VIDEO : प्रिंसिपल बोलीं- बहुत बार फेल हुई, 20 लाख देकर बैठी हूं कुर्सी पर
स्टाफ के बीच प्रिंसिपल का 9 मिनट 36 सेकेंड की वीडियो क्लिप वायपरल हो रहा है। इसमें प्रिंसिपल यह कहती सुनाई दे रही हैं कि वह 20 लाख रुपये देकर इस कुर्स ...और पढ़ें

जेएनएन, अंबाला शहर। अब इसे ईमानदारी से भरी आत्म स्वीकृति कहें या गर्वोक्ति, प्रिंसिपल महोदया अपने स्टाफ के बीच सरेआम 20 लाख रुपये देकर कुर्सी पर बैठने का दावा कर रही हैं। उनके इस कथन की 9 मिनट 36 सेकेंड की वीडियो क्लिप वायरल हो रही है। इसमें एक बार नहीं बल्कि 12-13 बार प्रिंसिपल अलग-अलग बार बोल रही है कि वह प्रिंसिपल की कुर्सी पर फ्री में नहीं 20 लाख रुपये देकर बैठी हैं। हालांकि प्रिंसिपल ने क्लिप की आवाज के बारे में कहा है कि उनकी नहीं है।
सूत्र बताते हैं कि उनके 20 लाख रुपये देकर प्रिंसिपल बनने का दावा करने की शिकायत भी एक ग्रामीण ने निदेशालय में सितंबर में की थी, लेकिन अब तक हुआ कुछ नहीं। तीन माह पहले ही इन्होंने शहजादपुर के स्कूल में ज्वाइन किया है।
क्या क्लिप में
वायरल वीडियो में प्रिंसिपल अपने ही स्टाफ की एक मैडम से बेहद बदतमीजी से बात करती नजर आ रही हैं। वीडियो में बातचीत के प्रमुख अंश इस तरह से हैं...
प्रिंसिपल : 20 लाख रुपये देकर बैठी हूं प्रिंसिपल की सीट पर। इसी बीच वह मैडम बोल पड़ती हैं, जिनसे प्रिंसिपल की बहस चल रही है।
बात को काटते हुए गुस्साई प्रिंसिपल : आप तो हरियाणा में हो, आपको नहीं पता कैसे बैठी हूं मैं यहां? 20 लाख रुपये देकर आई हूं सरेआम, आपसे ज्यादा बार फेल हुई हूं। आज मुझसे स्टांप पेपर पर लिखवा लो। बहनजी मैं तो बहुत बार फेल हुई हूं।
- बीच में ही कुछ सदस्य आपस में बोल रहे हैं कि इसका स्टाफ मीटिंग बुलाकर बायकाट कर दो। प्रिंसिपल का गुस्सा शांत नहीं हो रहा। वह बोलती है कि मैं तेरी शक्ल देखने के लिए नहीं आती यहां।
- मैडम (जिससे बहस चल रही है) प्रिंसिपल से : आप तमीज से बोलो, 20 लाख देकर आई हो या 50 लाख। इज्जत दो, इज्जत लो। प्रिंसिपल है तो क्यों दूं इज्जत तुझे।
प्रिंसिपल (दूसरी मैडम से): जब तक तू रिटायर्ड नहीं होती तब तक इस रजिस्ट्रर का सारा काम तू ही करेगी। मैं तो फ्री की टट्टू हूं।
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मैडम (जिससे बहस चल रही है) : अगर आपके पास पावर है तो इसका मतलब यह नहीं कि आप जो मर्जी बोलो।
प्रिंसिपल बात को बीच में काटकर (दूसरी मैडम से) : आपको फरलो मिलती है मुझे नहीं मिलती।
विवाद को शांत करने के लिए स्टाफ का ही सदस्य बीच में प्रिंसिपल से बोलता है, मैडम कागजों और पेन का प्रयोग आप कम किया करो।
प्रिंसिपल जवाब देते हुए: 20 बार छोड़ा है इसे, ये बहुत होशियार है और मैं बेवकूफ हूं। क्या मैं छुट्टी पर चलूं या मरूं।
स्टाफ सदस्य : मैडम आप बात खत्म कैसे करेंगी?
प्रिंसिपल : शी विल नॉट सी माई फेस, ऑफ्टर शी इज हियर इन द स्कूल।
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मेरे पास अभी तक न तो कोई लिखित शिकायत आई है न ही वीडियो। यदि वीडियो वायरल हुई है और मैडम ने ऐसा बोला है तो सोमवार को निश्चित तौर पर मामले की जांच कराई जाएगी। यदि है तो निश्चित तौर पर बेहद गंभीर बात है।
सतपाल कौशिक, खंड शिक्षा अधिकारी, शहजादपुर।
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वह मेरी वीडियो हो ही नहीं सकती। जब स्कूल में मोबाइल फोन रखने की अनुमति ही नहीं है तो वीडियो कैसे बन गई। मुझे स्कूल का स्टाफ ब्लैकमेल कर रहा है। आज ब्लॉक ऑफिसर सतपाल कौशिक आए थे उन्होंने भी मुझे चुप रहने के लिए कहा। डीएसई ऑफिस भी गई थी, उन्हें भी बताया मुझे ब्लैकमेल किया जा रहा है। आर्डर बुक भी है मेरे पास।

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