Tatkal Ticket Booking पर अब दलाल नहीं कर पाएंगे खेल, लग गया बड़ा बैरियर; जानिए बदला हुआ नियम
रेल मंत्रालय ने तत्काल टिकटों में दलाली रोकने के लिए नया नियम लागू किया है। अब आईआरसीटीसी और ऐप पर आधार से लिंक मोबाइल नंबर से ही तत्काल टिकट बुक होंगे। एजेंटों के लिए एसी और नॉन-एसी क्लास की टिकट बुकिंग का समय भी निर्धारित किया गया है। स्टेशन पर बुकिंग के लिए ओटीपी अनिवार्य किया गया है।

दीपक बहल, अंबाला। रेल मंत्रालय ने तत्काल टिकटों में दलालों के नेटवर्क को तोड़ने के लिए बड़ा फैसला लिया है, लेकिन यात्री की सहभागिता से ही इस खेल पर पूरी तरह से अंकुश लग सकता है। एक जुलाई से इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कारपोरेशन (आईआरसीटीसी) और इसके एप पर आधार लिंक मोबाइल नंबर से ही तत्काल टिकट बन पाएगा।
यह योजना स्टेशनों पर 15 जुलाई से लागू कर दी जाएगी। इसके अलावा अधिकृत एजेंट एसी क्लास के लिए सुबह 10 बजे से 10:30 बजे तक तत्काल टिकट बुक नहीं कर सकेंगे।
सुबह 11 से 11:30 बजे तक नॉन एसी क्लास की तत्काल टिकट भी एजेंट बुक नहीं कर सकेंगे। रेलवे ने अधिकृत एजेंटों पर शिकंजा कस कर अच्छी पहल की है, लेकिन देश में दलालों का बड़ा नेटवर्क है, जो छोटे स्टेशनों से तत्काल की टिकट बुक करवाकर खेल करते हैं।
ऐसे कई मामले सामने आने के बाद रेलवे ने यह कदम उठाया है। लेकिन अभी भी कई रास्ते खुले हैं। इसको लेकर रेलवे ने सेंटर फॉर रेलवे इनफार्मेशन सिस्टम (क्रिस) व आईआरसीटीसी को भी आवश्यक बदलाव करने के निर्देश दिए हैं।
स्टेशनों से बुकिंग पर ओटीपी की शर्त रेलवे स्टेशनों से अब यात्री जब तत्काल टिकट बुक करवाएंगे तो उन्हें ओटीपी भी बताना होगा। ऐसे में जिस व्यक्ति ने सफर करना है, उसका ही आधार लिंक ओटीपी मान्य होगा।
रेलवे के सर्कुलर में यह स्पष्ट नहीं किया गया कि ऐसे हालात में टिकट बुक होगी या नहीं। जिस व्यक्ति ने सफर करना है, वह घर पर है और किसी अन्य व्यक्ति के माध्यम से टिकट बुक हो रही है उसे फोन करके ओटीपी लेना होगा या फिर मोबाइल साथ लाना होगा।
तत्काल टिकटों की बुकिंग चंद मिनटों में खत्म हो जाती है। यदि लाइन में लगा व्यक्ति फोन कर ओटीपी पूछेगा तो पीछे लगे यात्रियों की तत्काल टिकट निकलना आसान नहीं होगा। माना जा रहा है कि इसको लेकर भी रेलवे गाइडलाइन जारी करेगा।
मौजूदा समय में एक बार में चार तत्काल टिकटें जारी होती हैं भविष्य में भी आधार कार्ड पर चार टिकटें जारी होंगी। इस तरह से छोटे स्टेशनों पर चलता है खेल रेलवे में यात्रियों की सहमति से भी दलाल तत्काल टिकटें बनाते हैं और फिर यह टिकटें कोरियर के माध्यम से यात्रियों तक पहुंच जाती हैं। रेलवे के सर्कुलर में इस खेल पर कैसे अंकुश लगे यह स्पष्ट नहीं है।
रेलवे में श्रीनगर के कुपवाड़ा और पुलवामा से तत्काल की टिकटें उत्तर प्रदेश के गोरखपुर और लखनऊ के लिए बनाने का भी खेल सामने आ चुका है। इसी तरह दलाल चंडीगढ़ से मुंबई हवाई जहाज के माध्यम से टिकटें भेजते रहे हैं।
न्यू जलपाईगुड़ी से तिरुअनंतपुरम, कल्याण से शाहगंज, लोकमान्य तिलक टर्मिनस से वाराणसी, हावड़ा से चेन्नई, मंसूरपुर से चेन्नई आदि स्टेशनों की टिकटों को चंडीगढ़ से बुक कराया गया था, जिसे विजिलेंस ने जब्त किया था। इन टिकटों पर यात्रियों का नाम और मोबाइल नंबर सही था। ऐसे में यदि अब दलाल यात्री से फोन पर ओटीपी पूछकर टिकट बनवा लेते हैं, तो इस पूरे खेल पर अंकुश लगाने में कमी रह जाएगी।
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