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    Haryana News: INLD-JJP के सिर पर मंडराया खतरा, अब विस चुनाव में दांव पर लगी साख; नहीं खुला खाता तो होगी मान्यता रद

    Updated: Thu, 06 Jun 2024 03:37 PM (IST)

    जेजेपी और इनेलो की साख अब विधानसभा चुनाव में दांव पर लगी हुई है। दरअसल लोकसभा चुनाव (Haryana Lok Sabha Election 2024) में खराब प्रदर्शन के बाद इन दोनों पार्टियों के क्षेत्रीय दलों के तौर पर प्राप्त मान्यता पर सवाल उठ रहे हैं। ऐसा माना जा रहा है कि चुनाव आयोग इनसे हरियाणा में क्षेत्रीय दल का दर्जा छीन सकता है।

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    INLD-JJP के सिर पर मंडराया खतरा, अब विस चुनाव में दांव पर लगी साख

    राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा में लगातार पांच बार सरकार बनाने वाले इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) का मान्यता प्राप्त क्षेत्रीय दल का दर्जा छिन सकता है। 26 साल पहले 1998 में 12वीं लोकसभा के चुनाव के दौरान बढ़िया प्रदर्शन के आधार पर इनेलो को क्षेत्रीय दल के रूप में मान्यता मिली थी।

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    प्रदेश के दोनों क्षेत्रीय दलों इनेलो व जननायक जनता पार्टी (जजपा) को इस बार किसी लोकसभा सीट पर जीत मिलना तो दूर की बात रही, प्रदेश भर में सम्मानजनक वोट प्रतिशत भी प्राप्त नहीं हुआ है। जजपा को इसी साल अक्टूबर में होने वाले विधानसभा चुनाव में अपने मत प्रतिशत में सुधार का मौका मिलने की वजह से फिलहाल उसकी मान्यता पर मंडरा रहा खतरा टल गया है।

    18वीं लोकसभा के चुनाव में हरियाणा में भाजपा का वोट प्रतिशत 46.11 रहा है, जबकि कांग्रेस को 43.67 प्रतिशत वोट मिले। इनेलो का मत प्रतिशत 1.74 पर सिमट गया, जबकि जजपा को मात्र 0.87 प्रतिशत वोट मिले हैं। आम आदमी पार्टी को साल 2023 से राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा प्राप्त हुआ था। उसे प्रदेश में 3.94 प्रतिशत वोट मिल पाए हैं। उसने केवल एक कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट पर चुनाव लड़ा था।

    विधानसभा चुनाव जेजेपी और इनेलो की साख दांव पर

    राजनीतिक दलों के इन मत प्रतिशत के बीच इनेलो और जजपा के क्षेत्रीय दलों के तौर पर प्राप्त मान्यता पर सवाल उठ रहे हैं। कहा जा रहा कि इस लोकसभा चुनाव में खराब प्रदर्शन के कारण दोनों का हरियाणा में क्षेत्रीय दल का दर्जा चुनाव आयोग द्वारा छीना जा सकता है।

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    पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के एडवोकेट हेमंत कुमार के अनुसार किसी भी राजनीतिक पार्टी को मान्यता प्राप्त राज्यीय (क्षेत्रीय) दल के रूप में दर्जा प्राप्त करने और कायम रखने के लिए विधानसभा के आम चुनाव में न्यूनतम छह प्रतिशत वोट और कम से कम दो सीटें जीतना आवश्यक है।

    यदि ऐसा नहीं होता तो विधानसभा की कुल सीटों की संख्या की न्यूनतम तीन प्रतिशत सीटें या तीन सीटें, जो भी अधिक हों, जीतनी जरूरी होती हैं। इसकी एवज में लोकसभा चुनाव में कम से कम 6 प्रतिशत वोट और न्यूनतम एक सीट जीतना आवश्यक है। कोई सीट न जीतकर भी पार्टी विधानसभा या लोकसभा आम चुनाव में कुल पड़े वैध वोटों का आठ प्रतिशत हासिल करने पर क्षेत्रीय दल के रूप में मान्यता प्राप्त अथवा कायम रख सकती है।

    चुनाव आयोग चाहे तो इनेलो को मिल सकेगा एक मौका

    हालांकि, अगर चुनाव आयोग इनेलो को एक और आम चुनाव में प्रदर्शन सुधारने की विशेष रियायत देना चाहे, तो वह ऐसा भी कर सकता है। जहां तक जजपा के क्षेत्रीय दल के तौर पर मान्यता का विषय है, चूंकि उसे वर्ष 2019 में हरियाणा विधानसभा के आम चुनाव में 10 सीटें जीतने और करीब 15 प्रतिशत वोट शेयर प्राप्त करने के कारण यह दर्जा दिया गया है।

    इसलिए अक्टूबर 2024 में निर्धारित हरियाणा विधानसभा के चुनाव तक उसके क्षेत्रीय दल के तौर पर दर्जे और चाबी के आरक्षित चुनाव चिन्ह के बारे में फिलहाल किसी विवाद की स्थिति नहीं है।

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