Ambala News: ट्रेवल एजेंट की हत्या में आजीवन कारावास की सजा काट रहा पैरोल पर फरार, गोली मारकर उतारा था मौत के घाट
ट्रेवल एजेंट की हत्या के आरोप में आजीवन कारावास की सजा काट रहा रणप्रीत पैरोल पर फरार हो गया। उसे 28 मार्च 2025 को जेल में सरेंडर करना था लेकिन वह नहीं लौटा। पुलिस ने उसके खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। रणप्रीत ने विदेश जाने के लिए एजेंट को पैसे दिए थे लेकिन उसे इराक भेज दिया गया जहां उसे परेशानी हुई।

संवाद सहयोगी, नारायणगढ़। ट्रैवल एजेंट की हत्या का आरोपित गांव ब्राह्मण माजरा का रहने वाला रणप्रीत पैरोल पर बाहर आकर फरार हो गया। उसे दस दिन की पैरोल मिली थी जबकि उसे 28 मार्च 2025 को जेल में सरेंडर करना था, लेकिन उसने नहीं किया।
इस दौरान पुलिस भी आरोपित की तलाश करती रही, लेकिन वह नहीं मिला। अब थाना नारायणगढ़ पुलिस ने रणप्रीत सिंह निवासी गांव ब्राह्मण माजरा के खिलाफ केस दर्ज करके कार्रवाई शुरू की है। जानकारी के अनुसार हत्या के आरोप में रणप्रीत सिंह आजीवन कारावास की सजा काट रहा है।
उसका चाल चलन भी इस दौरान जेल में ठीक था। इसी को लेकर उसने पैरोल के लिए आवेदन किया था। इसी पर सारी परिस्थिति देखते हुए उसे 18 मार्च 2025 को दस दिनों की पैरोल मंजूर हुई थी। उसे ठीक दस दिन बाद यानी 28 मार्च 2025 को सेंट्रल जेल अंबाला में सरेंडर करना था, लेकिन उसने सरेंडर नहीं किया। इसी पर पुलिस ने भी आरोपित की तलाश की, लेकिन उसका कोई सुराग अब तक नहीं लग पाया है।
विदेश भेजने के लिए थे अधिक रुपये
दरअसल रणप्रीत सिंह ने विदेश जाने के लिए ट्रैवल एजेंट से बात की थी। रणप्रीत का कहना था कि एजेंट ने एक तो उससे रुपये अधिक ले लिए थे, जबकि उसे इराक भेज दिया। इराक में ऐसे हालात थे कि उसे खाना तक नहीं मिलता था। इसी को लेकर वह परेशान था और किसी तरह अपने घर वापस आ गया था।
वह एजेेंट से बात करने के लिए गया था। मई 2019 में वह एजेंट के कार्यालय गया, जहां पर आजाद अपने बड़े भाई सेवा सिंह व सहयोगी अशोक कुमार के साथ बैठा था। यह कार्यालय नारायणगढ़ से करीब दो सौ मीटर की दूरी पर था। रणप्रीत कार्यालय पहुंचा और एजेेंट से बात की।
इसी दौरान बहाबाजी हो गई। बहस इतनी बढ़ गई कि मामला बिगड़ गया। रणप्रीत अपने साथ देसी कट्टा व कारतूस लेकर आया था। गुस्से में आकर रणप्रीत ने आजाद सिंह पर फायर कर दिया, जो उसके पेट में लगा, जिससे उसकी मौत हो गई। इसी केस में रणप्रीत सिंह को गिरफ्तार किया गया।
अदालत ने आरोपित को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। इस बारे में जांच अधिकारी संदीप कुमार से बात की तो उन्होंने बताया कि हत्या के केस में आरोपित रणप्रीत को पैरोल मिली थी, लेकिन वह फरार हो गया। हत्या के केस के बारे में बात की तो उन्हाेंने बताया कि इस बारे में वे एफआइआर देखकर ही बता सकते हैं, क्योंकि अभी मामला उनके पास आया है।

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