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    अंबाला सेंट्रल जेल से 45 दिनों के अंदर फिर फरार हुआ बंदी, बिजली की तार बनी फरारी का जरिया

    Updated: Sun, 28 Sep 2025 05:30 AM (IST)

    अंबाला सेंट्रल जेल से शनिवार दोपहर पॉक्सो एक्ट का एक आरोपी कैदी फरार हो गया। कैदी अजय कुमार बिजली के खंभे पर चढ़कर और तार की मदद से जेल की दीवार फांदकर भागा। जेल में बार-बार बिजली कटौती होने का उसने फायदा उठाया। यह 45 दिनों में जेल से कैदी के भागने की दूसरी घटना है जिससे जेल की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठ रहे हैं।

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    सेंट्रल जेल से फिर फरार हुआ बंदी। (जागरण)

    जागरण संवाददाता, अंबाला शहर। सेंट्रल जेल अंबाला की सुरक्षा व्यवस्था को धता बताते हुए एक ओर बंदी शनिवार दोपहर को फरार हो गया। 45 दिनों के भीतर सेंट्रल जेल से बंदी फरार होने की यह दूसरी घटना है।

    शनिवार को दिन के उजाले में जो बंदी फरार हुआ है वह पॉक्सो एक्ट के मामले में जेल में था। उसकी पहचान अजय कुमार निवासी खजूरी बाड़ी, तेहरागच्छ थाना किशनगंज बिहार के तौर पर हुई है।

    बलदेव नगर थाने में केस दर्ज कर पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। अजय कुमार पर 17 मार्च 2024 को आइपीसी 363, 366ए, 376 दो पाक्सो एक्ट में केस थाना मनसा देवी कांप्लेक्स पंचकूला में केस दर्ज हुआ था।

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    बार-बार लग रहे थे बिजली के कट, इसी का उठाया शातिर ने फायदा

    शनिवार दोपहर को तीन बजे सेंट्रल जेल में चल रहे कारखाने को बंद करते समय जब बंदियों की गिनती की गई तो बंदी अजय कुमार गायब मिला।

    जब सीसीटीवी की फुटेज जांच की गई तो पता चला कि बंदी कारखाने की छोटी दीवार को लांघकर 18 फुट ऊंचे बिजली के खंभे पर चढ़ा और बिजली की तार को पकड़ जेल की बड़ी दीवार पार कर फरार हो गया।

    पुलिस को दी शिकायत में सेंट्रल जेल के उप अधीक्षक ने बताया कि शनिवार सुबह से ही बिजली के बार-बार कट लग रहे थे। इसी का शातिर ने फायदा उठाया और इसी तार को जेलब्रेक का जरिया बना फरार हो गया।

    स्वतंत्रता दिवस से दो दिन पहले भी भागा था बंदी

    13 अगस्त को सेंट्रल जेल से पंचकूला का ही एक आरोपित जिस पर धार्मिक स्थल पर अश्लील हरकत करने का आरोप था वह फरार हुआ था। अभी तक जिला पुलिस सुखबीर कालिया का पता नहीं लगा पाई थी कि अब दूसरी वारदात हो गई। सुखबीर कालिया को 12 अगस्त को सेंट्रल जेल भेजा गया था। लेकिन अगली ही शाम, 13 अगस्त को गिनती के वक्त पता चला कि बंदी जेल से गायब है।

    पांच दिन बीत जाने के बाद भी उसका कोई सुराग हाथ नहीं लगा क्योंकि उसने वारदात के समय कोई मोबाइल फोन तक इस्तेमाल नहीं किया। बड़ी बात यह है कि गैस सप्लाई की आमद पर किसी का ध्यान नहीं गया न सुरक्षाकर्मियों का न सीसीटीवी मॉनिटरिंग स्टाफ का और शायद यही चूक कालिया के लिए जेल से 'जेलब्रेक' की चाबी बन गई।

    सुखबीर कालिया प्रकरण में दो कर्मियों को सस्पेंड भी किया गया था और डीएसपी का तबादला भी कर दिया गया था लेकिन सुरक्षा इसके बाद भी पुख्ता नहीं हुई। अब इस लापरवाही पर गाज किस पर गिरेगी यह आने वाले समय में ही तय होगा।

    1992 में भी फरार हुआ था कैदी

    इससे पहले वर्ष 1992 में जबर सिंह नामक कैदी अंबाला सेंट्रल जेल से फरार हुआ था। वह दुष्कर्म का दोषी था और 25 साल बाद 2017 में सहारनपुर से पकड़ा गया था।

    बता दें कि जबर सिंह पर सोनीपत के ग्राम नहरा नाहरी थाना राई में ईंट-भट्ठे पर ईंट पथाई करने वाली एक महिला के साथ 1990 में दुष्कर्म के आरोप लगे थे। सोनीपत पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। वर्ष 1992 में उसे दोषी पाते हुए कोर्ट ने 14 वर्ष की सजा सुनाई थी।