Updated: Sun, 14 Sep 2025 02:00 AM (IST)
अंबाला में पालिका विहार के 100 गज के प्लाट के नक्शे को लेकर विवाद हो गया है। मेयर सैलजा संदीप सचदेवा ने निगम अधिकारियों पर आरोप लगाए कि उन्होंने हाईकोर्ट में विचाराधीन मामले में नक्शा पास कर दिया। अतिरिक्त निगम आयुक्त दीपक सूरा ने कहा कि नक्शा नियमों के अनुसार ही पास हुआ है। अब इस मामले में उच्च स्तरीय जांच की मांग की गई है।
जागरण संवाददाता, अंबाला शहर। पालिका विहार के 100 गज के प्लाट पर नक्शा पास करने को लेकर खड़े किए विवाद पर मेयर सैलजा संदीप सचदेवा और निगम अधिकारी आमने-सामने हो चुके हैं।
मेयर सचदेवा ने जमीन का मामला पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में विचाराधीन होने पर सवाल उठाए वहीं, अतिरिक्त निगम आयुक्त दीपक सूरा ने नक्शा नियमानुसार पास और लीगल ओपिनियन और जिला राजस्व अधिकारी की रिपोर्ट भी लेने की बात कही।
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आरोप-प्रत्यारोप के बीच अब उच्च स्तरीय जांच बिठाई जाएगी या नहीं, यह फैसला राज्य सरकार पर टिका है। इस मामले में वक्फ बोर्ड की भी एंट्री हो चुकी है। दरअसल बोर्ड ने ही 100 गज जमीन लीज पर और निर्माण के लिए एनओसी दी है। मेयर और अधिकारियों के आमने-सामने आने से साफ है कि आने वाले दिनों में यह ठंडा नहीं पड़ेगा।
10 नक्शे ऑफलाइन पास
सूरा अतिरिक्त निगम आयुक्त दीपक सूरा ने कहा 6 जून से 9 सितंबर तक निगम में कुल 10 नक्शे ऑफलाइन पास हुए हैं, जिनमें 8 रिहायशी और 2 कामर्शियल शामिल हैं। वे बोले यदि उनकी ओर से कोई गलती साबित होती है तो वे कार्रवाई के लिए तैयार हैं।
उन्होंने कहा लीगल ओपिनियन लेने और डीआरओ की रिपोर्ट के बाद ही नक्शा पास किया है। ट्रस्ट फिजियोथैरेपी सेंटर बना रहा है जिसके लिए ट्रस्ट ने कानूनी दायरे में रहते कागजी कार्रवाई की।
वहीं, हरियाणा वक्फ बोर्ड के सीईओ अयाज महमूद ने कहा जमीन लीज पर देने का अधिकार बोर्ड को है और जमीन पर न तो लोअर कोर्ट और न ही हाई कोर्ट से कोई स्टे है।
जिस जमीन पर निगम ने केस डाला उसका नक्शा पास कर दिया
मेयर सैलजा संदीप सचदेवा ने कहा जिस जमीन पर मालिकाना हक के लिए नगर निगम ने हाईकोर्ट में केस डाला था उसी जमीन का नक्शा नगर निगम के अधिकारियों ने पास कर दिया।
मेयर का तर्क था जिस जमीन के मालिकाना हक की लड़ाई निगम खुद लड़ रहा है, उसको लेकर यहां पर दोहरी नीति क्यों अपनाई गई। वे बोलीं उच्च स्तरीय जांच के लिए सीएम को लिखा है जिसकी जांच के बाद स्पष्ट हो जाएगा कि अफसरों ने गलत किया है। उनका कहना था कि पालिका विहार में ही जमीन का निर्माण होने पर अफसरों ने सील लगा रखी है।
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