Rampal Case Update: कथित संत रामपाल को राहत नहीं, जमानत पर हाई कोर्ट दोबारा करेगा सुनवाई
कथित रामपाल के खिलाफ बरवाला में 18 नवंबर 2014 में देश विरोधी गतिविधियों आइपीसी और आर्म्स एक्ट की धाराओं के तहत एफआइआर दर्ज की गई थी। रामपाल के वकील ने बेंच को बताया कि 72 वर्षीय रामपाल आठ साल से ज्यादा समय से हिरासत में है। अभी तक 463 गवाह में से केवल 86 की हुई गवाही हुई है। इसलिए रामपाल को जमानत दी जाए।

चंडीगढ़, राज्य ब्यूरो। कथित संत रामपाल की जमानत की मांग संबंधी याचिका पर हाई कोर्ट अब नए सिरे से दोबारा सुनवाई करेगा। हाई कोर्ट के जस्टिस एजी मसीह पर आधारित बेंच ने इस मामले की सुनवाई के बाद 16 मार्च को जमानत पर फैसला सुरक्षित रख लिया था। बाद में जस्टिस एजी मसीह को राजस्थान हाई कोर्ट का चीफ जस्टिस नियुक्त कर दिया गया। जस्टिस मसीह ने राजस्थान जाने से पहले इस पर अपना फैसला न सुनाते हुए मामले को रिलीज कर दिया। अब इस मामले पर 20 जुलाई को अन्य बेंच सुनवाई कर निर्णय लेगी।
इस मामले की सुनवाई के दौरान रामपाल की तरफ से पैरवी करते हुए वकील ने बेंच को बताया कि 72 वर्षीय रामपाल आठ साल से ज्यादा समय से हिरासत में है। अभी तक 463 गवाह में से केवल 86 की हुई गवाही हुई है। इसलिए रामपाल को जमानत दी जाए। इस पर हैरानी जताते हुए कोर्ट ने कहा था कि अगर इस तरह गवाही चलती रही तो इसमें 20 साल से ज्यादा समय लग जाएगा। सभी पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
रामपाल ने जमानत के लिए दायर की थी याचिका
रामपाल ने अपने खिलाफ बरवाला में 18 नवंबर 2014 में देश विरोधी गतिविधियों और आर्म्स एक्ट की धाराओं के तहत दर्ज मामले में नियमित जमानत दिए जाने की मांग को लेकर हाई कोर्ट में याचिका दायर की हुई है। हाई कोर्ट की आपराधिक अवमानना के मामले में हाई कोर्ट ने रामपाल के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किए थे। तब कई दिनों के प्रयास के बाद सुरक्षा बल रामपाल को बरवाला के आश्रम से गिरफ्तार कर पाए थे। इस दौरान रामपाल के समर्थकों के साथ भारी झड़प भी हुई थी।
रामपाल सहित 900 समर्थकों पर दर्ज हुआ था मामला
इसी मामले में रामपाल के खिलाफ बरवाला में 18 नवंबर 2014 में देश विरोधी गतिविधियों, आइपीसी और आर्म्स एक्ट की धाराओं के तहत एफआइआर दर्ज की गई थी। इस मामले में रामपाल सहित उनके 900 समर्थकों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। रामपाल को छोड़कर अन्य सभी आरोपितों को जमानत मिल चुकी है, लेकिन रामपाल की जमानत खारिज होती रही। रामपाल ने एक बार फिर इस मामले में नियमित जमानत दिए जाने की मांग को लेकर हाई कोर्ट में याचिका दायर की है।
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