एमआइई पार्ट-बी में बनेगा बहादुरगढ़ का पहला डॉग शेल्टर, 82 लाख रुपये होंगे खर्च
बहादुरगढ़ में आवारा कुत्तों की बढ़ती समस्या से निपटने के लिए नगर परिषद एमआईई पार्ट-बी में 82 लाख रुपये की लागत से पहला डॉग शेल्टर बनाएगी। चेयरपर्सन सर ...और पढ़ें
-1765792506253.webp)
सांकेतिक तस्वीर
जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़। शहर में लगातार बढ़ती आवारा कुत्तों की समस्या और लोगों को काटने की घटनाओं पर प्रभावी नियंत्रण के लिए नगर परिषद ने एक और अहम कदम उठाया है। बहादुरगढ़ के आधुनिक औद्योगिक क्षेत्र (एमआइई पार्ट-बी) में पीवीसी मार्केट की ओर खाली कराई गई जमीन पर शहर का पहला डॉग शेल्टर बनाया जाएगा।
इस परियोजना पर करीब 82 लाख की राशि खर्च की जाएगी। डॉग शेल्टर के निर्माण से जहां आवारा कुत्तों की उचित देखभाल सुनिश्चित होगी, वहीं आमजन, विशेषकर बच्चों की सुरक्षा को भी मजबूती मिलेगी। नगर परिषद की चेयरपर्सन सरोज राठी ने बताया कि यह डॉग शेल्टर आधुनिक सुविधाओं से लैस होगा। यहां आवारा कुत्तों की नसबंदी (बधियाकरण), इलाज, रेबीज फ्री टीकाकरण के साथ-साथ आक्रामक कुत्तों को रखने के लिए अलग-अलग बाड़े भी बनाए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि शेल्टर में होने वाली हर गतिविधि पर सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से निगरानी रखी जाएगी, ताकि पारदर्शिता और सुरक्षा बनी रहे। चेयरपर्सन सरोज राठी ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों के अनुरूप आवारा कुत्तों की जनसंख्या पर नियंत्रण और आमजन की सुरक्षा नगर परिषद की प्राथमिकता है।
इसी के तहत शहरी क्षेत्र में आवारा कुत्तों को पकड़ने, उनकी नसबंदी कराने और रेबीज फ्री टीकाकरण के बाद उन्हें उसी स्थान पर वापस छोड़ने की प्रक्रिया के लिए टेंडर जारी किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि हाल के वर्षों में आवारा कुत्तों द्वारा काटे जाने की घटनाओं में लगातार बढ़ोतरी हुई है, जिससे आम लोग खासकर छोटे बच्चे और बुजुर्ग भय के साये में जीने को मजबूर हैं।
इसी को ध्यान में रखते हुए हाल ही में सर्वोच्च न्यायालय ने भी आवारा कुत्तों की जनसंख्या नियंत्रण और रेबीज मुक्त अभियान को लेकर सख्त निर्देश जारी किए थे। इसी कड़ी में नगर परिषद ने सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का पालन करते हुए तीन हजार आवारा कुत्तों की नसबंदी कराने का निर्णय लिया है। इसके लिए परिषद की ओर से करीब 36 लाख रुपये का वर्क ऑर्डर भी जारी किया जा चुका है।
सरोज राठी ने कहा कि डॉग शेल्टर बनने से न सिर्फ आवारा कुत्तों की संख्या नियंत्रित होगी, बल्कि उन्हें मानवीय और सुरक्षित वातावरण भी मिलेगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि इस पहल से बहादुरगढ़ को डॉग बाइट की समस्या से बड़ी राहत मिलेगी और शहर को एक सुरक्षित व संतुलित वातावरण प्रदान किया जा सकेगा।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।