यात्रीगण कृपया ध्यान दें: एक जनवरी से बदलेगा ट्रेनों का टाइम टेबल? इन गाड़ियों की बढ़ी स्पीड, ठहराव में भी बदलाव
भारतीय रेलवे 1 जनवरी 2025 से नई समय सारिणी लागू करने जा रहा है। इस बार की समय सारिणी में कई बदलाव किए गए हैं जिनमें कुछ ट्रेनों की स्पीड बढ़ाई गई है कुछ का ठहराव कम किया गया है और कुछ का रूट बदला गया है। यात्रियों को सलाह दी जाती है कि वे अपनी यात्रा से पहले नई समय सारिणी की जांच कर लें।

दीपक बहल, अंबाला। यात्रीगण कृपया ध्यान न दें... एक जनवरी 2025 से भारतीय रेलवे ट्रेनों की समयसारिणी में बदलाव करने जा रहा है। 31 दिसंबर 2024 की रात्रि 12 बजे के बाद यह समयसारिणी लागू हो जाएगी, लेकिन रेलवे के अधिकारियों ने इसे पर्दे में ही रखा है।
अमूमन समय सारिणी को जनहित में पहले ही जारी कर दिया जाता है ताकि यात्रियों को ट्रेनों के समय के बारे में पता चल सके। इस बार ऐसा नहीं है। अधिकांश रेल अधिकारियों को ही पता नहीं चल पा रहा है कि किस ट्रेन का समय बदला जा रहा है और किनका ठहराव बढ़ाया या घटाया जा रहा है। अभी तक कंप्यूटर में भी इसका बदलाव नहीं किया गया है।
दूसरी ओर कोरोना काल में जो ट्रेनें स्पेशल नंबर से चलाई गईं थीं, उनका नंबर भी एक जनवरी से पुराना हो जाएगा। यह दो बड़े फैसले होने के चलते स्टेशनों पर लग रहे डिजिटल और साधारण बोर्ड में बदलाव होगा। पिछले लंबे समय से समय सारिणी को लेकर अटकलें चली आ रही थीं। हर बार यह समयसारिणी एक जुलाई को लागू होती थी। लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ, जबकि इसकी अवधि बढ़ाकर एक जनवरी कर दी थी।
इन ट्रेनों की स्पीड बढ़ी
भारतीय रेल में यात्रियों की सुविधा के लिए शताब्दी एक्सप्रेस सहित अनेकों ट्रेनों की स्पीड बढ़ाई जा चुकी है। किंतु यात्रियों का सफर नहीं घट रहा। इसका मुख्य कारण रेलवे टाइम टेबल में इन ट्रेनों की समय सारिणी में बदलाव नहीं होना है। यही कारण है कि लंबी दूरी पर सफर कर रहे यात्रियों को स्पीड बढ़ने का फायदा नहीं मिल पा रहा।
पिछले साल से नई दिल्ली से चंडीगढ़, नई दिल्ली से लुधियाना, राजपुरा से बठिंडा, सरहिंद से नंगलडैम, अंबाला से सहारनपुर आदि सेक्शनों में ट्रेनों की स्पीड बढ़ाई गई। इनमें सिर्फ शताब्दी एक्सप्रेस ही नहीं बल्कि एक्सप्रेस और पैसेंजर ट्रेनें भी शामिल हैं।
इनके अलावा दिल्ली से मुंबई, हावड़ा, वाराणसी आदि सेक्शनों पर भी ट्रेनों की स्पीड पहले की तुलना में बढ़ाई जा चुकी है। इन सभी सेक्शनों में स्पीड बढ़ाने के बावजूद यात्रियों का सफर घट नहीं रहा।
क्योंकि ट्रेनों के आने वाले टाइम टेबल में इन ट्रेनों का सफर घटाया जाएगा या नहीं। इसके अलावा शताब्दी एक्सप्रेस जैसी ट्रेनें अब 110 किमी प्रति घंटा की जगह 130 किमी की स्पीड से दौड़ रही हैं। अब इनका भी टाइम टेबल में बदलाव होगा या नहीं इस पर असमंजस है।
इसके साथ ही राजपुरा-भठिंडा डबल लाइन होने के बाद यहां पर भी स्पीड 110 की जगह 130 किमी प्रति घंटा की जा चुकी है और सरहिंद नंगलडैम सेक्शन पर 90 से 110 किमी और अंबाला से सहारनपुर 130 किमी प्रति घंटा की स्पीड से दौड़ने लगी है। इसका भी टाइम टेबल घटेगा या नहीं इस पर नजर है।
ठहराव बंद होने से बचता है रेलवे का पैसा
रेलवे जीरो बेस्ड टाइम टेबल बनाने जा रहा है। सूत्रों का कहना है कि इस टाइम टेबल में कुछ ट्रेनों का ठहराव स्टेशन पर किया जाना था, जबकि कुछ का बंद करने पर विचार विमर्श किया जा रहा था। दरअसल ट्रेनों का ठहराव कम होने से जहां रेलवे का पैसा बचता है, वहीं ट्रेनों की स्पीड में भी इसका असर पड़ता है।
बताते हैं कि ट्रेन के एक स्टेशन पर रुकने और फिर चलने में 7600 से 9000 रुपये का खर्च का अनुमान है। इसके अलावा ट्रेन रुकने के बाद फिर से चलने पर इसका असर स्पीड पर भी आता है।
यात्रियों के लिए हो सकती है असुविधा
जिन यात्रियों की टिकट 31 दिसंबर को 12 बजे के बाद की है, उनकी ट्रेन के समय में बदलाव होने के कारण परेशानी हो सकती है। हालांकि रेलवे का तर्क है कि यात्रियों को मैसेज भेजे जाएंगे। इसके बावजूद यात्रियों ही नहीं बल्कि कर्मचारियों के लिए भी असुविधा हो सकती है। स्टेशनों पर लगे साइन बोर्ड में बदलाव करना होगा।


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