Bahadurgarh Crime: ट्रांसपोर्टर ने खत्म किया परिवार, पत्नी, दो बेटों और बेटी को मारकर कमरे में लगाई थी आग
हरियाणा के बहादुरगढ़ में एक ट्रांसपोर्टर ने अपनी पत्नी और तीन बच्चों की हत्या कर दी और फिर घर में आग लगा दी। पुलिस को मौके से एक 12 पेज का सुसाइड नोट मिला है जिसमें उसने अपनी बहन और बहनोई पर घर हड़पने का आरोप लगाया है। कारोबारी भी आत्महत्या करना चाहता था मगर वह बेसुध हो गया था। पुलिस ने डायरी से मामले का राजफाश किया।
जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़। सेक्टर-नौ में किराये के मकान में रह रहे उत्तराखंड मूल के ट्रांसपोर्टर हरपाल के घर में शनिवार को हुए धमाके व आग से पत्नी व तीन बच्चों की मौत मामले में हरपाल ही साजिशकर्ता निकला। हरपाल ने ही अपना परिवार खत्म किया है।
पत्नी, दो बेटों और बेटी को पहले चाय में नींद की गोलियां मिलाकर पिलाई, फिर चारों की गला घोंटकर व तेजधार हथियार से वार कर हत्या कर दी। इसके बाद कमरे में आग लगा दी। वह खुद भी जान देना चाहता था, मगर बेसुध हो गया।
घर से मिला 12 पेज का सुसाइड नोट
पुलिस ने हरपाल के खिलाफ केस दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस को घर से बरामद डायरी में 12 पेज का सुसाइड नोट मिला, तब यह राजफाश हुआ। पुलिस ने हरपाल की जो डायरी बरामद की, उसमें 12 पेज का सुसाइड नोट मिला है।
परिवार के खात्मे के बाद हरपाल अपनी जान नहीं दे पाया। सुसाइड नोट में उसने अपनी बहन परविंद्र कौर और बहनोई दलजीत सिंह पर घर हड़पने का आरोप लगाया है।
लिखा कि दोनों उससे साढ़े चार करोड़ रुपये मांग रहे थे, जो उन्होंने उधार देने की बात कही थी, जो कि झूठ है। उसके बड़े बेटे जसकीरत का इन लोगों ने अपहरण तक करवा दिया था, लेकिन पुलिस ने कार्रवाई नहीं की थी।
दूसरा पता बताकर किराये पर लिया घर, सुसाइड नोट में माफी मांगी
हरपाल मूल रूप से उत्तराखंड के रुद्रपुर के सितारगंज का रहने वाला है। उसने पहचान पत्रों में दिल्ली का पता दर्ज करा लिया। ऐसा इसलिए, ताकि किसी को उसकी जानकारी ना मिल सके।
सुसाइड नोट में लिखा कि उसने दूसरा पता बताकर मकान किराये पर लिया। इसके लिए उसने मकान मालिक से माफी मांगी है। लिखा कि उनके परिवार के शव और सामान किसी परिवार के सदस्य या रिश्तेदार को न सौंपा जाए। उसका सामान बेचकर मकान मालिक अपना किराया ले ले।
पहले पत्नी और बेटी को मारा, फिर की दोनों बेटों की हत्या
पुलिस के अनुसार, मृतकों में हरपाल की पत्नी संदीप कौर, उसका बड़ा बेटा 17 वर्षीय जसकीरत, छोटा बेटा नौ वर्ष का सुखविंद्र व बेटी 11 वर्ष की चहक शामिल हैं। जांच में सामने आया कि हरपाल ने पहले घर को अंदर से लाक किया। इसके बाद परिवार को चाय में नींद की गोलियां मिलाकर पिला दी।
चारों सदस्य जब बेसुध हो गए, तो उसने पहले पत्नी को मारा, फिर बेटी की जान ली। इसके बाद छोटे लड़के को मौत की नींद सुलाया। आखिर में बड़े बेटे की हत्या की। पत्नी व बेटी के गले पर तेजधार हथियार से भी वार किए। चारों को मारने के बाद उसने कमरे में पेट्रोल से आग लगा दी।
पुलिस को घर से प्लास्टिक की बोतल भी मिली है, जिसमें कुछ मात्रा में पेट्रोल मिला है। वह खुद भी आग की चपेट में आ गया। उसके हाथ व पैर झुलस गए। झुलसने व धुएं से हरपाल दरवाजे के पास ही फर्श पर बेसुध होकर गिर गया। जब लोगों ने दरवाजा तोड़ा तो वह बेसुध मिला, जबकि परिवार के चारों सदस्य बेड व सोफे पर झुलसे मिले।
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