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    Indian Railways: वंदे भारत और तेजस एक्सप्रेस की तर्ज पर चंडीगढ़-नई दिल्ली शताब्दी भी होगी आटोमेटिक डोर से लैस

    By Naveen DalalEdited By:
    Updated: Thu, 03 Nov 2022 03:14 PM (IST)

    Indian Railways सुरक्षा की दृष्टि से शताब्दी एक्सप्रेस में यह बदलाव किया जा रहा है ताकि शताब्दी में बढ़ रही चोरी व छीना-झपटी की वारदातों को रोका जा सके। इससे पहले शताब्दी में सुरक्षा को लेकर दरवाजों पर और मुख्य जगह सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे।

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    सुरक्षा की दृष्टि से शताब्दी एक्सप्रेस में किए जा रहे बदलाव।

    अंबाला, जागरण संवाददाता। वंदे भारत और तेजस एक्सप्रेस की तर्ज पर अब चंडीगढ़ से नई दिल्ली के बीच चलने वाली शताब्दी ट्रेन नंबर 12045 और 46 भी आटोमेटिक डोर से लैस होगी। डोर सिस्टम लगाने का कार्य आरंभ कर दिया गया है। वहीं कोच के दरवाजों पर इंडिकेटर और अलार्म भी लगाए जा रहे हैं। एग्जिक्यूटिव कोच सहित चेयरकार वाली शताब्दी में 10 कोच लगे हुए हैं।

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    यात्रियों को जानकारी देने के लिए अंबाला छावनी सहित, चंडीगढ़ और कालका स्टेशनों पर की जाएगी उद्धोषणा

    सितंबर माह में यह सुविधा नई दिल्ली से कालका के बीच दोनों दिशाओं में चलने वाली ट्रेन नंबर 12005/06 शताब्दी में भी उपलब्ध करवा दी गई है। यात्रियों को इसका फायदा भी मिल रहा है। ट्रेन के प्लेटफार्म पर दाखिल होते ही खुद-ब-खुद दरवाजे खुल जाते हैं। वहीं ट्रेन में तैनात स्टाफ भी यात्रियों को प्रेरित कर रहा है कि वह सही समय पर ट्रेन से उतरें व चढ़ें।

    अधिकारी के अनुसार

    अंबाला मंडल के वरिष्ठ वाणिज्य प्रबंधक हरि मोहन ने बताया कि सुरक्षा की दृष्टि से शताब्दी एक्सप्रेस में यह बदलाव किया जा रहा है ताकि शताब्दी में बढ़ रही चोरी व छीना-झपटी की वारदातों को रोका जा सके। इससे पहले शताब्दी में सुरक्षा को लेकर दरवाजों पर और मुख्य जगह सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। नई दिल्ली-कालका शताब्दी एक्सप्रेस के एलएचबी कोच में 27 सितंबर से आटोमेटिक डोर सिस्टम की सुविधा आरंभ कर दी गई थी। उन्होंने बताया कि प्लेटफार्म की तरफ का मुख्य दरवाजा ट्रेन के स्टापेज आने पर ही खोला जाता है। इसकी कमान ट्रेन चालक के कैबिन में है। ट्रेन के स्टेशन से निकलते ही चालक बटल दबाकर सभी दरवाजे बंद कर देता है।

    इधर... कुल्लू से जुड़े चरस तस्करी के तार, रिमांड के दौरान पश्चिम एक्सप्रेस के कोच अटेंडेंट ने खोला राज

    जागरण संवाददाता, अंबाला। पश्चिम एक्सप्रेस के कोच अटेंडेंट चंद्र प्रकाश से मिली पर्ची के आधार पर राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) की क्राइम इन्वेस्टिगेशन टीम (सीआइए) ने जांच आरंभ कर दी है। आरोपित को बुधवार कोर्ट में पेश किया गया और कोर्ट ने 7 नवंबर तक आरोपित को रिमांड पर भेज दिया है। सीआइए इंचार्ज जोगिंदर सिंह ने बताया कि आरोपित के पास मिली पर्ची पर लिखे मोबाइल नंबर को खंगाला गया तो यह कुल्लू हिमाचल का मिला। आरोपित को जल्द ही आगामी कार्रवाई के लिए कुल्लू ले जाया जाएगा ताकि चरस सप्लाई करने वाले व्यक्ति की धरपकड़ की जा सके। वहीं प्राथमिक पूछताछ में आरोपित ने बताया कि उसे अंबाला छावनी रेलवे स्टेशन पर ही सेब की पेटी थमाई गई थी ताकि किसी को शक न हो कि इसके अंदर चरस के पैकेट हैं।

    फिर जुड़े कुल्लू से तार

    19 सितंबर को भी छावनी रेलवे स्टेशन से झारखंड निवासी 28 वर्षीय राहुल उर्फ अमर/विक्की को पकड़ा गया था। उसने भी बताया था कि वह हिमाचल के कुल्लू में राम कुमार नामक व्यक्ति से चरस लेकर आता था और इसे मुंबई तक पहुंचाता था। प्रत्येक सौदे के लिए उसे 25 हजार रुपये मिलते थे। आरोपित से 540 ग्राम चरस बरामद हुई थी। वहीं सीआइए ने मुख्य आरोपित को पकड़ने के लिए जाल भी बिछाया, लेकिन उन्हें कुल्लु जाने के बाद भी सफलता नहीं मिली क्योंकि आरोपित ने मोबाइल बंद कर दिया था। अब एक बार फिर कुल्लू का नाम सामने आया है। इसलिए दोबारा शक की सुई पहले मामले के आरोपित पर ही जा रही है कि कहीं दोनों मामलों का सरगना एक ही तो नहीं है।