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    Haryana Liquor Policy: बदल गई हरियाणा की आबकारी नीति, अब ऑफिस में छलकेंगे जाम; सर्व होगी शराब-वाइन

    By Jagran NewsEdited By: Swati Singh
    Updated: Sat, 13 May 2023 04:48 PM (IST)

    Haryana Liquor Policy ऑफिस में ही बार बनाया जा सकेगा। हालांकि केवल उन्हीं कॉरपोरेट ऑफिसों में बार खोलने की अनुमति मिलेगी जहां कम से कम पांच हजार कर्मचारी हों। इसके लिए लाइसेंस एल-10एफ दिया जाएगा। लाइसेंस के लिए कई शर्तें भी पूरी करनी होंगी।

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    बदल गई हरियाणा की आबकारी नीति, अब ऑफिस में छलकेंगे जाम; सर्व होगी शराब-वाइन

    चंडीगढ़, राज्य ब्यूरो। हरियाणा में अब बड़ी कॉरपोरेट कंपनियों के कर्मचारी और अधिकारी कैंटीन में बीयर या वाइन का मजा ले सकेंगे। प्रदेश सरकार ने आबकारी नीति में बदलाव किया है जिसके तहत कारपोरेट ऑफिस में कम अल्कोहल वाले पेय पदार्थ बेचने और पीने की इजाजत दे दी गई है।

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    हरियाणा में 12 जून से नई नीति लागू होगी जिसके बाद कॉरपोरेट ऑफिस में न केवल बीयर और वाइन पीने की इजाजत होगी, बल्कि पार्टियों में भी जमकर जाम छलकाए जा सकेंगे। उन्हें कोई नहीं रोकेगा।

    इन शहर के ऑफिसों में खुलेंगे बार

    ऑफिस में ही बार बनाया जा सकेगा। हालांकि केवल उन्हीं कॉरपोरेट ऑफिसों में बार खोलने की अनुमति मिलेगी जहां कम से कम पांच हजार कर्मचारी हों। इसके लिए लाइसेंस एल-10एफ दिया जाएगा। लाइसेंस के लिए कई शर्तें भी पूरी करनी होंगी। नई पॉलिसी का सबसे ज्यादा लाभ गुरुग्राम, मानेसर, सोनीपत और फरीदाबाद जैसे शहरों में स्थित कॉरपोरेट और मल्टीनेशनल कंपनियों को होगा। खासकर उन ऑफिसों को, जिनके पास एक लाख वर्ग फीट जगह है। कैंटीन एरिया कम से कम दो हजार वर्ग फीट होना चाहिए।

    देना होगा 10 लाख रुपये का वार्षिक शुल्क

    कंपनी प्रबंधन को लाइसेंस के लिए 10 लाख रुपये का वार्षिक शुल्क भी देना होगा। वहीं, शराब कारोबारियों को भी राहत देते हुए रेस्टोरेंट, पब और कैफे के लिए बार लाइसेंस की फीस कम कर दी गई है। मनोरंजन शो, प्रदर्शनियों, कॉमेडी शो, मैजिक शो, मेगा-शो, सेलिब्रिटी इवेंट के दौरान आयोजकों को शराब परोसने के लिए अस्थायी लाइसेंस के शुल्क में वृद्धि की गई है। पांच हजार लोगों के जमावड़े के लिए मौजूदा शुल्क 10 हजार रुपये (प्रति कार्यक्रम) से बढ़ाकर 50 हजार रुपये प्रतिदिन प्रति कार्यक्रम तय किया गया है।

    इतनी है लाइसेंस की फीस

    25 हजार लोगों वाले कार्यक्रम के लाइसेंस की फीस एक लाख से बढ़ाकर ढाई लाख रुपये प्रति इवेंट और इससे अधिक लोगों के जमावड़े के लिए शुल्क को पांच लाख प्रतिदिन प्रति ईवेंट से बढ़ाकर 10 लाख रुपये किया गया है। एक बार में अधिकतम तीन दिनों के लिए आवेदन किया जा सकेगा।

    लाइसेंस के लिए दस लाख रुपये देने के अलावा लाइसेंस लेने वाले को तीन लाख रुपये अतिरिक्त देने पड़ेंगे। यह तीन लाख रुपये सिक्योरिटी डिपॉजिट के रूप में लिए जाएंगे। इस नीति के अनुसार, लाइसेंस शुदा परिसर आम रास्ता नहीं होना चाहिए या किसी ऐसे क्षेत्र से जुड़ा नहीं होना चाहिए जहां अक्सर लोग आते हों। लाइसेंस धारक को नीति के अनुसार शराब का स्टॉक खरीदना होगा।