यात्रीगण कृपया ध्यान दें: जल्द दौड़ेंगी अमृत भारत की 50 नई ट्रेनें, वंदे भारत से बेहद अलग हैं सुविधाएं; हादसे को लेकर खास व्यवस्था
भारतीय रेलवे आम जनता के लिए आधुनिक सुविधाओं से लैस अमृत भारत वर्जन-2 ट्रेनें ला रहा है। पहला रैक 15 दिनों में तैयार होगा और मार्च 2025 तक चार रेलगाड़ियां बनाने का लक्ष्य है। इन ट्रेनों में स्लीपर और जनरल डिब्बे होंगे साथ ही सुरक्षा उपाय भी किए गए हैं। अमृत भारत कोचों में लगातार बदलाव किए जा रहे हैं।

दीपक बहल, अंबाला। भारतीय रेल अब आम जनता के लिए आधुनिक सुविधाओं से लैस अमृत भारत वर्जन-टू पटरी पर उतारने जा रहा है। पहला रैक (ट्रेन) 15 दिनों में तैयार हो जाएगा, जबकि मार्च 2025 तक ही चार रेलगाड़ियां बनाने का लक्ष्य रखा गया है। इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (आइसीएफ) चेन्नई में पहला रैक तैयार किया जा रहा है और 31 मार्च 2026 तक कुल 25 रेलगाड़ियां तैयार कर ली जाएंगी।
इसी तरह 25 और रेलगाड़ियां पंजाब की रेल कोच फैक्ट्री कपूरथला पंजाब में तैयार की जा रही हैं। इस ट्रेन में स्लीपर और जनरल डिब्बे होंगे। यह ट्रेन यात्रियों के लिए जहां सुविधाओं के तमाम फीचर लेकर आ रही है, वहीं इस में सुरक्षा उपाय भी किए गए हैं।
अमृत भारत कोच का यह संशोधित वर्जन है, जबकि इस में टायलेट एवं कपलर शामिल हैं। आम जनता के लिए अमृत भारत कोचों में लगातार बदलाव किए जा रहे हैं, जबकि इनको अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस किया जा रहा है। इस ट्रेन में कुछ सुविधाएं वंदेभारत कोच की तरह हैं, जिसमें वैक्यूम निकासी प्रणाली को शामिल किया गया है।
अमृत भारत के पहले दो रैक तैयार किए गए थे, लेकिन उनमें जो अपडेट वर्जन है, जो अब तैयार किया जा रहा है, जबकि उसकी खामियों को दूर किया गया है। आइसीएफ के महाप्रबंधक यू. सुब्बा राव की देखरेख में यह रैक तैयार हो रहे हैं।
जानिए क्या हैं खास विशेषताएं
अमृत भारत कोच में शौचालय में शीट मोल्डिंग कंपाउंड का इस्तेमाल किया गया है, जबकि स्लीपर कोच में दिव्यांगजनों के लिए भी शौचालय दिया गया है। इसी तरह शौचालय में ऑटोमेटिड सिस्टम लगाया गया है ताकि बदबू को नियंत्रित किया जा सके।
रैक के पहिये और बेयरिंग की रियल टाइम मॉनीटरिंग के लिए ऑनबोर्ड निगरानी प्रणाली को भी लगाया गया है। इस ट्रेन में ऐसा सिस्टम तैयार किया गया है कि पानी की स्थिति की भी मॉनीटरिंग की जा सकती है। जिससे पता चल सकेगा कि इस्तेमाल के बाद पानी की स्थिति क्या है।
बेपटरी होने या फिर दुर्घटना की स्थिति में कोच के बाहर इमरजेंसी लाइटों का प्राविधान किया गया। इसके अलावा यात्रियों के लिए मोबाइल चार्जिंग साकेट, यूएसबी प्वाइंट दिए गए है। यही नहीं एसएस ग्रिल वाले पंखे, एलइडी लाइट फिटिंग, सार्वजनिक संबोधन प्रणाली, एरोसोल आधारित अग्निशमन प्रणाली का इस्तेमाल किया गया है।
इसी तरह तकनीकी रूप से आटोमेटिड कपलर, त्वरित ब्रेक के लिए इलेक्ट्रो न्यूमेटिक सिस्टम पर ब्रेक प्रणाली, त्वरित कपलिंग और डी-कपलिंग गैंगवे, वैक्यूम निकासी प्रणाली दी गई है।
हरियाणा में 40 अमृत भारत स्टेशन
हरियाणा में अमृत भारत स्टेशन योजना में 40 स्टेशनों को शामिल किया गया है। इन स्टेशनों में अंबाला शहर स्टेशन पर 22 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं। फरीदाबाद में 262 करोड़ रुपये, रोहतक में 29, सोनीपत में 29, नरेला में 26, महेंद्रगढ़ में 26, जींद में 26, नरवाना 26, बहादुरगढ़ 25, पटौदी रोड 25 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं।
इसी तरह यमुनानगर-जगाधरी 22 करोड़, कालका 32 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं। इसके अलावा मंडी डबवाली, सिरसा, हिसार, भिवानी, चरखीदादरी, कोसली और महेंद्रगढ़, लोहारू, मंडी आदमगढ़, हांसी, कालांवली और भट्टु शामिल हैं।
आइसीएफ चेन्नई में 25 रैक 31 मार्च 2026 तक तैयार करने का लक्ष्य रखा है। एक रैक तो पंद्रह दिन और मार्च तक चार रैक आधुनिक सुविधाओं से लैस अमृत भारत वर्जन टू की ट्रेन रेलवे को सौंप दी जाएंगी। यात्रियों की सुविधाओं के साथ-साथ तकनीक में भी बदलाव किया गया है। पहले अमृत भारत के दो रैक बनाए गए थे, उनमें जो-जो और सुधार किया जा सकता था, वह अमृत भारत टू वर्जन में किया गया है।
- यू. सुब्बा राव, जीएम आइसीएफ चेन्नई।

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