देश की 16 बेटियों ने यूएन मिशन में निभाई भूमिका, अग्निवीर से खुले महिला सैनिक भर्ती के रास्ते
देश की 16 बेटियों ने यूएन मिशन में मुख्य भूमिका निभाई थी। मेजर जनरल महाजन बोले - साल 2019-20 में हुई थी पहली महिला सैनिक भर्ती रैली। पहली भर्ती रैली में चुनी गई महिलाओं को सेना पुलिस में दी गई थी तैनाती।

अंबाला, जागरण संवाददाता। सेना में शामिल देश की 16 बेटियों ने यूनाइटेड नेशंस (यूएन) के मिशन में अपनी सेवाएं दे चुकी हैं। देश की सेना में महिलाओं की भर्ती के लिए रास्ते खुल चुके हैं। यह जानकारी मेजर जनरल रंजन महाज ने अंबाला कैंट के खड्गा स्टेडियम में चल रही अग्निवीर महिला भर्ती रैली के दौरान दी। उन्होंने हरियाणवी अंदाज में कहा- म्हारी छोरियां छोरों से कम नहीं हैं। इस रैली में बेटियों का जोश देखते ही बन रहा है। उन्होंने बताया कि किस तरह से अंबाला में भर्ती रैली का आयोजन किया गया।
इस तरह से सेना में खुला रास्ता
साल 1992 में भारतीय सेना में महिला अधिकारियों के लिए रास्ते खोले गए थे। इसके बाद से महिलाओं ने देश की सेना में शामिल होकर अपनी सेवाएं दीं। इसके बाद साल 2016 में चर्चाएं हुईं कि क्यों न महिलाओं को बतौर सैनिक सेना में शामिल किया जाए, जिसका प्रस्ताव साल 2017 में रखा गया। इसके बाद साल 2019-20 में महिला सैनिकों की भर्ती के लिए रैली का आयोजन किया गया। इस दौरान सौ महिला सैनिकों की भर्ती की गई। इन सभी महिला सैनिकों को साल 2020 में ही ट्रेनिंग मिली, जबकि इसके बाद साल 2021 में इनको अलग-अलग स्टेशनों पर तैनाती दी गई। इन सभी को सेना पुलिस में तैनात किया गया। अब अग्निवीर महिलाओं की भर्ती प्रक्रिया को शुरू किया गया है। पुरुष वर्ग में जहां चालीस हजार अग्निवीरों को भर्ती किया जाएगा, वहीं अभी महिलाओं की संख्या को लेकर साफ नहीं हैं।
अंबाला में महिला अग्निवीरों का मेडिकल टेस्ट होगा
अंबाला में अग्निवीरों की भर्ती के लिए मंगलवार को अंतिम बैच का चयन किया गया। इस दौरान जिन महिलाओं को सिलेक्ट किया गया, उनका मेडिकल टेस्ट बुधवार को किया जाएगा। यहां पर अब मेडिकल विशेषज्ञ इनका चेकअप करेंगे। इसके बाद आगामी प्रक्रियाओं के बाद जिन भी महिलाओं का चयन होगा। उनको ट्रेनिंग सेंटर के लिए रवाना किया जाएगा।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।