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    Haryana News: न्याय के लिए बेजुबानों का अब सालों का इंतजार खत्म, बनी फास्ट ट्रैक कोर्ट; जल्द होगा मामलों का निपटारा

    Updated: Sat, 19 Apr 2025 10:18 PM (IST)

    हरियाणा में गोवंश से जुड़े मामलों के तेजी से निपटारे के लिए चार जिलों में फास्ट ट्रैक कोर्ट स्थापित की गई हैं। अंबाला में बनी कोर्ट में कुरुक्षेत्र से पहला मामला पहुंचा है जिसकी सुनवाई 24 अप्रैल को होगी। राज्य सरकार ने गोमांस तस्करी रोकने के लिए कानून सख्त किए थे जिसके तहत गोहत्या पर 10 साल की सजा का प्रावधान है।

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    बेजुबानों की जगी आस, न्याय के लिए नहीं करना पड़ेगा अब इंतजार। फाइल फोटो

    दीपक बहल, अंबाला। प्रदेश में अब बेजुबानों को जगी आस और इंसाफ के लिए सालों इंतजार नहीं करना होगा। राज्य के चार जिलों में फास्ट ट्रैक कोर्ट बना दी गई है जहां पर सिर्फ गोवंश संबंधित मामलों का निपटारा जल्द किया जाएगा।

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    अंबाला में भी फास्ट ट्रैक कोर्ट बनी। यहां अन्य चार जिलों के मामलों की सुनवाई भी होगी। कुरुक्षेत्र से ट्रांसफर होकर पहला मामला एडीजे वन डॉ. अंशु शुक्ला की फास्ट ट्रैक कोर्ट में पहुंचा जहां पर मामले की सुनवाई के लिए 24 अप्रैल लगा दी गई है। इसी तरह अन्य फास्ट ट्रैक कोर्ट में भी गोवंश संबंधित मामले ट्रांसफर होने शुरू हो गए हैं।

    माना जा रहा है कि जल्द ही राज्य के सभी जिलों की कोर्ट में विचाराधीन सैकड़ों मामलों को इन चारों फास्ट ट्रैक कोर्ट में ट्रांसफर कर दिया जाएगा। यह कोर्ट अंबाला के अलावा नूंह, पलवल और हिसार में बनाई गई है।

    इस तरह से राज्य सरकार ने बनाया था कानून

    हरियाणा सरकार ने राज्य में गोमांस की तस्करी को रोकने को कानून और सख्त किया था। जिसे कैबिनेट में पास किया गया था। पहले सिर्फ एसडीएम की मौजूदगी में ही गोमांस और वाहन को हरियाणा पुलिस जब्त कर सकती थी लेकिन नए प्रस्ताव के बाद हरियाणा पुलिस के सब इंस्पेक्टर को भी गोमांस और वाहन को जब्त करने का अधिकार दिया गया था।

    हरियाणा में बीफ यानी गोमांस बेचने या खरीदने पर भी बैन लगाया गया और हरियाणा विधानसभा में गोवंश संरक्षण संवर्धन बिल 2015 के तहत बीफ पर बैन लगाया गया है। इस कानून के तहत राज्य में गोहत्या के लिए भी 10 साल के सश्रम कारावास का भी प्रविधान के साथ जुर्माने का भी प्रविधान है।

    इस तरह ट्रांसफर होंगे केस

    राज्य में सैकड़ों मुकदमे गोवंश को लेकर विभिन्न जिलों में दर्ज हैं। इनमें से अधिकतर मुकदमे जिलों की अदालतों में विचाराधीन हैं। हालांकि अब जो भी मामला दर्ज होगा उनको पुलिस फास्ट ट्रैक कोर्ट में भी लेकर आएगी। इसके अलावा जो मुकदमे दूसरे जिलों की अदालतों में हैं उनको फास्ट ट्रैक कोर्ट में ट्रांसफर किया जा रहा है।

    यह प्रक्रिया तब की जा रही है जब उस मुकदमे की तारीख आ रही है। जैसे यमुनानगर, पंचकूला, करनाल और कुरुक्षेत्र की अदालतों में गोवंश संबंधित मामलों की तारीख आएगी तो वह अंबाला की स्पेशल फास्ट ट्रैक कोर्ट भेज दिए जाएंगे। फिलहाल अंबाला की फास्ट ट्रैक कोर्ट में चार अंबाला के और 1 दूसरे जिले कुरुक्षेत्र का ट्रांसफर होकर आया है।