अब रेल टिकट के लिए OTP होगा जरूरी, दलालों का चक्कर हो जाएगा खत्म, पढ़ें कब से लागू होगा नियम?
रेल मंत्रालय ने टिकट दलालों पर नकेल कसने के लिए एक नया नियम लागू किया है जिसके तहत अब आधार से लिंक मोबाइल नंबर पर ओटीपी के जरिए ही टिकट बुक हो सकेगी। यह नियम दीपावली और छठ पूजा के बाद लागू होगा। रेलवे ने आइआरसीटीसी और क्रिस को सिस्टम अपडेट करने के निर्देश दिए हैं।

दीपक बहल, अंबाला। रेल मंत्रालय ने दलालों पर शिकंजा कसने के लिए आधार कार्ड से लिंक मोबाइल नंबर का ओटीपी पर ही टिकट बुक करने का नियम बना दिया लेकिन यह नियम दीपावली और छठ पूजा त्योहार के बाद ही लागू हो पाएगा।
यानी कि इस त्योहारी सीजन में यात्रियों को इस नियम का लाभ नहीं मिल पाएगा, क्योंकि एक दिसंबर या फिर इसके बाद बुक होने वाली टिकटों पर ओटीपी की शर्त लागू हो पाएगी।
ट्रेन संचालन के शेड्यूल (किस तिथि और समय पर) पर चलनी है, उसके दो माह पहले ही टिकटों की बुकिंग शुरू हो जाती है। बुकिंग शुरू होने के कुछ सेकंड बाद ही ट्रेन की सभी सीटें बुक हो जाती हैं और यात्रियों को वेटिंग और नो रूम ही मिलता है।
उदाहरण के लिए यदि ट्रेन एक दिसंबर 2025 को कोई ट्रेन चलती है, तो उसके लिए टिकट एक अक्टूबर 2025 को सुबह आठ बजे बुक कर सकते हैं।
मंत्रालय ने आठ बजे से लेकर सवा आठ बजे (15 मिनट तक) तक जो भी टिकटें इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कारपोरेशन (आइआरसीटीसी) की वेबसाइट पर बुक होंगी।
उस पर ओटीपी का नियम बना दिया है जो एक अक्टूबर से लागू हो जाएगा। मंत्रालय ने सेंटर फार रेलवे इनफार्मेशन सिस्टम (क्रिस) को अपने सिस्टम को अपडेट करने के भी निर्देश दिए हैं। हालांकि दीपावली और छठ पूजा पर टिकटें पहले से ही बुक हो चुकी हैं, इसलिए यात्रियों को दिसंबर में बुक होने वाली टिकटों पर लाभ मिल पाएगा।
इस तरह से दलालों का चलता है नेटवर्क
त्योहारी सीजन में सामान्य रिजर्वेशन हो या फिर तत्काल टिकट। कंफर्म टिकट लेना यात्रियों के लिए बड़ी चुनौती होता है। सुबह यात्री खिड़की खुलने से पहले लाइन में लगते है या फिर दो माह प हले बुकिंग ओपन होते ही आनलाइन टिकट बुकिंग शुरू कर देते हैं।
किंतु दलालों के पास इंटरनेट और टिकट बुक करने वाले ऑपरेटरों की स्पीड यात्रियों की तुलना में अधिक होती है। ऐसे में दो महीने पहले टिकट मिलना शुरू होता है और सेकंडों में एक ही ट्रेन में हजारों टिकटें बुक हो जाती थीं।
रेलवे ने 15 मिनट की शर्त इसलिए लगा दी कि यदि दलालों के ऑपरेटर टिकटों को बुक करने का प्रयास भी करेंगे तो ओटीपी की शर्त इसे पूरा नहीं होने देगी। इसी तरह अधिकृत एजेंटों के लिए भी गाइडलाइन जारी की हैं।
रेलवे पहले स्टेशनों पर ओटीपी को लेकर लगा चुका है शर्त
रेल मंत्रालय सिर्फ आइआरसीटीसी की वेबसाइट नहीं बल्कि स्टेशन पर होने वाली बुकिंग को लेकर भी गंभीर नजर आ रहा है। अधिकृत एजेंट या दलाल स्टेशनों से भी टिकटों की बुकिंग न करवा पाए। इसके लिए रेलवे स्टेशनों पर यात्री जब तत्काल टिकट बुक करवा रहे हैं तो उन्हें ओटीपी भी बताना पड़ रहा है।
ऐसे में जिस व्यक्ति ने सफर करना है, उसका ही आधार लिंक ओटीपी मान्य है। एक जुलाई से लागू हुए नियमों के तहत आइआरसीटीसी और इसके ऐप पर आधार लिंक मोबाइल नंबर पर ही तत्काल टिकट बन रहा है। इसके अलावा अधिकृत एजेंट एसी क्लास के लिए सुबह 10 बजे से 10:30 बजे तक तत्काल टिकट बुक नहीं कर सकेंगे।
इसी तरह सुबह 11 से 11:30 बजे तक नान एसी क्लास की तत्काल टिकट भी एजेंट बुक नहीं कर सकेंगे। रेलवे ने अधिकृत एजेंटों पर शिकंजा कसके अच्छी पहल की है, लेकिन देश भर में दलालों का नेटवर्क फैला है, जो छोटे स्टेशनों से तत्काल की टिकट बुक करवाकर खेल करते हैं।
छोटे स्टेशनों से टिकटें बुक करवाकर दूसरे राज्य भेजने के कई मामले सामने आ चुके हैं, जिसके बाद अब रेलवे ने कदम उठाया है, लेकिन अभी भी कई रास्ते खुले हैं। इसी को लेकर रेलवे ने सेंटर फार रेलवे इनफार्मेशन सिस्टम (क्रिस) व आइआरसीटीसी को भी आवश्यक बदलाव करने के निर्देश दिए हैं।
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