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    Haryana News: हरियाणा पुलिस वेबसाइट पर अपराधियों की एंट्री, FIR डाउनलोड के लिए ओटीपी जरूरी

    Updated: Thu, 17 Jul 2025 12:51 PM (IST)

    हरियाणा पुलिस की वेबसाइट पर अब अपराधियों की एंट्री भी दर्ज होगी। साइबर अटैक से बचाने के लिए सुरक्षा बढ़ाई गई है। एफआईआर डाउनलोड करने के लिए ओटीपी aअनिवार्य कर दिया गया है। एक मोबाइल नंबर से दिन में केवल दो एफआईआर खोली जा सकेंगी। पुलिस के पास एफआईआर खोलने वालों का डाटा होगा जिससे वेबसाइट पर आने वाले व्यक्ति की पहचान की जा सकेगी।

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    Haryana News: हरियाणा पुलिस वेबसाइट पर अपराधियों की एंट्री (File Photo)

    दीपक बहल, अंबाला। हरियाणा पुलिस की वेबसाइट पर अपराधियों की भी एंट्री हो गई। वेबसाइट पर सिर्फ एफआइआर ही नहीं बल्कि तमाम सुविधाएं हैं, जिसके चलते साइबर अटैक से बचाने के लिए कई बैरियर लगा दिए हैं।

    अब वेबसाइट पर एफआइआर या अन्य सुविधा लेने के लिए मोबाइल नंबर व कैप्चा डालना होगा, जिसके बाद ओटीपी आएगी। अब विदेशों में बैठे लोग भी एफआइआर डाउनलोड नहीं कर पाएंगे, क्योंकि हर एफआइआर को खोलने के लिए ओटीपी की जरूरत होगी।

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    एक व्यक्ति एक मोबाइल नंबर से दिन में दो एफआइआर को खोल सकता है। जो लोग एफआइआर खोल रहे हैं, उनका हरियाणा पुलिस के पास डाटा होगा, जिससे चेक किया जा सकेगा कि वेबसाइट पर आने वाला व्यक्ति कौन है और किस इरादे से एफआइआर को खोल रहा है।

    इसी तरह साइट पर सिटीजन लाग इन पर भी ओटीपी जरूरी है, जबकि अन्य सेवाओं के लिए भी ओटीपी की अनिवार्यता है। पुलिस के पास हजारों शिकायतें पहुंचीं थी, जिसके चलते यह कदम उठाना पड़ा, जिससे अब वेबसाइट की स्पीड बढ़ गई है।

    किसी भी जिले व थाने की खोल सकते थे एफआइआर

    पहले हरियाणा में या फिर विदेश में बैठकर कोई भी व्यक्ति वेबसाइट पर जाकर किसी भी जिले व थाने की एफआइआर खोल सकता था। इस एफआइआर में शिकायतकर्ता का नाम व मोबाइल नंबर तो होता है, कई मामलों में आरोपितों के भी नंबर के अलावा विवरण होता है। कोई व्यक्ति कितनी भी एफआइआर चेक करे, इसको लेकर कोई बंदिश नहीं थी।

    जब हरियाणा पुलिस के पास शिकायतें पहुंचने लगी, तो मजबूरन इस सुविधा में बैरियर लगाना पड़ गया है। पहले जहां वेबसाइट पर जाते ही एफआइआर खुल जाती थी अब जो व्यक्ति एफआइआर खोलना चाहता है तो उसे अपना मोबाइल नंबर व कैप्चा डालना होगा।

    इसके बाद ओटीपी डालना होगा और उसे वेरिफाई करने के बाद एफआइआर को देख सकेंगे। सबसे महत्वपूर्ण बात मोबाइल नंबर डालते ही पुलिस के पास डाटा पहुंच जाएगा कि वेबसाइट किस जिले और किस व्यक्ति ने खोली है।

    दो नए फीचर जोड़े वेबसाइट पर सिर्फ एफआइआर नहीं बल्कि तमाम सुविधाएं हैं, जिसमें घर बैठे साइट की मदद से इसे हासिल किया जा सकता है। अनयूज़र की साइट पर भीड़ के चलते जिन लोगों को वेबसाइट की जरूरत होती थी, लेकिन साइट धीमी हो जाती थी।

    अब थाने जाने की जरूरत नहीं जबकि ई-एफआइआर दर्ज हो जाएगी। इसके अलावा यदि कोई घटना हो जाती है और व्यक्ति को थाना क्षेत्र नहीं पता, तो इसी साइट की मदद से उसे पता चल जाएगा कि मामला किस थाना क्षेत्र में दर्ज किया जाना है। यानी इस फीचर से थाना विवाद भी थम जाएगा।

    यह सेवाएं हैं पुलिस की वेबसाइट पर

    पुलिस द्वारा अपनी वेबसाइट पर कई सर्विस दी जाती हैं। इसमें सबसे अहम एफआइआर डाउनलोड है। इसके अलावा पुलिस द्वारा चरित्र प्रमाणपत्र जारी करने, प्रापर्टी लिस्ट की शिकायत करने, पुलिस क्लीयरेंस सर्टिफिकेट की सेवाएं ऑनलाइन दी जाती है।

    इसी तरह ऑनलाइन शिकायत, कर्मचारी की वेरिफिकेशन, सामान्य वेरिफिकेशन, किसी भी शिकायत की स्टेटस सर्च, आर्म्स एंड एमुनेशन सेफ्टी ट्रेनिंग की सुविधा भी ऑनलाइन है, जिसके लिए आवेदन किया जा सकता है।

    इसी तरह साइबर कैफे को मान्य करने, होटल की रजिस्ट्रेशन, कम्यूनिटी ग्रुप की सत्यापन, किसी अज्ञात के बारे में ऑनलाइन सूचना देना, सैकेंड हैंड वाहनों के लिए एनओसी जारी करने जैसी सुविधाएं पुलिस द्वारा ऑनलाइन दी जाती है।

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