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    रेल यात्रियों को एक और सुविधा, स्टेशनों के आसपास मोबाइल से ही मिल जाएगा टिकट; जानिए नियम और पूरी प्रक्रिया

    Updated: Mon, 30 Jun 2025 10:14 PM (IST)

    भारतीय रेलवे यात्रियों की सुविधा और रोजगार बढ़ाने के लिए नई योजना ला रही है। अब रिटायर रेलकर्मी और आम नागरिक मोबाइल से टिकट जारी कर सकेंगे। 150 किमी तक की टिकट पर 3% कमीशन मिलेगा। आवेदक 10वीं पास होना चाहिए और सिक्योरिटी जमा करनी होगी। यह योजना दिवाली और छठ पूजा जैसे त्योहारों पर यात्रियों के लिए उपयोगी होगी। सीनियर डीसीएम के अनुसार इससे यात्रियों को काफी फायदा होगा।

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    स्टेशनों के आसपास मोबाइल से ही मिल जाएगा टिकट। फाइल फोटो

    दीपक बहल, अंबाला। भारतीय रेल अब यात्रियों को और सुविधाएं प्रदान करने तथा रोजगार के भी अवसर खोलने जा रही है। बड़े स्टेशनों के आसपास अब रिटायर रेल कर्मी हो या फिर आम व्यक्ति वह मोबाइल से ही रेल टिकट जारी कर देगा।

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    इस मोबाइल के साथ प्रिंटर भी होगी और इसके कनेक्टिविटी सेंटर फॉर रेलवे इनफॉर्मेशन सिस्टम (क्रिस) से होगी। स्टेशन के किस लोकेशन पर यह टिकट जारी किए जा सकेंगे, यह कामर्शियल विभाग के अधिकारी तय करेंगे।

    पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर भले ही बड़े स्टेशनों को शामिल किया गया है, लेकिन त्योहारी सीजन में कई जोन में यह पालिसी लागू हो जाएगी। हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर सहित अन्य जगहों से उत्तर प्रदेश और बिहार के लिए दीवाली और छठ पूजा पर भीड़ बढ़ जाती है।

    इसलिए अंबाला रेल मंडल ने भी 10 एम-यूटीएस खरीदकर रखे हैं। इस योजना से यात्रियों को टिकट जहां जल्द मिलेगी, वहीं स्टेशनों पर टिकट बेचने के लिए लोग आवेदन करेंगे, जिससे रोजगार मिलेगा। फिलहाल यह मुंबई, सीएसएमटी, हावड़ा, नई दिल्ली, चेन्नई सेंट्रल, केएसआर (बेंगलुरु) पर पहले चरण में शुरू होगी।

    150 किमी टिकट पर तीन प्रतिशत रेलवे ने पॉलिसी में स्पष्ट कर दिया है कि जो लोग इस योजना के तहत टिकटों की बिक्री करेंगे उन्हें कमीशन दिया जाएगा। 150 किलोमीटर (किमी) जारी करने पर तीन प्रतिशत राशि का दिया जाएगा।

    इसी तरह 151 किमी से 500 किमी तक प्रति टिकट दो प्रतिशत कमीशन होगा, जबकि 500 किमी से अधिक सफर की टिकट होगी तो एक प्रतिशत राशि कमीशन के तौर पर दी जाएगी। रेलवे ने अधिक किमी पर कमीशन को कम किया है जबकि अधिकतम तीन प्रतिशत ही है।

    पायलट प्रोजेक्ट के तहत आवेदक की योग्यता कम से कम दसवीं पास होना चाहिए तथा आयु न्यूनतम 18 साल होनी चाहिए।

    रिटायर रेल कर्मी भी बन सकते हैं हिस्सा

    रेलवे ने इस पालिसी में रिटायर कर्मियों को भी शामिल कर रास्ता खोला है। जिन कर्मचारियों को विभागीय सजा के तौर पर बर्खास्त किया है, वे आवेदन नहीं कर पाएंगे। बतौर सिक्योरिटी राशि के तौर पर 10 हजार और टिकट आवंटन के लिए एक लाख रुपये जमा करवाने होंगे।

    24 घंटे यह टिकटें मिल सकेंगे। ट्रेनों में इसकी अनुमति नहीं होगी। जिसे बतौर एम-यूटीएस सहायक रखा जाएगा वह ही कार्य करेगा, जबकि अपने स्थान पर किसी अन्य को नहीं रख सकेगा।

    सीनियर डीएसम को शक्तियां, डीआरएम देंगे अप्रूवल किस स्टेशन पर कितने एम-यूटीएस सहायक रखे जाने हैं, उसकी संख्या सीनियर डीसीएम द्वारा तय की जाएगी। यही नहीं डीसीएम अपनी रिपोर्ट डीआरएम को देंगे और फाइनल तौर पर डीआरएम ही तय करेंगे कि कितनी संख्या स्टेशन पर तय की जानी चाहिए।

    यात्रियों को फायदा होगा: सीनियर डीसीएम

    सीनियर डीसीएम नवीन कुमार झा ने बताया कि रेलवे ने एम-यूटीएस सहायक की योजना तैयार की है। यह योजना यात्रियों के लिए काफी सहायक होगी। खासकर दीवाली और छठ पूजा जैसे मौकों पर यह योजना काफी सहायक साबित होगी।