Haryana News: बसपा सचिव के हत्यारों पर दो लाख का इनाम, गैंगस्टर वेंकट समेत 8 पर केस दर्ज; हत्या की वजह आई सामने
नारायणगढ़ विधानसभा सीट से बसपा-इनेलो के प्रत्याशी हरबिलास की हत्या के मामले में पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है। आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए 2 लाख रुपये के इनाम की घोषणा की गई है। साथ ही गैंगस्टर वेंकट गर्ग उसके चाचा वरुण गर्ग साईं धाम समिति के अध्यक्ष मनीष मित्तल सहित 8 लोगों पर केस दर्ज किया गया है। हालांकि पुलिस ने इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की है।
जागरण संवाददाता, अंबाला/नारायणगढ़। नारायणगढ़ विधानसभा सीट से बसपा-इनेलो के प्रत्याशी रहे एवं बसपा जिला सचिव हरबिलास की हत्या करने वालों पर पुलिस ने शनिवार को दो लाख रुपये का इनाम रखा है। साथ ही आठ लोगों पर केस दर्ज किया है, जिनमें गैंग्सटर वेंकट गर्ग, उसके चाचा वरुण गर्ग, साईं धाम समिति के अध्यक्ष मनीष मित्तल, वेंकट गर्ग के दोस्त साहिल, अजय गर्ग, उसकी पत्नी व दो बेटों तुषार और नेहल गर्ग का नाम बताया जा रहा है। हालांकि, पुलिस ने इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की।
94 मरले के प्लॉट का विवाद और वेकंट गर्ग से रंजिश हत्याकांड की वजह बताई जा रही है। शक की सुई विजय मोदगिल उर्फ गूगल पंडित पर भी है। पुलिस का मानना है कि हमलावरों ने 15-20 गोलियां बरसाईं, लेकिन गूगल पंडित को एक भी गोली नहीं लगी। हरबिलास की हत्या से पहले शुक्रवार को वेंकट गर्ग और गूगल पंडित मोबाइल फोन पर करीब 16 बार बातचीत हुई थी।
वहीं, आरोपितों की गिरफ्तारी न होने से गुस्साए दुकानदारों व अन्य लोगों ने बाजार बंद करवाए और नारायणगढ़ में अग्रसेन चौक पर दो घंटे जाम लगाया। एसपी सुरेंद्र सिंह भोरिया मौके पर पहुंचे और आश्वासन दिया कि आरोपितों की धरपकड़ के लिए दबिश जारी है। हिमाचल प्रदेश तक छापेमारी की गई है। हत्यारों की सूचना देने वाले को दो लाख रुपये इनाम दिया जाएगा।
कुछ लोगों को हिरासत में भी लिया गया है। पूछताछ जारी है। इस आश्वासन के बाद स्वजन माने और हरबिलास का अंतिम संस्कार किया।
हरबिलास ने अजय गर्ग से खरीदना था प्लॉट
नारायणगढ़-कालाआंब हाईवे पर वर्ष 2022 में हरबिलास ने अजय गर्ग से 94 मरले का प्लॉट खरीदना तय किया था। इसका बयाना भी हुआ, लेकिन भाईचारे की वजह से बयाने के बावजूद तय समय में रजिस्ट्री नहीं हुई। इस दौरान प्लॉट की कीमत कई गुणा बढ़ गई।
हरबिलास ने रजिस्ट्री कराने को कहा तो अजय गर्ग ने बढ़े हुए रेट के हिसाब से पैसे मांगे। मनीष मित्तल ने मध्यस्थता करते हुए 1.75 करोड़ रुपये में सौदा तय कर दिया और उसके कहने पर हरबिलास ने वेंकट को 1.75 करोड़ रुपये दे दिए, लेकिन अजय गर्ग ने रजिस्ट्री नहीं कराई।
गूगल पंडित ने मनीष मित्तल, वेंकट और हरबिलास के बीच मध्यस्थता की और हरबिलास के रुपये लौटाने की बात तय हुई। वेंकट ने शुक्रवार शाम हरबिलास को रुपये देने के लिए आहलुवालिया पार्क के पास बुलाया। तब विजय मोदगिल भी हरबिलास के साथ था।
इसी दौरान हरबिलास की गोलियां मारकर हत्या कर दी गई। वेंकट को यह भी शक था कि दो जुलाई 2024 को उस पर हरबिलास ही ने हमला कराया था। वेंकट पहले भी दर्ज हैं कई मामले वेंकट पर हत्या, फिरौती मांगने समेत कई मामले पहले से भी दर्ज हैं।
यमुनानगर के पूर्व विधायक दिलबाग सिंह भाई राजिंदर सिंह के कार्यालय में घुसकर फायरिंग की थी। जब सेंट्रल जेल में बंद था तो वार्डर पर पेचकस से हमला किया था।
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