Odisha Train Tragedy: सिग्नल के तार गलत जोड़ने से हुआ था बालेश्वर रेल हादसा, CRS की रिपोर्ट में अहम खुलासा
बालेश्वर रेलव दुर्घटना पर कमिश्रर रेलवे सेफ्टी की रिपोर्ट आ गई है। रिपोर्ट में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। रिपोर्ट से पता चला है कि यह हादसा कर्मचारियों की लापरवाही के चलते हुआ है। सीआरएस ने रिपोर्ट में जहां कर्मचारियों की लापरवाही का उल्लेख किया है। वहीं सुझाव दिया है कि गेट शिफ्टिंग सर्किट या फिर कोई भी बड़ा कार्य किया जाए तो वहां अधिकारी मौजूद रहना चाहिए।

अंबाला, दीपक बहल। ओडिशा के बालेश्वर में भीषण रेल हादसा तारों के गलत जोड़ने से हुआ था। इसका पर्दाफाश कमिश्नर रेलवे सेफ्टी (सीआरएस) ने अपनी रिपोर्ट में किया है। इस हादसे में 293 लोगों की मौत हो गई थी। रिपोर्ट में कर्मचारियों की लापरवाही तो उजागर की गई है, साथ ही सिस्टम पर भी सवाल उठाए गए हैं। इस तरह रेल हादसों को कैसे टाला जा सकता है, इस पर सलाह भी दी गई है।
गत 2 जून 2023 को ओडिशा के बालेश्वर में हादसा हुआ था। उसी दिन ट्रैक पर काम हुआ था। इस काम को आधे घंटे में कागजों में पूरा किया हुआ दिखाया गया। दूसरी ओर रोड सिग्नल का काम अभी चल रहा था। रेलकर्मी तार को जोड़ने के बाद पैनल और प्वाइंट पर क्रॉस चेक कर लेते तो यह हादसा नहीं होता। प्वाइंट पर तार गलत जोड़ दिए गए। इससे सिग्नल प्रणाली गड़बड़ हो गई।
प्वाइंट मशीन में तार गलत जोड़ देने से ट्रेन को सिग्नल लूप लाइन का मिल गया, जहां पहले से ही मालगाड़ी खड़ी थी। इससे वह टकरा गई। इसी दौरान साथ वाली लाइन से गुजर रही ट्रेन के दो डिब्बे भी चपेट में आ गए। इस हादसे की जांच अभी सीआरएस और सीबीआई अलग से कर रही हैं। सीआरएस ने 18 पेज की रिपोर्ट रेलवे बोर्ड को सौंपी है। इसमें हादसे के मुख्य कारण को चित्रों के माध्यम से समझाया गया है।
कनेक्शन में कर्मचारियों ने बरती लापरवाही
दरअसल, 2 जून को 4:20 बजे गेट शिफ्टिंग सर्किट का कार्य चल रहा था। यह रेलवे के मंडल अधिकारियों के संज्ञान में था। इस कार्य को 30 मिनट में ही पूरा होना कागजों में दिखा दिया गया, जबकि रोड सिग्नल का कार्य अभी चल रहा था। इस दौरान प्वाइंट मशीन और गेट के तार के कनेक्शन में कर्मचारियों ने लापरवाही बरत दी। इसके बाद ट्रेनों का आवागमन शुरू हो गया। स्टेशन के पैनल पर कोरोमंडल एक्सप्रेस मेन लाइन पर जाती नजर आईं, जबकि ट्रेन के चालक को लूप लाइन में जाने का सिग्नल मिल गया। वहां पहले से खड़ी मालगाड़ी से भिड़ गई।
बड़े कार्य पर अधिकारी भी हों मौजूद
सीआरएस ने रिपोर्ट में जहां कर्मचारियों की लापरवाही का उल्लेख किया है। वहीं, सुझाव दिया है कि गेट शिफ्टिंग सर्किट या फिर कोई भी बड़ा कार्य किया जाए तो वहां अधिकारी मौजूद रहना चाहिए। संरक्षा से जुड़े इस तरह के कार्य के लिए एक स्पेशल टीम होनी चाहिए, जिसका अधिकारी को पता होना चाहिए कि कौन सा कर्मचारी किस कार्य में सक्षम है। यह देखकर ही अधिकारी द्वारा सर्टिफिकेट जारी किया जाना चाहिए। रिपोर्ट में कहा गया कि जब ट्रैक पर गेट शिफ्टिंग सर्किट और रोड सिग्नल का कार्य किया गया, तो इसे फिट करने से पहले फिजिकली चेक किया जाना चाहिए था।
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