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गया से सासाराम कैसे पहुंचे लेफ्टिनेंट, ट्रेन हादसे पर स्वजन नहीं कर रहे यकीन

गया (बिहार) से सासाराम रेलवे स्टेशन आने के दौरान लेफ्टिनेंट जगतार सिंह (40 वर्षीय) की ट्रेन की चपेट में आने से मौत हो गई। लेफ्टिनेंट गया से सासाराम कैसे पहुंचे यह सवाल अब भी अनसुलझा है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 27 Dec 2020 07:15 AM (IST)Updated: Sun, 27 Dec 2020 07:15 AM (IST)
गया से सासाराम कैसे पहुंचे लेफ्टिनेंट, ट्रेन हादसे पर स्वजन नहीं कर रहे यकीन
गया से सासाराम कैसे पहुंचे लेफ्टिनेंट, ट्रेन हादसे पर स्वजन नहीं कर रहे यकीन

जागरण संवाददाता, अंबाला : गया (बिहार) से सासाराम रेलवे स्टेशन आने के दौरान लेफ्टिनेंट जगतार सिंह (40 वर्षीय) की ट्रेन की चपेट में आने से मौत हो गई। लेफ्टिनेंट गया से सासाराम कैसे पहुंचे यह सवाल अब भी अनसुलझा है। वहीं अंबाला छावनी स्थित मृतक के स्वजन और रिश्तेदार इसे रेल हादसा नहीं मान रहे हैं। मृतक जगतार सिंह की आई-20 कार का भी कोई अता-पता नहीं है। बिना कार के जगतार सिंह स्टेशन कैसे पहुंचे, इसको लेकर अभी स्थिति स्पष्ट नहीं है। गया से सासाराम दूरी करीब 120 किलोमीटर है। इस प्रकरण में सेना ने भी अपने स्तर पर जांच शुरू कर दी है। शनिवार को जीआरपी थाना सासाराम ने पोस्टमार्टम कराने के बाद शव को उनके भाई बलविदर राज को सौंप दिया है।

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अंबाला छावनी बब्याल के श्यामनगर मकान नंबर 530 निवासी हरिचंद सेना से रिटायर सूबेदार हैं। हरिचंद का बड़ा बेड़ा बलविदर राज एयरफोर्स में विग कमांडर है और छोटे बेटे जगतार सिंह सेना की शिक्षा कोर में लेफ्टिनेंट थे। जगतार सिंह की पोस्टिग गया में थी। वह पत्नी और बच्चों के साथ मिलिट्री स्टेशन के निकट रहते थे। शुक्रवार सायं करीब 4 बजे जगतार सिंह की सासाराम रेलवे क्रासिग पर ट्रेन की चपेट में आने से मौत हो गई। स्वजनों के अनुसार, शव सेना के अधिकारी रविवार को हवाई जहाज से मोहाली एयरपोर्ट लेकर पहुंचेंगे। इसके बाद सड़क मार्ग से अंबाला लाया जाएगा, जहां अंतिम विदाई दी जाएगी।

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तीन साल पहले हुई थी शादी

अंबाला छावनी के श्यामनगर निवासी जगतार सिंह की शादी तीन साल पहले हुई थी। अभी एक साल पहले पत्नी ने जुड़वां बच्चों को जन्म दिया था। अभी दो महीने पहले पत्नी और बच्चों को अंबाला में माता-पिता के पास छोड़कर वापस गया ड्यूटी पर गए थे।

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घटना के एक दिन पहले रात किया था फोन

वीरवार को जगतार सिंह ने फोन पर अपनी मां सुरेंद्र कौर और पिता हरिचंद से बात की। साथ ही पत्नी और बच्चों से करीब आधे घंटे तक बात किया था। जगतार के ट्रेन हादसे में मौत की खबर के बाद परिवार में मातम छा गया।


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