हनीप्रीत की मनुहार- पापा गुरमीत से मिलवा दो, बहुत दिनों से नहीं देखा
अंबाला सेंट्रल जेल में बंद हनीप्रीत किसी भी तरह से डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम से मिलना चाहती है। वह बार-बार कह रही है कि पापा गुरमीत से मिले बहुत दिन हो गया, एक बार मिलवा दो।
जेएनएन, अंबाला शहर। हनीप्रीत को न्यायिक हिरासत में अंबाला सेंट्रल जेल भेजे जाने के बाद भी डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम से मिलने की उसकी जिद जारी है। वह किसी भी तरह एक बार पापा गुरमीत से मिलना चाहती है। अंबाला सेंट्रल जेल में भी वह गुरमीत राम रहीम से मिलने की जिद पकड़े रखी। वह बार-बार अधिकारियों के समक्ष अपने पापा (डेरामुखी गुरमीत राम रहीम) से मिलने की गुहार लगा रही है।
जेल में लाए जाने के बाद से वह कह रही है कि उसके पापा की पीठ में दर्द होगा। उसने काफी दिनों से उन्हें नहीं देखा है। इसलिए उसे उसके पापा से मिला दिया जाए, लेकिन अधिकारियों ने हनीप्रीत की बातों को तवज्जो नहीं दी। डॉक्टरों की टीम ने जेल में हनीप्रीत का चेकअप किया। उसका ब्लड प्रेशर चेक किया गया और अन्य टेस्ट भी किए गए। रिपोर्ट में सब कुछ नार्मल था। हनीप्रीत ने डॉक्टरों की टीम को बताया कि उसके सिर में दर्द रहता है। इसकी वह दवा भी खाती है।
कुछ भी खाने से किया इन्कार
हनीप्रीत को जेल में ब्यूटी पार्लर के साथ वाले कमरे में रखा गया है। सूत्रों की मानें तो रात के समय सेंट्रल जेल में आलू-बैगन की सब्जी बनाई गई थी लेकिन हनीप्रीत ने कुछ भी खाने से इनकार कर दिया। उसने कहा कि उसे कुछ नहीं खाना बस उसे पापा से मिलवा दिया जाए।
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चार गाडिय़ों के काफिले के बीच एसआइटी के साथ अंबाला सेंट्रल जेल पहुंची
हनीप्रीत और उसकी सहयोगी सुखदीप कौर को शुक्रवार शाम अंबाला सेंट्रल जेल लाया गया। शाम करीब 6:14 बजे चार गाडिय़ों के काफिले के बीच बंदियों वाली गाड़ी में हनीप्रीत को लाया गया। रात करीब सवा आठ बजे तक डॉक्टरों की टीम जेल के अंदर ही थी, जिसने हनीप्रीत का स्वास्थ्य जांचा। हनीप्रीत और सुखदीप कौर से पहले अंबाला सेंट्रल जेल में 45 महिला कैदी व बंदी रह रही थी। हनीप्रीत 46वीं और सुखदीप कौर 47वीं महिला बंदी बनी।
बता दें कि शुक्रवार को रिमांड अवधि खत्म होने के बाद हनीप्रीत को पंचकूला पंचकूला कोर्ट ने उसे 10 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेजने का आदेश दिया था। कोर्ट के आदेश मिलने के बाद अंबाला जेल की सुरक्षा व्यवस्था को पुख्ता कर दिया गया था। हनीप्रीत के आने से पहले ही तीन डॉक्टरों की टीम को सेंट्रल जेल में भेज दिया गया था। इनमें दो महिला डॉक्टर शामिल थे। सेंट्रल जेल की ओर जाने वाले सभी रास्तों को भी सील कर दिया गया। सेंट्रल जेल के भीतर प्रवेश करने पर मीडिया तक पर बैन लगा दिया गया।
कई घंटे फंसे रहे जमानत पर रिहा होने वाले
हनीप्रीत की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर अधिकारियों की व्यस्तता के कारण जिन बंदियों को जमानत पर रिहाई मिली थी वह कई घंटे जेल में ही फंसे रहे। उनके परिजनों को भी करीब ढाई घंटे तक सेंट्रल जेल के बाहर अपनों के निकलने का इंतजार करना पड़ा। सोनीपत, रोहतक, अंबाला सहित कई जिलों के बंदियों के परिजन सेंट्रल जेल के बाहर अपनों के बाहर आने की प्रतीक्षा करते रहे।
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