बहादुरगढ़ में 40 करोड़ के विकास कार्यों को मंजूरी, सफाई व्यवस्था अब खुद संभालेगी नगर परिषद
बहादुरगढ़ में 40 करोड़ के विकास कार्यों को मंजूरी दी गई है। नगर परिषद अब शहर की सफाई व्यवस्था की जिम्मेदारी खुद संभालेगी। इससे शहर में विकास की नई परि ...और पढ़ें
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नगर परिषद बोर्ड की बैठक में उपस्थित चेयरपर्सन, अधिकारी व पार्षद। जागरण
जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़। नगर परिषद कार्यालय के सभागार में बुधवार को हुई साधारण बैठक में कई अहम प्रस्तावों पर चर्चा हुई। बैठक की अध्यक्षता चेयरपर्सन सरोज राठी ने की। इसमें शहर के विकास को लेकर करीब 40 करोड़ के कार्यों को स्वीकृति दी गई। शहर के हर वार्ड में 50-50 लाख रुपये से विकास कार्य होंगे। इसके लिए बैठक में प्रस्ताव रखा गया था, जिसे मंजूर किया गया है।
40 करोड़ में 12 करोड़ की लागत से शहर में सीसीटीवी लगाने का काम भी शामिल हैं। चेयरपर्सन सरोज राठी ने बताया कि इन कार्यों का प्रस्ताव पास होने के बाद आने वाले कुछ ही दिनों में सभी वार्डों में सड़कों, गलियों, नालियों और अन्य बुनियादी व्यवस्थाओं से जुड़े कार्य शुरू किए जाएंगे।
नगर परिषद का उद्देश्य सभी वार्डों में समान रूप से विकास करना है, ताकि किसी भी क्षेत्र की उपेक्षा न हो। चेयरपर्सन ने बताया कि सफाई व्यवस्था को लेकर भी बैठक में बड़ा फैसला लिया गया। सभी पार्षदों ने सर्वसम्मति से सफाई के टेंडर को विस्तार न देने पर सहमति जताई।
अब डोर-टू-डोर कूड़ा उठान और सफाई व्यवस्था का संचालन नगर परिषद अपने स्तर पर करेगी। इसके तहत आगामी चार माह के लिए ठेके पर सफाई कर्मचारियों की नियुक्ति की जाएगी, ताकि सभी वार्डों में सफाई व्यवस्था को बेहतर बनाया जा सके। बैठक में कूड़ा उठान के लिए जरूरत के अनुसार वार्ड वाइज एक-एक ट्रैक्टर-ट्रॉली सहित करीब 40 ट्रैक्टर-ट्रॉली किराये पर लेने का प्रस्ताव पास किया गया।
इसके अलावा दो जेसीबी मशीनें और एक स्वीपिंग मशीन भी किराये पर ली जाएगी। इसकी स्वीकृति दी गई। बैठक में शहर की अवैध कालोनियों का सर्वे कराने का निर्णय लिया गया। सर्वे रिपोर्ट के आधार पर कॉलोनियों को वैध कराने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाएगा। चेयरपर्सन सरोज ने बताया कि बैठक में एक अहम प्रस्ताव के तहत गो माता को नगर माता का दर्जा देने पर सभी ने सहमति जताई।
विभिन्न सामाजिक संस्थाओं की ओर से उठाई इस मांग पर पार्षदों ने मंजूरी दी। सभी पार्षदों और मनोनीत सदस्यों द्वारा लिखित रूप में दिए गए विकास कार्यों के प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। चेयरपर्सन ने जानकारी दी कि शहर में स्ट्रीट लाइटें लगाने का कार्य जारी है। जल्द ही सभी वार्डों में समान रूप से स्ट्रीट लाइटें लगाई जाएंगी। आवश्यकता अनुसार और भी लाइटें खरीदी जाएंगी।
नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी अरुण नांदल ने बताया कि बैठक में पार्षदों द्वारा रखे गए नए विकास कार्यों की फिजिबिलिटी जांच कर टेंडर प्रक्रिया शुरू की जाएगी। सफाई कार्य का टेंडर आगे न बढ़ाने का प्रस्ताव पारित कर दिया गया है। अब नगर परिषद खुद सफाई व्यवस्था संभालेगी। बैठक में नगर परिषद के सचिव प्रवीण कुमार, वाइस चेयरमैन पालेराम शर्मा व पार्षद उपस्थित रहे।
दो पार्षदों में बढ़ी तल्खी, दूसरों ने संभाला
नप की बैठक के दौरान एक बार तो माहौल बिगड़ता दिखा। वार्ड 13 से पार्षद मोहित राठी और वार्ड -6 से पार्षद राजेश कुमार के बीच एक विषय पर जुबानी तकरार इतनी बढ़ गई कि मोहित अपनी कुर्सी छोड़कर पार्षद राजेश की तरफ बढ़ गए। अन्य पार्षदों ने बीच-बचाव कर मामला शांत कराया। इसके बाद बैठक शांति के साथ जारी रही। सुबह 11 बजे के बाद शुरू हुई बैठक चार घंटे से भी ज्यादा समय तक चली।
ये बोले पार्षद...
वेस्ट जुआ ड्रेन रोड पर जो लाइटों के पिलर हैं उनको हटाने के साथ ही हमारे वार्ड में पानी की निकासी का मसला भी बोर्ड की बैठक में उठाया है।
-सचिन दलाल, पार्षद, वार्ड 17
लगभग एक साल बाद नप बोर्ड की यह बैठक हुई। पिछली बैठक में नजफगढ़ रोड को चौधरी नफे सिंह राठी के नाम से रखने का प्रस्ताव पास किया था। मगर हमने जब कार्यवाही पुस्तिका देखी तो उसमें गड़बड़ नजर आई। अब फिर से यह प्रस्ताव पास किया गया है। हमने प्रदूषण का मसला भी रखा है। इस दूषित वातावरण के लिए भाजपा बोर्ड के प्रतिनिधि जिम्मेदार हैं।
-जितेंद्र राठी, पार्षद, वार्ड-9
हमारे वार्ड में बारिश के मौसम में बाढ़ के हालात थे। चेयरपर्सन ने कोई सुध नहीं ली। मैंने बैठक में भी इस बारे में सवाल किया। वार्डों में 50-50 लाख के विकास कार्य हो पाएंगे, इसकी भी उम्मीद कम है, क्योंकि साढ़े तीन साल ऐसे ही निकल चुके हैं। कई वार्डों में राशि के हिसाब से कार्यों में भेदभाव भी किया गया है, जो गलत है। मैंने बैठक में यह भी पूछा है कि साढ़े तीन साल में कितनी लाइटें नप द्वारा शहर में लगवाई गई हैं।
-संदीप दहिया, पार्षद वार्ड-18
अवैध कॉलोनियों का जो एजेंडा था, उस पर सभी पार्षदों ने असहमति दी है, क्योंकि कौनसी कालोनी कहां पर है, किसी पार्षद को नहीं पता। साथ ही विकास कार्यों में पार्षदों की सहमति का मसला भी उठाया।
-विनोद कुमार, पार्षद वार्ड 20

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