिविल अस्पताल में विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी दूर नहीं हो रही है। इस अस्पताल में फिजीशियन तो है ही नहीं। बाल रोग विशेषज्ञ भी स्थायी नहीं है। ईएनटी में भी एक ही डॉक्टर है। वे छुट्टी पर जाते हैं तो इलाज ठप हो जाता है।
हाल ही में ईएनटी विभाग में डॉक्टर छुट्टी पर थे, तो तीन दिनों तक मरीज यहां से वापस लौटते रहे। ऐसे में उन्हें दोगुना परेशानी उठानी पड़ी। जिन विभागों में डॉक्टर नहीं है। उनसे जुड़े मरीज तो यहां पर इलाज के लिए आते ही नहीं लेकिन जिनमें एक ही डॉक्टर है, उनमें जब डॉक्टर नहीं मिलते तब मरीजों की पीड़ा बढ़ जाती है।
अनुबंध के तौर पर लाए गए डॉक्टर कोई स्थायी नहीं
इस समय सिविल अस्पताल में त्वचा रोग के लिए कोई डॉक्टर नहीं है। हालांकि विगत में प्राथमिक उपचार केंद्रों पर अनुबंध तौर पर त्वचा रोग विशेषज्ञों की तैनाती की गई थी, लेकिन सिविल अस्पताल में केवल त्वचा रोग ही नहीं बल्कि दूसरे कई विभागों में भी डॉक्टरों की कमी है। बाल रोग विभाग में भी यहां के स्थायी चिकित्सक का ट्रांसफर हो गया था तो उसके बाद काेई स्थायी डॉक्टर यहां पर नहीं आए।
ईएनटी विभाग में एक ही डॉक्टर, मरीजों को परेशानी
अब ईएनटी विभाग में परेशानी यह है कि यहां पर एक ही डॉक्टर है और रोजाना मरीज काफी आते हैं। ऐसे में अगर डॉक्टर की कहीं और ड्यूटी लगती है या फिर जरूरी होने पर उन्हें छुट्टी लेनी पड़ती है तो उस स्थिति में मरीजों को वापस लौटना पड़ता है। कई बार मरीजों को इसकी सूचना नहीं मिल पाती।
ऐसे में डॉक्टर के न हाेने की स्थिति में मरीज तो आते रहते हैं लेकिन डॉक्टर नहीं मिल पाते। इस समय अस्पताल में दंत रोग विभाग, हड्डी रोग को छोड़कर बाकी लगभग सभी विभागों में विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी है। या तो उनमें एक ही डॉक्टर है या फिर एक भी नहीं।
बहादुरगढ़ सिविल अस्पताल के एसएमओ डॉ. विनय देशवाल ने बताया कि अस्पताल के जिन विभागों में डॉक्टर कम है, उनको लेकर बीते समय में डिमांड भेजी गई थी। इस पर सरकार को ही व्यवस्था करनी है।
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