Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    'व्यक्ति और उसके माता-पिता का नाम अदलती रिकॉर्ड से हटाया जाए', आपराधिक मामले में हाईकोर्ट का आदेश

    Updated: Fri, 19 Sep 2025 02:39 PM (IST)

    पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने अंबाला जिला न्यायालय को एक व्यक्ति और उसके माता-पिता का नाम अदालती रिकॉर्ड से हटाने का निर्देश दिया क्योंकि उनके खिलाफ आपराधिक मामला रद्द हो गया था। अदालत ने इसे निजता के अधिकार का मामला माना और कहा कि आरोपों के अवशेषों को किसी को परेशान करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। याचियों को अन्य पोर्टलों से भी संपर्क करने को कहा गया।

    Hero Image
    आपराधिक मामला रद होने के बाद अदालत के रिकार्ड से नाम हटाने का आदेश (प्रतीकात्मक फोटो)

    राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने अपनी रजिस्ट्री के साथ-साथ अंबाला जिला न्यायालय के संबंधित अधिकारियों को एक व्यक्ति और उसके माता-पिता के नाम को उसके खिलाफ आपराधिक मामला रद करने के बाद अदालती रिकॉर्ड से हटाने का निर्देश दिया।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    भारतीय दंड संहिता की धारा 498ए (पति या पति के किसी रिश्तेदार द्वारा महिला के साथ क्रूरता) के तहत उस व्यक्ति की पत्नी की शिकायत पर दर्ज की गई एफआइआर दोनों पक्षों के बीच समझौते के बाद 2023 में रद कर दी गई थी।

    चूंकि ई-कोर्ट वेबसाइट और अन्य पोर्टलों पर नाम दिखाई देते रहे, इसलिए उस व्यक्ति ने इसे संशोधित करने के लिए हाईकोर्ट का रुख किया।

    जस्टिस नमित कुमार ने अपने आदेश में कहा कि जब किसी व्यक्ति को न्यायालय द्वारा उसके कथित अपराध से मुक्त कर दिया जाता है, तो ऐसे आरोप के अवशेषों को ऐसे किसी भी व्यक्ति को परेशान करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।

    यह व्यक्ति के निजता के अधिकार के विपरीत होगा, जिसमें भूल जाने का अधिकार और सम्मान के साथ जीने का अधिकार शामिल है, जिसकी गारंटी भारत के संविधान के अनुच्छेद 21 द्वारा दी गई है।

    पीठ ने हाईकोर्ट और निचली अदालतों की रजिस्ट्री को निर्देश दिया कि वे एफआइआर से जुड़ी सभी कार्यवाहियों के रिकॉर्ड से याचिकाकर्ताओं का नाम हटा दें। दोनों अदालतों की रजिस्ट्री को निर्देश दिया जाता है कि वे याचिकाकर्ताओं का नाम एबीसीडी के रूप में दर्ज करें।

    इसके अलावा, न्यायालय ने याचियों से कहा कि वे नामों को छिपाने के लिए अन्य पोर्टलों और सर्च इंजनों से संपर्क करें।

    साइबर सुरक्षा कंपनी चलाने वाले याचिकाकर्ता ने दलील दी थी कि वह एक प्रतिष्ठित कार्पोरेट पेशेवर है और उच्चतम स्तर पर काम करते हैं। दलील दी गई थी कि इंटरनेट पर इस तरह से नाम का खुलासा करने से उनके लिए व्यावसायिक गतिविधियों को आगे बढ़ाना मुश्किल हो रहा है।