'दिल से बात...', शिक्षिका को मैसेज भेजने वाले प्रिंसिपल का विवादों से नाता; आपत्तिजनक स्थिति में पकड़े गए थे छात्रा के साथ
हरियाणा के अंबाला के एक सरकारी शिक्षण संस्थान के प्रिंसिपल पर एक महिला शिक्षिका ने छेड़छाड़ का आरोप लगाया है। प्रिंसिपल ने कथित तौर पर शिक्षिका को प्रेम संदेश भेजे जिससे संस्थान में हड़कंप मच गया। मामले को दबाने के भी आरोप हैं। इस घटना की शिकायत सीएम विंडो पर भी दर्ज की गई है जिसके बाद जांच चल रही है।
जागरण संवाददाता, अंबाला। दिल से बात करो न कि दिल रखने के लिए...। बालों की सफेदी से पता चलता है किस जमाने से इस्क है आपसे। कुछ इसी शायरना अंदाज में छावनी में एक राजकीय शिक्षण संस्थान के प्रिंसिपल ने भेजे थे अधेड़ उम्र की शिक्षिका को मैसेज। खुद अधेड़ उम्र पार कर चुके प्रिंसिपल के इस कारनामे से शिक्षण संस्थान का तमाम स्टाफ हतप्रभ है।
बेशक निदेशालय से आए संयुक्त निदेशक और वरिष्ठ प्रिंसिपल की अनुपस्थिति के कारण शिक्षिका से छेड़छाड़ के इस मामले को दबा दिया। यह विवादित मामला प्रिंसिपल का पहला मामला नहीं है बल्कि उसका विवादों से लंबे समय से नाता रहा है।
जींद के ही एक राजकीय शिक्षण संस्थान में इससे भी गंभीर मामला करीब 10 साल पहले प्रकाश में आया था। उस दौरान बड़े साहब एक छात्रा के साथ ही आपत्तिजनक स्थिति में पकड़े गए थे, हालांकि उस समय लंबी जांच चली उन्हें चार्जशीट भी किया गया, लेकिन बाद में मामले को जैसे-तैसे रफा-दफा कर दिया गया था।
इसके बाद वह अंबाला के एक अन्य शिक्षण संस्थान में भी सुर्खियों में रहे। लिहाजा बड़े साहब इसके आदी हो चुके हैं और विभाग ने सब कुछ जानते हुए भी अपनी आंखें मूंद ली है। वहीं इस घटना के बाद शिक्षिका पूरी तरह से घबराई हुई हैं और वह किसी से बात भी नहीं कर रही।
छुट्टी पर चल रहे प्रिंसिपल
प्रिंसिपल पिछले तीन-चार दिनों से छुट्टी पर चले गए हैं। उधर, सब कुछ सामने आने और चार-पांच गवाहों की गवाही के बावजूद संयुक्त निदेशक और वरिष्ठ प्रिंसिपल ने इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की केवल और केवल माफी मंगवाकर केस को दबा दिया।
वरना महिला शिक्षिका को प्रेम के इजहार वाले मैसेज भेजने के बाद चार्जशीट या सस्पेंड किया जा सकता था। जिस शिक्षिका के साथ प्रिंसिपल ने छेड़छाड़ की और मैसेज भेजकर प्रेम का इजहार किया, वह प्रिंसिपल से ओहदे में सीनियर थी। हालांकि, आरोपित को पहले पदोन्नति देकर प्रिंसिपल बना दिया गया।
इस मामले की सीएम विंडो पर शिकायत भी डाली गई है। इसी तरह के छह बिंदुओं की जांच करने के लिए संयुक्त निदेशक संस्थान में आए थे। सीएम विंडो पर जो शिकायत आई थी, उसमें छह अलग-अलग बिंदुओं पर शिकायतकर्ता ने शिकायत की है।
उनमें बायोमेट्रिक हाजिरी नहीं लगाने या देरी से लगाने, दो हजार रुपये लेकर शिक्षिकाओं को जबरदस्ती फरलो पर भेजने व एक आदर्श की मूर्ति व तस्वीरें संस्थान से उतरवाने जैसे गंभीर आरोप लगाए गए थे।
कई मामलों में फंसे हैं प्रिंसिपल
हालांकि, जब 18 मार्च को सीएम विंडो पर शिकायत डाली गई तो उसके बाद इस महान विभूति की मूर्ति और तस्वीरें नए सिरे से लगवा दी गई ताकि मामले को जैसे-तैसे दबा दिए जाए। लेकिन प्रिंसिपल की योग्यता पर उठाए गए सवाल और आलाधिकारियों द्वारा यह प्रिंसिपल जहां भी रहे वहां अधिक बजट जारी करने की जांच हुई तो प्रिंसिपल की दिक्कतें बढ़ना तय है।
बता दें कि इन्हीं गंभीर आरोपों की जांच करने के लिए संयुक्त निदेशक छावनी स्थित शिक्षण संस्थान में आए थे जहां पर महिला शिक्षक ने अपनी आप बीती बताते हुए उन्हें बताया था कि प्रिंसिपल किस तरह से उन्हें प्रताड़ित कर रहा है।
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