बहादुरगढ़ को कोरोना काल में मिल जाएगा रेलवे अंडरपास का तोहफा, 32 करोड़ से हो रहा तैयार
शहर को कोरोना काल के बीच रेलवे अंडरपास का तोहफा मिल जाएगा। इसके लिए साढ़े तीन साल से इंतजार किया जा रहा है।
जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़:
शहर को कोरोना काल के बीच रेलवे अंडरपास का तोहफा मिल जाएगा। इसके लिए साढ़े तीन साल से इंतजार किया जा रहा है। यह अंडरपास चालू होने के बाद शहर के लोगों के लिए लाइन पार क्षेत्र में वाहन लेकर जाना-आना बेहद आसान हो जाएगा। यह आधुनिक अंडरपास होगा। इस प्रोजेक्ट साथ ही शहर विकास की सीढ़ी पर एक और पायदान ऊपर चला जाएगा। वैसे तो यह कई बार डेडलाइन मिस कर चुका है और अभी भी लगभग सवा दो साल ज्यादा समय ले चुका है। फिलहाल इसको अंतिम रूप दिया जा रहा है।
दरअसल, इस अंडरपास का शिलान्यास मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने अपने पहले कार्यकाल के दौरान अक्टूबर 2017 में झज्जर से किया था। तब तो इसकी डेडलाइन दिसंबर 2018 थी, मगर इंतजार लगातार लंबा होता गया। कभी बारिश, कभी कोरोना, कभी नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल (एनजीटी) के आदेश के कारण इसका निर्माण बीच-बीच में ठप होता रहा। पुशिग तकनीक से रेलवे ट्रैक के नीचे से बाक्स डालने का काम भी विलंब से हो पाया। वहीं अंडरपास में अड़चन बने रेलवे क्वार्टरों को तोड़ने का काम भी तब शुरू हो पाया था, जब उनकी जगह नए क्वार्टर बन गए थे। क्वार्टर बनाने का काम भी साथ-साथ चलाया गया। क्वार्टरों को शिफ्ट करने के बाद अंडरपास के लिए दूसरी तरफ से खुदाई का काम किया गया। अब कुछ माह से लगातार काम चल रहा है। लेकिन करीब दो माह से फिर कोरोना का इस पर साया है। अंडरपास का निर्माण जेड शेफ में हो रहा है, ताकि बारिश का पानी अंडरपास में जमा न हो। फिर भी यदि थोड़ी बहुत मात्रा में बारिश का पानी भूमिगत हिस्से में जमा भी होता है तो उसके लिए यहां पर बोरिग की जाएगी। इसमें वह पानी सीधा जमीन में जाएगा।
यह है योजना :
इस कार्य के लिए 32 करोड़ का बजट तय किया गया था। यह लगभग 300 मीटर लंबा और छह मीटर चौड़ा है। दोनों तरफ प्रवेश द्वारा पर कवर्ड शेड बनाए गए हैं। रेलवे के सीनियर सेक्शन इंजीनियर रवींद्र सांगवान का कहना है कि अब जैसे ही स्थिति सामान्य होगी तो यह जनता को समर्पित हो जाएगा।
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