हिमाचल के रास्ते हरियाणा में आएगा SYL नहर का पानी, बनेगा 67 KM का रूट; 4200 करोड़ होंगे खर्च
हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंद्र सुक्खू 22 अप्रैल को जब चंडीगढ़ आए थे और उनकी मुख्यमंत्री मनोहर लाल से वार्ता हुई थी तभी एसवाईएल का पानी वैकल्पिक रास्त ...और पढ़ें

चंडीगढ़, अनुराग अग्रवाल। हरियाणा की भाजपा सरकार लोकसभा चुनाव से पहले एसवाईएल नहर का पानी अपने राज्य में लाने का मार्ग तैयार कर लेना चाहती है। इसके लिए हरियाणा सरकार ने अपने पड़ोसी राज्य हिमाचल प्रदेश के सहयोग से सतलुज यमुना लिंक नहर का पानी लाने का विकल्प तैयार किया है। इस विकल्प पर 67 किलोमीटर का रूट बनेगा, जिस पर नहर बनाने में 4200 करोड़ रुपये का खर्च आना प्रस्तावित है। बात सिर्फ हिमाचल प्रदेश के मुनाफे को लेकर अटकी हुई है।
नहर के रूट प्लान, प्रस्तावित खर्च और हिमाचल प्रदेश के मुनाफे समेत कई मुद्दों पर बातचीत करने के लिए हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल की पांच जून को हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंद्र सुक्खू के साथ मीटिंग होने वाली है। दक्षिण हरियाणा के लिए सतलुज यमुना लिंक नहर का पानी मिलना बेहद जरूरी है। यहां के महेंद्रगढ़, रेवाड़ी और भिवानी जिलों में सिंचाई के लिए पानी की बहुत किल्लत है। हालांकि, राज्य सरकार ने पुरानी नहरों में पानी की व्यवस्था कराई है, लेकिन वह पर्याप्त नहीं है।
दक्षिण हरियाणा में पानी की किल्लत
पानी नहीं मिलने के चलते हर साल हजारों एकड़ जमीन में फसल नहीं हो पाती। इससे दक्षिण हरियाणा का किसान मध्य व उत्तर हरियाणा के किसान की अपेक्षा आर्थिक रूप से कमजोर रह जाता है। हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंद्र सुक्खू 22 अप्रैल को जब चंडीगढ़ आए थे और उनकी मुख्यमंत्री मनोहर लाल से वार्ता हुई थी, तभी एसवाईएल का पानी वैकल्पिक रास्ते से हरियाणा लाने के विकल्प पर बातचीत आरंभ हो गई थी, जिसे अब निर्णायक मोड तक पहुंचाने की जरूरत है।
पंजाब के रास्ते से हरियाणा में पानी लाने पर 157 किलोमीटर की दूरी बनती है। हालांकि, पंजाब किसी भी सूरत में हरियाणा को पानी नहीं देने की जिद पर अड़ा हुआ है और दलील दे रहा है कि पंजाब सरकार ने अधिगृहित जमीन किसानों को वापस कर दी है, ऐसे में हरियाणा सरकार ने पंजाब की बजाय हिमाचल प्रदेश के रास्ते 67 किलोमीटर की नहर बनाकर पानी लेने का रास्ता तैयार किया है। इसी रूट प्लान को जरूरत पड़ने पर हरियाणा सरकार सुप्रीम कोर्ट में भी दाखिल कर सकती है।
एसवाईएल से नालागढ़, बद्दी, पिंजौर और टांगरी के रास्ते जनसुई हेड अंबाला में पानी लाकर पूरे हरियाणा को पानी वितरित किया जा सकता है। हरियाणा के इस प्रस्ताव पर हिमाचल मुनाफा मांग रहा है। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंद्र सुक्खू कह चुके हैं कि अगर हिमाचल को लाभ होगा तो हरियाणा को हिमाचल के रास्ते सतलुज का पानी दिया जा सकता है। उनका कहना था कि अगर हरियाणा इस प्रोजेक्ट को अपनी लागत पर करना चाहता है, तो हिमाचल सहमत है, लेकिन हिमाचल की भी कुछ आय होनी चाहिए।
हिमाचल के साथ आधा दर्जन मुद्दों पर होगी बातचीत
मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने बताया कि हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री के साथ हमारी पांच जून को अहम बैठक होने जा रही है। इसमें किसाऊ बांध का निर्माण करना, दादूपुर से हमीदा हेड न्यू लिंक चैनल का निर्माण, सरस्वती नदी का कायाकल्प और हेरीटेज विकास परियोजना शामिल है। एसवाईएल नहर के पानी को वाया हिमाचल प्रदेश लाने पर हम गंभीरता से विचार कर रहे हैं। इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर भी हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री के साथ वार्ता होगी।
उन्होंने आगे बताया कि बिजली पर सैस लगाने जैसे अहम मुद्दे चर्चा का विषय रहेंगे। हमने अपने अधिकारियों को राज्य के जलभराव वाले क्षेत्रों के पानी की निकासी सूखाग्रस्त क्षेत्रों तक करने के लिए व्यापक स्तर पर योजनाएं तैयार करने को कहा है। राजस्थान से आने वाले पानी को जगह जगह तालाब बनाकर रोकने पर भी हम काम कर रहे हैं।

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