दिव्यांगों को मीनाक्षी बांट रही गणित का ज्ञान
दिव्यांगों (²ष्टि बाधित) को मीनाक्षी एबट गणित का ज्ञान बांट रही हैं। मीनाक्षी पिछले डेढ़ साल से आनलाइन शिक्षा दे रही हैं जबकि इससे पहले अपने घर पर निशुल्क कोचिग देती थीं। हालांकि उससे पहले वह स्कूल में गणित पढ़ाती थीं परंतु जब से सामाजिक संस्था से जुड़ाव हुआ तो सेवा में जुट गई और दिव्यांगों को निशुल्क गणित पढ़ा रही हैं।

जागरण संवाददाता, अंबाला शहर : दिव्यांगों (²ष्टि बाधित) को मीनाक्षी एबट गणित का ज्ञान बांट रही हैं। मीनाक्षी पिछले डेढ़ साल से आनलाइन शिक्षा दे रही हैं, जबकि इससे पहले अपने घर पर निशुल्क कोचिग देती थीं। हालांकि उससे पहले वह स्कूल में गणित पढ़ाती थीं, परंतु जब से सामाजिक संस्था से जुड़ाव हुआ तो सेवा में जुट गई और दिव्यांगों को निशुल्क गणित पढ़ा रही हैं।
अंबाला शहर के सेक्टर नौ वेलफेयर एसोसिएशन के प्रधान मुकेश एबट सामाजिक संस्थाओं में अहम भूमिका निभाते हैं। उन्हीं के रास्ते पर उनकी पत्नी मीनाक्षी भी खरी उतर रही हैं। मीनाक्षी एबट ने एमएससी एमएड तक की शिक्षा हासिल की है। उन्होंने बताया कि वह पहले माधव नेत्र बैंक से जुड़ी थीं, जिसमें लोगों को आंखें दान करने के लिए प्रेरित करते थे। कोरोना के बाद से काफी बदलाव आए हैं। उसके बाद सक्षम संस्था से जुड़ गई, जिसमें ²ष्टि बाधितों के लिए गणित की आनलाइन कक्षाएं शुरू की गई। शुरुआत में बेसिक क्लास शुरू करवाई गई। इसके अलावा अन्य विषय की भी पढ़ाई करवाई जाती है। उन्होंने एमए, बीएड आदि के विद्यार्थी जो पढ़ नहीं सकते उनकी 20 से अधिक आडियो बुक्स रिकार्ड की हैं। चाहे वह स्कूल में पढ़ते हैं या फिर नहीं पढ़ते। हालांकि वह छठीं से लेकर बीए कर चुके दिव्यांग विद्यार्थी को पढ़ाती हैं।
---------------- गणित में आती है सबसे ज्यादा कठिनाई
उन्होंने बताया कि ²ष्टि बाधित विद्यार्थियों में सबसे ज्यादा गणित में दिक्कत रहती है। सितंबर 2020 में आनलाइन पढ़ाना शुरू किया। ऐसे में उन दिव्यांगों को ज्यादा फायदा हुआ जो अन्य प्रदेशों में रहते हैं और पढ़ाई नहीं कर पा रहे थे। क्योंकि पहले स्कूल कालेज बंद होने के कारण घर पर ही थे। अब कालेज खुलने के कारण विद्यार्थी कम हुए हैं। पहले वह दोपहर को 1 से 2 बजे तक कक्षाएं लेती थी, लेकिन स्कूल खुलने के बाद 2 से 3 बजे तक का समय निर्धारित किया है। --------------
सामाजिक संस्थाओं में भी दे रहीं सहभागिता
मीनाक्षी एबट अन्य संस्थाओं में भी पूरे सेवा भाव से काम करती हैं। वह भारत विकास परिषद की महिला प्रकोष्ठ की सक्रिय कार्यकर्ता होने के साथ साथ हिदी प्रचार प्रसार समिति, रामायण प्रसार परिशोध प्रतिष्ठान के कार्य में सहयोग करती हैं। उन्होंने बताया कि वह पहले स्कूल में गणित पढ़ाती थी। कोरोना से पहले अपने घर पर भी बच्चों को गणित की निशुल्क कोचिग देती थी।
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