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    Haryana News: बकाया वसूली में अफसर सुस्त, 32 हजार करोड़ में महज 20 करोड़ ही वसूले

    Updated: Sat, 19 Jul 2025 10:15 PM (IST)

    हरियाणा सरकार को कर वसूली में मुश्किल हो रही है। आठ साल से वैट के 32 हजार करोड़ रुपये बकाया हैं पर स्कीम के बावजूद सिर्फ 20 करोड़ रुपये ही मिले। अधिकारियों की कार्यशैली पर सवाल उठे हैं क्योंकि अधिनियम होने पर भी वसूली कम है। गुरुग्राम नार्थ में सबसे ज्यादा बकाया है। वन टाइम सेटलमेंट स्कीम भी विफल रही जिससे केवल 20 करोड़ रुपये मिले।

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    बकाया वसूली में अफसर सुस्त, 32 हजार करोड़ में महज 20 करोड़ वसूले। फाइल फोटो

    दीपक बहल, अंबाला। राज्य सरकार जिस टैक्स से जनता को मूलभूत सुविधाओं के ढांचे पर खर्च करती है उसी टैक्स की रिकवरी करने में आबकारी एवं कराधान विभाग के अफसरों के पसीने छूट गए हैं।

    पिछले आठ सालों से 32 हजार करोड़ रुपये वैट का बकाया पड़ा है, लेकिन स्कीम लांच करने के चार माह बाद भी महज 20 करोड़ रुपये वसूले जा सके हैं। वरिष्ठ अधिकारियों ने जिला स्तर पर अधिकारियों की कार्यप्रणाली को लेकर सवाल खड़े किए हैं और अब एनुअल कांफिडेंशियल रिपोर्ट (एसीआर) में अफसरों की एंट्री की जा सकती है।

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    अधिनियम में प्रावधान होने के बावजूद वसूली न होना अफसरों को कटघरे में खड़ा करता है। हालांकि कारोबारियों के खातों को अटैच कर भी रिकवरी की गई। आंकड़ों पर गौर करें तो एनसीआर में सबसे अधिक बकायेदारी है और इन में गुरुग्राम नार्थ के आंकड़े तो हैरान करने वाले हैं।

    अधिकारियों की योजना पर ही राज्य सरकार ने एक अप्रैल 2025 से 30 सितंबर 2025 तक वन टाइम सेटलमेंट (ओटीएस) स्कीम लांच की, लेकिन इसमें भी महज 20 करोड़ रुपये ही वसूल पाए हैं। सूत्रों का कहना है कि विभाग की एसीएस आशिमा बराड़ ने भी अधिकारियों की बैठक लेकर रिकवरी को लेकर दिशा निर्देश दिए थे।

    इतना ही नहीं जब इसी विभाग में बराड़ कमिश्नर होती थीं, तो उन्होंने तब भी रिकवरी के लिए कई बार कारोबारियों के खाते अटैच करवाए थे, क्योंकि अधिनियम में रिकवरी का प्रावधान है। बता दें कि एक जुलाई 2017 के बाद गुड्स एंड सर्विस टैक्स लागू हो गया और उससे पहले यह वैट की रिकवरी है।

    टॉप 5 वैट बकायेदार कारोबारियों में अंबाला तीसरे नंबर पर

    अंबाला में 22,393 कारोबारी है। इसी तरह भिवानी में 7,164, फरीदाबाद इस्ट में 19,122, फरीदाबाद नार्थ 19,080, फरीदाबाद साउथ 14, 200, फरीदाबाद वेस्ट 12,201, फतेहाबाद में 1,616, गुरुग्राम ईस्ट 19,349, गुरुग्राम नार्थ में 23,220, गुरुग्राम साउथ 11,941, गुरुग्राम वेस्ट 13,019, हिसार 7,370, जगाधरी 11,819, झज्जर 9,599, जींद 4,815,कैथल 5,901, करनाल 12,071, कुरुक्षेत्र 2,534, मेवात 2,514, नारनौल 999, पलवल में 1,294, पंचकूला में 9,419, पानीपत 10,919, रेवाड़ी 7,352, रोहतक 6,235, सिरसा 3,159, सोनीपत में 22,551 कारोबारी हैं।

    सिर्फ गुरुग्राम नार्थ में 4539 करोड़ की बकायेदारी

    अंबाला में 698 करोड़ रुपये की रिकवरी होनी है। इसी तरह भिवानी 356 करोड़, फरीदाबाद इस्ट 1,194 करोड़, फरीदाबाद नार्थ 712 करोड़, फरीदाबाद साउथ 432 करोड़, फरीदाबाद वेस्ट 444 करोड़, फतेहाबाद 91 करोड़, गुरुग्राम ईस्ट 4,248 करोड़, गुरुग्राम नार्थ 4,539 करोड़, गुरुग्राम साउथ 3,077 करोड़, गुरुग्राम वेस्ट 3,810 करोड़, हिसार 284 करोड़, जगाधरी 319 करोड़, झज्जर 951 करोड़, जींद 170 करोड़, कैथल 403 करोड़, करनाल 1,430 करोड़, कुरुक्षेत्र 103 करोड़, मेवात 288 करोड़, नारनौल 26 करोड़, पलवल 161 करोड़, पंचकूला 697 करोड़, पानीपत 2,732 करोड़, रेवाड़ी 747 करोड़, रोहतक 907 करोड़, सिरसा 693 करोड़, सोनीपत 2,116 करोड़ बकाया हैं।

    स्कीम के बाद एक करोड़ का आंकड़ा पार नहीं कर पाए कई जिले

    स्कीम होने के बावजूद अंबाला में महज 80 लाख की रिकवरी हुई है। इसी तरह भिवानी आठ लाख, फरीदाबाद इस्ट एक करोड़ दस लाख, फरीदाबाद नार्थ 52 लाख, फरीदाबाद साउथ 31 लाख, फरीदाबाद वेस्ट 46 लाख, फतेहाबाद 10 लाख, गुरुग्राम ईस्ट एक करोड़ 47 लाख, गुरुग्राम नार्थ एक करोड़ 47 लाख, गुरुग्राम साउथ 76 लाख, गुरुग्राम वेस्ट दो करोड़ 29 लाख, हिसार 16 लाख, जगाधरी 49 लाख, झज्जर 94 लाख, जींद 28 लाख, कैथल 17 लाख, करनाल 94 लाख, कुरुक्षेत्र 60 लाख, मेवात 41 लाख, नारनौल 97 लाख, पलवल 13 लाख, पंचकूला 94 लाख, पानीपत 41 लाख, रेवाड़ी 60 लाख, रोहतक 30 लाख, सिरसा 10 लाख, सोनीपत दो करोड़ 56 लाख रिकवरी हुई है।

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