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    अंबाला से कोटा पहुंचा विश्व का सबसे ऊंचा रावण, रिकॉर्ड बुक में होगा शामिल; तैयार करने में लगे चार महीने

    Updated: Tue, 30 Sep 2025 06:55 PM (IST)

    अंबाला के कारीगर तेजेंद्र चौहान ने 221 फीट ऊंचे रावण के पुतले को बनाया जो कोटा राजस्थान में खड़ा किया जाएगा। इस पुतले को बनाने में 44 लाख रुपये का खर्च आया है और यह एशिया बुक और इंडिया बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में शामिल होने जा रहा है। पुतले का वजन साढ़े तेरह टन है और इसे खड़ा करने के लिए दो हाइड्रोलिक क्रेन का उपयोग किया गया।

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    अंबाला से कोटा पहुंचा विश्व का सबसे ऊंचा रावण। फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, अंबाला। राजस्थान का कोटा शहर इस बार विश्व के सबसे ऊंचे रावण के पुतले का गवाह बनेगा। अंबाला के कारीगर तेजेंद्र चौहान ने चार माह की मेहनत के बाद 221 फीट ऊंचे रावण के पुतले को तैयार किया है जो जल्द ही एशिया बुक और इंडिया बुक आफ वर्ल्ड रिकार्ड्स में शामिल होने जा रहा है। तकनीकी विशेषज्ञों की टीम ने इसकी पैमाइश की है। पुतले का चेहरा फाइबर से तैयार किया गया है। यह पुतला करीब साढ़े तेरह टन वजनी है।

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    इसे खड़ा करने के लिए दो हाइड्रोलिक क्रेन की मदद लेनी पड़ी। यह पुतला पांच किलोमीटर की दूरी से भी दिखाई देता है। बता दें कि तेजेंद्र चौहान अंबाला और पंचकूला में पहले 210 फीट ऊंचे रावण के पुतले तैयार कर चुके हैं। दशहरा मेला समिति अध्यक्ष विवेक राजवंशी, मेला अधिकारी अशोक कुमार त्यागी की देखरेख में यह आयोजन किया जा रहा है। रावण का पुतला तैयार करने में 44 लाख रुपये का खर्च आया है।

    रावण का पुतला खड़ा करने में जहां दो हाइड्रोलिक मशीनों का सहारा लेना पड़ा, वहीं, लोहे के आठ भारी तारों से इसे बांधा गया है ताकि यह गिरे नहीं। पुतले को 15 गुणा 25 फीट के प्लेटफार्म पर खड़ा किया गया है। इस खड़ा करने के लिए दो क्रेन सहित करीब पचास लोगों को जुटना पड़ा। करीब चार घंटे का समय इसे पूरी तरह से खड़ा करने में लगा है। इस तरह से बढ़ी ऊंचाई रावण का पुतला 221 फीट ऊंचा तैयार किया गया है।

    तेजेंद्र चौहान ने बताया कि रावण के सिर पर 58 फीट का मुकुट सजाया गया है, जबकि चेहरा 25 फीट, गर्दन 8 फीट और धड़ 90 फीट का है। पैरों की ऊंचाई 40 फीट है, जबकि जूतियों की ऊंचाई दस फीट है। इसी तरह रावण के हाथ में तलवार 50 फीट की है, जबकि जूते की लंबाई 40 फीट है।

    रावण के पुतले में साढ़े नौ हजार किलो लोहा लगाया है, जबकि 24 फीट लंबाई के डेढ़ हजार बांस व चार हजार मीटर वेलवेट का कपड़ा इस्तेमाल किया गया है। तेजेंद्र चौहान ने बताया कि रावण के पुतले में रिमोट कंट्रोल सिस्टम 25 लगाए गए हैं। इसी तरह पंद्रह हजार ग्रीन पटाखे भी लगाए गए हैं। इसके अलावा मेघनाद और कुंभकर्ण के पुतले 60-60 फीट के हैं, जबकि इन में दस-दस रिमोट कंट्रोल सिस्टम व चार-चार हजार आतिशबाजी लगाई गई हैं।