मां की ममता फिर शर्मशार! कूड़े के ढेर में मिला 8 महीने का भ्रूण, कुत्ता घुमाने आए लोगों पर पड़ी नजर
अंबाला छावनी में इंदिरा कॉलोनी के पास कूड़े के ढेर में आठ महीने का भ्रूण मिला जो एक सफेद चादर में लिपटा हुआ था। प्रत्यक्षदर्शी ने पुलिस को सूचित किया जिसके बाद भ्रूण को मोर्चरी में रखवाया गया। पुलिस ने अज्ञात पर मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। डॉक्टरों के अनुसार भ्रूण छह महीने से अधिक का था।

जागरण संवाददाता, अंबाला शहर। अंबाला छावनी में शुक्रवार को एक बार फिर ममता शर्मशार हो गई। एक बार फिर से कैंट की इंदिरा कालोनी स्थित वाल्मीकि धर्मशाला के पास कूड़े के ढेर में सफेद चादर में लिपटा एक भ्रूण बरामद हुआ। यह भ्रूण करीब आठ माह का था और उसके ज्यादातर अंग विकसित हो चुके थे। देखने वालों के लिए यह दृश्य किसी झटके से कम नहीं था।
जहां जिंदगी ने जन्म लेने के कुछ समय बाद ही दम तोड़ दिया। प्रत्यक्षदर्शी अनिल ने बताया कि वह रोजाना की तरह कुत्ता घुमाने आया था। तभी उसकी नजर कूड़े में पड़े सफेद कपड़े पर पड़ी। पास जाकर देखा तो मक्खियों से घिरा एक भ्रूण था। उसने पुलिस को सूचना दी। हाउसिंग बोर्ड चौकी प्रभारी गुरदेव के अनुसार भ्रूण को नागरिक अस्पताल की मोर्चरी में 72 घंटे के लिए सुरक्षित रखवाया गया है।
पोस्टमार्टम के बाद ही मौत का कारण और सही समय सामने आ सकेगा। पुलिस ने अज्ञात पर मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। लेकिन आसपास कोई सीसीटीवी नहीं होने से जांच फिलहाल मुश्किल में है। डाक्टरों ने बताया छह माह उम्र पुलिस के अनुसार डाक्टरों का कहना है कि भ्रूण लगभग छह माह से ज्यादा का है।
लेकिन भ्रूण के विकसित अंगों को देखकर ऐसा लग रहा था कि उसकी उम्र करीब आठ महीने रही होगी। यह तथ्य और भी चुभता है कि इतने विकसित भ्रूण को भी जिंदगी का अधिकार नहीं मिल पाया।
सवाल यह भी है कि आखिर किस मजबूरी या बेरुखी ने एक मां को अपनी कोख से निकली जिंदगी को कूड़े में छोड़ने पर मजबूर कर दिया। मां की ममता को ‘भगवान का रूप’ माना जाता है, लेकिन जब वही ममता किसी कारणवश टूट जाती है, तो उसकी कीमत एक मासूम जिंदगी को चुकानी पड़ती है।
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