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    किसानों को बॉर्डर पर रोकने वाले तीन IPS समेत छह को मिलेगा गैलेंट्री मेडल, पढ़ें कितने प्रकार के होते हैं वीरता पुरस्कार?

    Updated: Wed, 17 Jul 2024 12:24 PM (IST)

    हरियाणा के तीन आइपीएस समेत छह पुलिस अफसरों को गैलेंट्री मेडल देने की तैयारी की जा रही है। प्रदर्शनकारियों को सीमा पर रोकने और उनका मुस्तैदी के साथ सामना करने पर उन्हें पुरस्कृत किया जाएगा। हरियाणा पुलिस के प्रस्ताव में अंबाला रेंज के आइजी सिबास कविराज का नाम भी शामिल है। आंदोलन के दौरान हरियाणा पुलिस की आठ लेयर की सुरक्षा किसानों के सामने दीवार बनकर खड़ी थी।

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    हरियाणा में किसानों को रोकने वाले पुलिसकर्मियों को मिलेंगे गैलेंट्री मेडल

    दीपक बहल, अंबाला। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के लिए कवच बने हरियाणा-पंजाब सीमा के शंभू तथा जींद के दाता सिंह वाला-खनौरी बॉर्डर पर तत्परता बरतने के लिए हरियाणा के तीन आइपीएस समेत छह पुलिस अफसरों को गैलेंट्री मेडल देने की तैयारी की जा रही है।

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    आठ लेयर की सुरक्षा में बॉर्डर

    हरियाणा पुलिस ने गृह मंत्रालय को इन अफसरों के नामों का प्रस्ताव बनाकर भेज दिया है। इसमें 13 व 14 फरवरी 2024 का भी उल्लेख किया गया है।

    जब किसानों को दिल्ली कूच करने से बॉर्डर पर ही रोक दिया गया था। हरियाणा पुलिस की आठ लेयर की सुरक्षा किसानों के सामने दीवार बनकर खड़ी थी।

    हरियाणा पुलिस के प्रस्ताव में अंबाला रेंज के आइजी सिबास कविराज का नाम भी शामिल है। उनकी मानीटरिंग में अब तक यहां के इंतजाम किए जा रहे हैं।

    इनके नाम हैं शामिल

    एसपी कुरुक्षेत्र जशनदीप सिंह रंधावा का नाम भी प्रस्ताव में शामिल है। अंबाला के एसपी रहने के दौरान उन्होंने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसके अलावा डीसीपी नरेंद्र कुमार, डीएसपी रामकुमार का नाम भी इस लिस्ट में है। दूसरे बॉर्डर पर एसपी सुमित कुमार, डीएसपी अमित भाटिया का नाम शामिल है।

    क्या होते हैं गैलेंट्री मेडल

    सशस्त्र बलों, अन्य कानूनी रूप से गठित बलों और नागरिकों के अधिकारियों/कर्मियों की बहादुरी और बलिदान के सम्मान के रूप में गैलेंट्री अवॉर्ड दिए जाते हैं। इन वीरता पुरस्कारों की घोषणा साल में दो बार की जाती है। पहले गणतंत्र दिवस के अवसर पर और फिर स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर।

     परमवीर चक्र, महावीर चक्र और वीर चक्र शामिल की शुरुआत 26 जनवरी, 1950 में हई। वहीं, अशोक चक्र-प्रथम, अशोक चक्र- द्वितीय और अशोक चक्र-तृतीय की शुरुआत 04 जनवरी 1952 से हुई। तारीख 27 जनवरी 1967 को इनका नाम बदलकर अशोक चक्र, कीर्ति चक्र और शौर्य चक्र के रूप में बदल दिया गया।

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