बहादुरगढ़ में दो दिन की राहत के बाद फिर बढ़ा प्रदूषण, लोगों का सांस लेना हो रहा दूभर
बहादुरगढ़ में दो दिन की राहत के बाद प्रदूषण का स्तर फिर से बढ़ गया है, जिससे लोगों का सांस लेना मुश्किल हो गया है। वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) बढ़ने से शहर में धुंध की परत छा गई है। प्रदूषण के कारण लोगों को आंखों में जलन और सांस लेने में तकलीफ हो रही है। प्रशासन प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए कदम उठा रहा है।

जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़। दो दिन की राहत के बाद प्रदूषण का स्तर फिर बढ़ गया है। रविवार को एक्यूआई (एयर क्वालिटी इंडेक्स) का औसतन लेवल 313 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर दर्ज किया गया। जबकि दो दिनों से यह येलो और ओरेंज कैटेगरी में था। अब फिर रेड कैटेगरी में पहुंच गया है। इससे लोगों के लिए मुश्किलें हो रही है। क्षेत्र में कई विभागों द्वारा सड़कों पर पानी का छिड़काव तो किया जा रहा है, मगर उससे पूरी तरह बात नहीं बन रही।
सड़कों से लगातार धूल उड़ रही है। क्षेत्र में पराली जलाने का कोई केस तो नहीं आया है, लेकिन प्रदूषण की स्थिति में यह उछाल चिंता और परेशानी दोनों बढ़ा रहा है। दिल्ली की सीमाओं पर उड़ती धूल लोगों को परेशान कर रही है। उसका कोई समाधान नहीं हो रहा है। टीकरी और झाड़ौदा बार्डर पर सड़क तो जर्जर है ही, ऊपर से सड़कों पर लंबे समय से सफाई तक नहीं हुई है। इससे महीन रेत जमा है। इसके कारण धूल का गुबार उठता रहता है।
इस स्थिति में लोगों का यहां पर सांस लेना तक दूभर हो जाता है। बता दें कि 31 अक्टूबर को सीपीसीबी की ओर से जारी बुलेटिन में बहादुरगढ़ का औसतन एक्यूआइ 153 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर दर्ज किया गया। जबकि इससे पहले 30 अक्टूबर को औसतन 344 था। करीब 200 अंक की कमी आई थी। इसके बाद 1 नवंबर को फिर से प्रदूषण 100 अंक बढ़ गया था।
इस दिन औसतन 254 दर्ज किया गया था और रविवार को 313। हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से नोटिस जारी किए जाने के बाद राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण, हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण और नगर परिषद द्वारा पानी का छिड़काव तो किया जा रहा है, लेकिन सभी जगहों पर यह काम नहीं हो रहा है।
पिछले छह दिन में प्रदूषण की स्थिति
28 अक्टूबर 347
29 अक्टूबर 269
30 अक्टूबर 344
31 अक्टूबर 153
01 नवंबर 253
02 नवंगर 313
बॉर्डर पर रोके जा रहे दूसरे राज्यों के बीएस-3 मालवाहक वाहन
प्रदूषण के मद्देनजर बीएस-4 से नीचे कैटेगरी के मालवाहक वाहनों की दिल्ली में एंट्री शनिवार से रुकी हुई है। दूसरे राज्यों में रजिस्टर्ड वाहनों पर यह नियम लागू हुआ है। इससे हरियाणा के बीएस-3 कैटेगरी के करीब डेढ़ लाख वाहन प्रभावित हैं। एनफोर्समेंट टीमें दिल्ली की सीमाओं पर तैनात हैं।
पुराने मालवाहक वाहनों की कैटेगरी चेक की जा रही है। अब तक ट्रक या टेंपो ऐसे नहीं मिले हैं, जिन्हें लौटाना पड़े। कुछ ट्रैक्टर जरूर मिले। ट्रांसपोर्टरों की ओर से दिल्ली में जो माल भेजा जा रहा है उसमें बीएस-4 या बीएस-6 कैटेगरी के पेट्रोल-डीजल या फिर सीएनजी, ईवी और दूसरे ईंधन वाले वाहनों को ही प्रयोग किया जा रहा है। जबकि दिल्ली में पंजीकृत किसी भी वाहन को नहीं रोका गया।

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