Delhi Metro के फेज-4 का काम तेज, DMRC ने बिना सेवा रोके एलिवेटेड कॉरिडोर के नीचे बनाई सुरंग
दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) ने फेज-4 के विस्तार में बड़ी सफलता हासिल की है। डीएमआरसी ने रेड लाइन पर ट्रेनों का परिचालन बिना रोके पुलबंगश में एलिवेटेड कॉरिडोर के नीचे सुरंग बनाई। इस दौरान सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा गया और नवीनतम तकनीकों का इस्तेमाल किया गया।

मेट्रो के फेज-4 का दिल्ली का वह हिस्सा जहां एलिवेटेड कॉरिडोर के नीचे सुरंग का निर्माण हुआ। डीएमआरसी
जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़। दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन ने (डीएमआरसी) अपने फेज-4 के विस्तार के काम में अनोखी इंजीनियरिंग कामयाबी हासिल की है। दिल्ली मेट्रो नेटवर्क की पहले से परिचालित रेड लाइन के नीचे पुलबंगश में भूमिगत सुरंग का सफलतापूर्वक निर्माण किया गया है।
यह सुरंग मैजेंटा लाइन के जनकपुरी पश्चिम–आरके आश्रम मार्ग एक्सटेंशन के हिस्से के तौर पर बनाई गई है। मेट्रो की ग्रीन लाइन पर स्थित बहादुरगढ़ के यात्रियों को भी डीएमआरसी की फेज-4 की लाइनों का कार्य पूरा होने का इंतजार है।
डीएमआरसी के प्रधान कार्यकारी निदेशक अनुज दयाल ने बताया कि पुलबंगश और सदर बाजार स्टेशनों के बीच सुरंग बनाने का यह कार्य विशेष तौर पर कठिन था, क्योंकि ऊपर व्यस्त रेड लाइन पर ट्रेनें एक भी दिन नहीं रुकीं, जबकि टनल बोरिंग मशीन ने उस एलिवेटेड वायडक्ट के नीचे सावधानीपूर्वक सुरंग निर्माण कार्य किए, जिस पर ट्रेनें चल रही थीं।
इसके अलावा, यहां रेड लाइन वायडक्ट बैलेंस्ड कैंटिलीवर स्पैन के साथ खुली नींव पर बना है। ऐसे स्ट्रक्चर के नीचे सुरंग बनाने के लिए इसकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अत्यधिक इंजीनियरिंग सावधानियों की जरूरत थी। इस सफलता के लिए डीएमआरसी के इंजीनियरों ने कई कदम उठाए। रेड लाइन के पियर के आस-पास के इलाके को मजबूत करने के लिए विस्तृत स्ट्रेटेजी अपनाई गई।
24 घंटे तैनात थे विशेषज्ञ
साथ ही सुरंग निर्माण के दौरान भूमि में होने वाली हलचल, पियर के व्यवहार और बिल्डिंग की सुरक्षा को रियल-टाइम बेसिस पर मॉनिटर करने के लिए व्यापक उपकरणों का इस्तेमाल किया गया था। उन्नत उपकरणों की रीडिंग पर नजर रखने के लिए विशेषज्ञों को 24 घंटे तैनात किया गया था। पूरे आपरेशन के दौरान सभी पैरामीटर तय सीमा के भीतर पाए गए।
इस सेक्शन पर डाउन लाइन टनल का निर्माण कार्य अब पूरा हो गया है। अप-लाइन टनल पर भी उसी लेवल की सावधानी और मानिटरिंग के साथ काम चल रहा है। यह महत्वपूर्ण निर्माण कार्य था क्योंकि रेड लाइन पर हर दिन औसतन सात लाख यात्री यात्रा करते हैं। इस लाइन पर ट्रेनों की आवाजाही में कोई भी रुकावट आने से लोगों को बहुत परेशानी होती।

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