Haryana Weather News: बेमौसम वर्षा और ओलावृष्टि से फसल बर्बाद, सरकार ने किसानों दी राहत
हरियाणा में शनिवार को भी प्रदेश के कई जिलों में मौसम बिगड़ने का दौर जारी रहा। गुरुग्राम रोहतक नारनौल बहादुरगढ़ सहित कई क्षेत्रों में वर्षा हुई। वहीं रोहतक और बहादुरगढ़ के कई गांवों में जमकर ओलावृष्टि भी हुई। कई गांवों में खेतों में सफेद चादर बिछ गई।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़: हरियाणा में बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से फसलें बर्बाद हो रही हैं। शनिवार को भी प्रदेश के कई जिलों में मौसम बिगड़ने का दौर जारी रहा। गुरुग्राम, रोहतक, नारनौल, बहादुरगढ़ सहित कई क्षेत्रों में वर्षा हुई। वहीं रोहतक और बहादुरगढ़ के कई गांवों में जमकर ओलावृष्टि भी हुई। कई गांवों में खेतों में सफेद चादर बिछ गई, जिससे फसलों को भारी नुकसान होने की आशंका है।
ऐसे में सरकार ने किसानों को राहत दी है। फसलों के नुकसान की भरपाई के लिए प्रदेश सरकार ने मेरी फसल-मेरा ब्योरा पोर्टल फिर खोल दिया है। अब सोमवार तक किसान इस पोर्टल पर अपनी खराब हुई फसल की जानकारी अपलोड कर सकते हैं। नुकसान का ब्योरा दर्ज कराने में किसान देरी न करें। पोर्टल पर पंजीकरण कराने वाले किसानों को ही सरकार मुआवजा देगी।
यह है प्रक्रिया
किसानों को पोर्टल पर पंजीकरण करने के लिए सबसे पहले fasal haryana.gov.in/ पोर्टल को खोलना होगा। फिर किसान अनुभाग पर क्लिक करें। इसके बाद ई-फसल क्षतिपूर्ति सूचना देने के लिए क्लिक करें। इसके उपरांत परिवार पहचान पत्र की आइडी, मेरी फसल-मेरा ब्यौरा आइडी या मोबाइल नंबर में से किसी एक से लागिन करें।
लागिन करने के उपरांत जिस किसान ने पंजीकरण किया है उसका ब्योरा खुल जाएगा। इसके बाद किसान अपनी फसल के बारे में शिकायत दर्ज कर सकते हैं। शिकायत दर्ज करने के उपरांत संबंधित विभाग व अधिकारी द्वारा आपकी शिकायत पर आगामी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। किसान अपने मोबाइल, लैपटाप, कंप्यूटर या फिर अटल सेवा केंद्र पर जाकर फसल नुकसान की सूचना दें सकते हैं।
करीब छह लाख फसल नुकसान का पहुंचा आंकड़ा
प्रदेश में अभी तक क्षतिपूर्ति पोर्टल पर प्रदेशभर से 5.76 लाख एकड़ फसल में नुकसान की शिकायतें आई हैं। करीब 4900 गांवों में एक लाख से अधिक किसान मौसम की मार से प्रभावित हुए हैं। प्रदेश में इस साल 22.9 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में गेहूं की फसल बोई गई है।
दाना काला पड़ने की आशंका
कृषि विशेषज्ञों के मुताबिक लगातार बेमौसमी बरसात और ओलावृष्टि से करीब 25 प्रतिशत तक फसल खराब हुई है। प्रदेश में अमूमन प्रति हेक्टेयर से 45 से 50 क्विंटल गेहूं का उत्पादन रहता है। प्रभावित क्षेत्रों में प्रति हेक्टेयर पांच से सात क्विंटल उत्पादन घट सकता है। कारण यह कि बारिश और तेज हवा चलने से गेहूं की फसल खेतों में गिर गई है। जो फसल गिर गई है, अब वह दोबारा नहीं उठ पाएगी। हजारों एकड़ जमीन में एक से डेढ़ फीट तक जलभराव है। खेतों में बिछी गेहूं की फसल का दाना काला पड़ने की आशंका है।
