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    भूमि सौदे की जांच को लेकर फिर गरमाई राजनीति, IAS अशोक खेमका ने उठाया घोटालों की जांच की निष्पक्षता पर सवाल

    By Himani SharmaEdited By: Himani Sharma
    Updated: Mon, 24 Apr 2023 07:37 AM (IST)

    Haryana News वर्ष 2008 में हुए भूमि सौदे की जांच को लेकर हरियाणा में राजनीति फिर गरमाई हुई है। इस विवाद में अब चर्चित आइएएस अधिकारी डा. अशोक खेमका भी कूद गए हैं। खेमका ने अब राजस्व विभाग द्वारा हाई कोर्ट में सौंपी गई रिपोर्ट पर सवाल उठाए हैं।

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    IAS अशोक खेमका ने उठाया घोटालों की जांच की निष्पक्षता पर सवाल

    राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़ : सोनिया गांधी के दामाद राबर्ट वाड्रा की कंपनी स्काईलाइट और रियल एस्टेट कंपनी डीएलएफ के बीच वर्ष 2008 में हुए भूमि सौदे की जांच को लेकर हरियाणा में राजनीति फिर गरमाई हुई है। इस विवाद में अब चर्चित आइएएस अधिकारी डा. अशोक खेमका भी कूद गए हैं।

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    पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की सरकार में इस भूमि सौदे को क्लीन चिट देने वाली तीन आइएएस अफसरों की कमेटी में शामिल रहे एक सेवानिवृत्त अफसर को पिछले दिनों दोबारा सेवा विस्तार पर सवाल उठा चुके खेमका ने अब राजस्व विभाग द्वारा हाई कोर्ट में सौंपी गई रिपोर्ट पर सवाल उठाए हैं।

    इशारों-इशारों में कह दी अपनी बात

    1991 बैच के आइएएस अधिकारी और हरियाणा सरकार में अतिरिक्त मुख्य सचिव खेमका जब-तब ट्वीट कर सरकार की मुश्किलें बढ़ाते रहे हैं। उन्होंने रविवार को नया ट्वीट करते हुए सीधे स्काईलाइट-डीएलएफ भूमि खरीद का नाम तो नहीं लिया, लेकिन इशारों-इशारों में अपनी बात कह दी। उन्होंने ट्वीट किया कि क्या घोटाले सिर्फ चुनावी मुद्दे तक सीमित रहेंगे। जो घोटाले 2014 में मुख्य चुनावी मुद्दे बने, नौ साल बाद किसे दंड मिला?

    करोड़ों रुपये खर्च हुए, सभी कमीशन फेल

    करोड़ों रुपये खर्च हुए, लेकिन सभी कमीशन फेल निकले। अब क्या पुलिस तहकीकात का भी यही हश्र होगा? जिन्हें कटघरे में खड़ा होना चाहिए था, वह हाकिम बने हुए हैं। यह कैसी न्याय नीति है। दरअसल हुड्डा सरकार में खेमका ने ही यह मामला उजागर किया था। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की सरकार में वर्ष 2008 में वाड्रा की कंपनी स्काई लाइट्स हास्पिटेलिटिज ने गुरुग्राम के शिकोहपुर तहसील में जमीन खरीदी थी।

    जमीन का सौदा दिखाया गया साढ़े सात करोड़- खेमका

    जमीन का सौदा साढ़े सात करोड़ रुपये में दिखाया गया, जबकि खेमका की रिपोर्ट के मुताबिक कोई पैसा नहीं दिया गया था। खेमका ने डीएलएफ का म्यूटेशन भी रद कर दिया था। हालांकि बाद में तत्कालीन सरकार द्वारा बनाई गई तीन आइएएस अधिकारियों की जांच कमेटी ने राबर्ट वाड्रा को क्लीन चिट दे दी थी। इसी आधार पर हुड्डा सरकार ने 4 दिसंबर 2013 को अशोक खेमका को चार्जशीट कर दिया था। हालांकि बाद में मौजूदा सरकार ने इसे ड्राप कर दिया।

    यह है मामला

    पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में सौंपे हलफनामे में राजस्व विभाग ने कहा है कि स्काईलाइट और डीएलएफ के बीच भूमि सौदे की रजिस्ट्री के समय सरकार को मिलने वाला पंजीकरण शुल्क पूरा मिला था। हालांकि प्रदेश सरकार का तर्क है कि इसका मतलब यह नहीं निकाला जा सकता कि भूमि घोटाला नहीं हुआ है। भूमि घोटाले की जांच के लिए एसआइटी बनाई गई है जो जांच में जुटी हुई है।