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    Haryana Weather Updates: हरियाणा में बना हुआ शुष्‍क मौसम, फसलें हो रही प्रभावित; जारी रहेगी तापमान वृद्धि

    Haryana Weather हरियाणा में शुष्‍क मौसम बना हुआ है। इससे किसानों की फसलें प्रभावित हो रही हैं। सितंबर के तीसरे सप्ताह तक मानसून की विदाई की स्थिति बन जाएगी। इससे खरीफ सीजन की फसलों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ना तय माना जा रहा है। जुलाई में मूसलाधार वर्षा और इसके बाद मानसून की बेरुखी का सबसे ज्यादा प्रतिकूल प्रभाव खेती पर दिख रहा है।

    By Jagran NewsEdited By: Himani SharmaUpdated: Sun, 03 Sep 2023 07:45 AM (IST)
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    हरियाणा में बना हुआ शुष्‍क मौसम, फसलें हो रही प्रभावित; जारी रहेगी तापमान वृद्धि

    चंडीगढ़, जागरण संवाददाता: हरियाणा में मौसम के बदलाव का सिलसिला लगातार जारी है। मौसम पूर्वानुमान के अनुरूप अगस्त की तर्ज पर सितंबर का पहला सप्ताह लगभग सूखा ही गुजरने की स्थिति बनी है। इसी तरह अगले सप्ताह भी राज्य में वर्षा स्तर सामान्य से नीचे रहने के आसार हैं। दोनों सप्ताह राज्य में अधिकतम तापमान में सामान्य स्तर से अधिक वृद्धि का दौर जारी रहेगा।

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    तीसरे सप्‍ताह में मानसून लेगा विदाई

    वहीं सितंबर के तीसरे सप्ताह तक मानसून की विदाई की स्थिति बन जाएगी। इससे खरीफ सीजन की फसलों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ना तय माना जा रहा है। जुलाई में मूसलाधार वर्षा और इसके बाद मानसून की बेरुखी का सबसे ज्यादा प्रतिकूल प्रभाव खेती पर दिख रहा है। मानसूनी वर्षा का सिलसिला रुकने के चलते खरीफ फसलों को संकट की स्थिति का सामना करना पड़ रहा है। इससे व्यापक स्तर पर पैदावार प्रभावित होने का खतरा बढ़ गया है।

    मानसून पर निर्भर खरीफ फसलें

    खरीफ फसलें मुख्य रूप से मानसूनी वर्षा पर निर्भर रहती है। वर्षा क्रम यदि असंतुलित हो जाए तो इससे फसलों की बुआई से लेकर अंतिम रूप से उत्पादन तक की प्रक्रिया बुरी तरह प्रभावित हो जाती है। इस वर्ष कुछ ऐसे ही हालात उभर रहे हैं। ऐसे में कई जगह किसानों ने फसल बुआई से ही किनारा कर लिया, जिससे कपास जैसी विभिन्न फसलों का रकबा भी बीते वर्षों की तुलना में इस बार काफी कम रहने के हालात हैं।

    हालांकि अभी तक धान, गन्ने, बाजरे के रकबे पर अधिक असर नहीं पड़ा है जबकि दालों में मूंग, उड़द व तुअर का रकबा प्रभावित होता दिख रहा है। तिलहन में मूंगफली व सोयाबीन की फसलें प्रभावित हो सकती हैं। मोटे अनाज में कमोबेश यही स्थिति मक्के और ज्वार की है।

    सबसे अधिक तापमान हिसार में तो सबसे कम महेंद्रगढ़ में रहा

    वर्तमान मौसम प्रणाली में औसत समुद्र तल पर मानसून ट्रफ हिमालय की तलहटी के साथ अवस्थित है। इससे हरियाणा व आसपास के क्षेत्रों में मानसून गतिविधियों को बल नहीं मिल रहा। अगले कुछ दिन मौसम शुष्क बने रहने की भी प्रबल संभावना है। शनिवार को हरियाणा में सबसे अधिक 39.6 डिग्री सेल्सियस तापमान हिसार के बालसमंद और सबसे कम 24.9 डिग्री सेल्सियस तापमान महेंद्रगढ़ में रिकार्ड किया गया।

    इसलिए लगा मानसून ब्रेक

    सितंबर में भी अधिक वर्षा के आसार नजर नहीं आ रहे। विशेषज्ञों के अनुसार सितंबर के तीसरे सप्ताह तक मानसून की विदाई की स्थिति बन जाएगी। अल-नीनो प्रभाव की सक्रियता से मानसून में लगातार बाधाएं देखी जा रही हैं। हालांकि इसकी संभावना पहले से थी। बंगाल की खाड़ी में कम दबाव क्षेत्र नहीं बनने से वर्षा गतिविधियां प्रभावित हैं। पाकिस्तान की दिशा से बने पश्चिमी विक्षोभ काफी कमजोर रहे। इससे मानसून सक्रिय नहीं हुआ।