इन क्षेत्रों में ज्यादा नुकसान
पौने दो लाख एकड़ फसल सिरसा में प्रभावित हुई है। यमुनानगर में 20 से 25 प्रतिशत फसल का नुकसान हुआ है। 15 हजार एकड़ गेहूं की फसल प्रभावित हुई। 1122 किसानों ने आवेदन किया। वहीं, दो दिन पहले फतेहाबाद के गांव रामसरा व ठईयां में ओलावृष्टि से 30 से 40 प्रतिशत तक नुकसान है। कैथल में भी फसल खराब होने पर 14 सौ किसानों ने आवेदन किया। वहीं, अंबाला में 2900 किसानों ने आवेदन किया।
19221 एकड़ गेहूं की फसल प्रभावित हुई। करनाल में दो हजार किसानों ने फसल नष्ट होने का विवरण दिया है। इसके अलावा भिवानी, महेंद्रगढ़, नारनौल में भी वर्षा और ओलावृष्टि से फसलें प्रभावित हुई हैं। वहीं, नूंह,रेवाड़ी, नारनौल में सबसे अधिक नुकसान की आशंका जताई जा रही है।
गेहूं की कटी फसल खेतों में पड़ी हुई है। भीगे गेहूं के दाने काले पड़ने लगे हैं। नूंह में 45 हजार हेक्टेयर जमीन पर बोई गई गेहूं की फसल में 70 प्रतिशत से अधिक फसल को नुकसान हुआ है। रेवाड़ी और नारनौल में करीब 50-50 हजार हेक्टयर भूमि पर खड़ी फसल को नुकसान हुआ है।
मंडियों में गेहूं, जौ और चने की खरीद शुरू, फील्ड में उतारे प्रशासनिक सचिव
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़ : हरियाणा में शनिवार को मंडियों में गेहूं, जौ और चने की सरकारी खरीद शुरू हो गई। हालांकि पहले दिन फसलों की आवक नाममात्र रही। मौसम खुलने के बाद फसलों की आवक में तेजी आने की उम्मीद है। प्रदेश सरकार ने खरीद प्रक्रिया को सुचारू करने के लिए प्रशासनिक सचिवों को जिलों इंचार्ज बनाया है। प्रशासनिक सचिव संबंधित जिलों में जाकर मंडियों का व्यक्तिगत रूप से दौरा कर खरीद प्रकि्रया का निरीक्षण करेंगे और खरीद संबंधी सभी कार्यों पर पूर्ण नियंत्रण सुनिश्चित करेंगे।
मुख्य सचिव संजीव कौशल ने इस संबंध में प्रशासनिक सचिवों को निर्देश भी जारी कर दिए हैं। गेहूं के लिए 408, सरसों के लिए 103, जौ के लिए 25 और चने के लिए 11 खरीद केंद्र बनाए गए हैं जहां खाद्य आपूर्ति विभाग, हैफेड, हरियाणा वेयरहाउस कारपोरेशन (एचडब्ल्यूसी) और भारतीय खाद्य निगम (एफसीआइ) द्वारा खरीद की जाएगी।
किसानों को भुगतान सीधे उनके बैंक खातों में किया जाएगा। मुख्य सचिव ने बताया कि ई-खरीद प्लेटफार्म के माध्यम से सभी मापदंडों की मैपिंग और निगरानी की सुविधा होगी। निरीक्षण के लिए एक चेकलिस्ट खरीद की शुरुआत से पहले और खरीद प्रक्रिया के दौरान जिला इंचार्ज को सौंपी जाएगी।
इन क्षेत्रों में पश्चिमी विक्षोभ का दिखा प्रभाव
पश्चिमी विक्षोभ के कारण रोहतक में 19.5 मिमी वर्षा दर्ज की गई है। वहीं, जमकर ओलावृष्टि भी हुई। कैथल, फतेहाबाद के टोहाना और जींद के जुलाना में 17 व अलेवा में 3.6 एमएम वर्षा हुई। जुलाना के कुछ क्षेत्रों में ओलावृष्टि हुई। चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कृषि मौसम विज्ञानी डा. मदन लाल खिचड़ के अनुसार एक नया पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हो रहा है। दो अप्रैल की रात से फिर मौसम बदलने की संभावना है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।