जिस थाने में थे हेड कांस्टेबल, अब वहीं पर संभाली थानेदार की कुर्सी
प्रदेश के गृह मंत्री अनिल विज की अंबाला छावनी विधानसभा क्षेत्र के थाने में एसएचओ पद के लिए कर्मियों की फेहरिस्त लंबी थी जिसमें काबिल थानेदार को जिम्मेदारी सौंपने का जिम्मा अफसरों के जिम्मे ही रहा।

जागरण संवाददाता, अंबाला : प्रदेश के गृह मंत्री अनिल विज की अंबाला छावनी विधानसभा क्षेत्र के थाने में एसएचओ पद के लिए कर्मियों की फेहरिस्त लंबी थी, जिसमें काबिल थानेदार को जिम्मेदारी सौंपने का जिम्मा अफसरों के जिम्मे ही रहा। जो मुलाजिम करीब दो दशक पहले अंबाला छावनी के सदर थाने में बतौर हेड कांस्टेबल तैनात था, अब उसको उसी थाने में थाना प्रभारी की जिम्मेदारी सौंप दी गई है। निर्देश स्पष्ट हैं कि छावनी को नशामुक्त करना है और कानून व्यवस्था और दुरुस्त करनी है। नरेश कुमार ने थाने की कमान संभाल ली है लेकिन अब चुनौतियों पर खरा उतरने की बारी है। हालांकि मौजूदा समय पुलिस महकमे में रेंज तक की कमान में अफसरों का दो टूक आदेश है कि किस तरह बेहतर काम किया जा सके, इसलिए थाना प्रभारी को भी काम करने में आसानी होगी क्योंकि थाने की कमान सौंपने में अहम रोल अदा करने वाले विज भी चाहते हैं कि जनता को इंसाफ के लिए भटकना न पड़े।
बता दें कि अंबाला छावनी के सदर थाना में ही वर्ष 2000 में नरेश कुमार बतौर हेड कांस्टेबल तैनात थे। इस बीच वह सीआइए स्टाफ और जिले के अन्य थानों में भी कार्यरत रहे। इन 21 सालों में कई उतार-चढ़ाव भी आये। हेडकांस्टेबल से पदोन्नत होते हुए एएसआइ से एसआइ और अब नरेश कुमार इंस्पेक्टर बन चुके हैं। छावनी में कहां-कहां पर नशा तस्करी या सट्टेबाज हैं इन स्थानों की चप्पे-चप्पे की जानकारी इंस्पेक्टर को है। क्योंकि छावनी में निचले स्तर पर ही नरेश कुमार की लंबे समय तक ड्यूटी रही है। जिले में इनकी पोस्टिग होती रही। अब रेंज में अधिकारियों की बात करें तो डीएसपी रामकुमार, एसपी जशनदीप सिंह रंधावा और आइजी भारती अरोड़ा कानून व्यवस्था को और दुरुस्त करने पर जोर दे रहे हैं। गृह मंत्री विज का स्पष्ट आदेश है कि जो अधिकारी काम करना नहीं चाहते हैं वे खुद ही यहां से तबादला करा लें, अन्यथा कभी भी उन पर गाज गिर सकती है। अब थानेदार नरेश कुमार को सौंपी गई जिम्मेदारी पर खरा उतरना होगा।
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