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    Train Chain Pulling: बदलेगा अंग्रेजों के जमाने का चेन पुलिंग सिस्टम, पारदर्शी बॉक्स में 'कैद' होगी जंजीर

    By Deepa BehalEdited By: Rajat Mourya
    Updated: Sat, 12 Aug 2023 09:24 PM (IST)

    अब यात्री ट्रेनों को बेवजह रोकने के लिए चेन पुलिंग नहीं कर पाएंगे। अंग्रेजों के जमाने का चेन पुलिंग सिस्टम बदला जाएगा। रेलवे ने तय किया है कि अब ट्रेन को रोकने के लिए लगाई गई जंजीर को एक पारदर्शी बॉक्स में बंद किया जाएगा। ऐसे में कोई भी लापरवाही से ट्रेन को नहीं रोकेगा। वहीं अगर आपात स्थिति में ट्रेन को रोकना पड़ा तो बॉक्स को पहले तोड़ना होगा।

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    बदलेगा अंग्रेजों के जमाने का चेन पुलिंग सिस्टम, पारदर्शी बॉक्स में 'कैद' होगी जंजीर

    अंबाला, दीपक बहल। अब तक यात्री अपनी सुविधानुसार कभी भी और कहीं भी चेन पुलिंग कर ट्रेन को रोक लेते हैं। इससे अन्य यात्रियों को तो परेशानी होती ही है, ट्रेन भी घंटों लेट हो जाती है। रेलवे सुरक्षा बल (RPF) को भी एफआईआर दर्ज करनी होती है और कोर्ट में भी कागजी कार्यवाही करनी होती है। चेन पुलिंग के बढ़ते मामलों पर अफसरशाही भी मंथन करती रही।

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    अब तय किया गया कि अंग्रेजों के जमाने से चले आ रहे चेन पुलिंग सिस्टम में बदलाव होगा। ट्रेन के डिब्बे में जहां पर भी चेन खींचने की व्यवस्था है, उसके आगे मजबूत पारदर्शी बॉक्स लगाया जाएगा। आपातकालीन स्थिति में यदि ट्रेन रुकवानी होगी, तो पहले बॉक्स को तोड़ना होगा। इसके बाद चेन खींचनी होगी।

    इस संबंध में लखनऊ स्थित रिसर्च एंड डिजाइन एंड स्टैंडर्ड ऑर्गेनाइजेशन ने देशभर के सभी जोन के प्रिंसिपल चीफ मैकेनिकल इंजीनियर (पीसीएमई) को चिट्ठी लिखी है। अब लिंक हॉफमैन बुश (HLB) कोच में यह व्यवस्था की जाएगी।

    12 हजार से अधिक यात्री ट्रेनें

    देश में 12 हजार 167 से अधिक यात्री ट्रेनें हैं। इन में रोजाना 2 करोड़ 30 लाख से अधिक यात्री सफर करते हैं। ट्रेन को रोकने और दौड़ाने के लिए लोको पायलट की निगाहें सिर्फ सिग्नल पर होती हैं, लेकिन आपातकालीन स्थिति में यदि ट्रेन को रोकना है, तो इसकी भी ट्रेन के हर डिब्बे में व्यवस्था की है।

    डिब्बे में तीन-चार जगहों पर चेन हैंडिल लटका होता है। इससे खींचने से ट्रेन रुक जाती है और फिर इसे चलने में कम से कम तीन से चार मिनट का समय लग जाता है। रेलवे में चेन पुलिंग के मामलों में रेलवे गंभीरता से लेता है और समीक्षा होती है कि किस-किस जोन में चेन पुलिंग के मामले बढ़े और इसा क्या कारण रहा।

    समय सारणी से लेकर मशीनों तक पर पड़ता है असर

    चेन पुलिंग से न केवल हजारों यात्री ही परेशान नहीं होते, बल्कि रेलवे की समय सारणी से लेकर मशीनों पर भी असर पड़ता है। अब बढ़े मामलों की समीक्षा हुई तो पता चला कि करीब 25 प्रतिशत मामले ऐसे पाए गए जिसमें यात्री भी नहीं चाहते और आपात स्थिति भी नहीं थी, जबकि लापरवाही से ऐसा किया गया।

    समीक्षा में पता चला कि यात्री अपने हैंडबैग को इस चेन के साथ लटका देते हैं, जबकि कई बार तो यात्री ऊपर की बर्थ से नीचे उतरने के लिए इसे एक सहारे के तौर पर इस्तेमाल करते हैं। चेन पुलिंग होने के कारण ट्रेन रुक जाती है।

    एलएचबी के हर डिब्बे में लगेंगे पारदर्शी बॉक्स

    एलएचबी के हर डिब्बे में अब पारदर्शी बॉक्स लगाए जाएंगे, ताकि किसी को यदि आपातकालीन स्थिति में ट्रेन को रोकना है तो चेन के सामने लगे बॉक्स को हटाकर या तोड़कर इसे खींचना होगा। ऐसे में यात्रियों की लापरवाही से ट्रेन रुकने की संभावनाएं खत्म हो जाएंगी। अब जब बढ़े मामलों में यात्रियों को पकड़ा गया, तो कुछ ने कहा कि अंजाने में चेन खिंच गई है, जबकि उनकी ऐसी कोई मंशा नहीं थी।

    एक साल की सजा और जुर्माने की सजा

    रेलवे में चेन पुलिंग बिना बात के करना अपराध माना जाता है। कोई ठोस कारण होने पर ही चेन को खींचने की व्यवस्था की है। यदि यात्री चेन खींच देते हैं, तो आरपीएफ रेलवे एक्ट की धारा 141 के तहत मामला दर्ज करती है और यात्री को गिरफ्तार करती है। हालांकि बाद में जमानत मिल जाती है लेकिन कोर्ट तक यह मामला जाता है। इस में एक साल की सजा और एक हजार रुपये जुर्माने का भी प्रावधान है।