Back Image

Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck

    Haryana News: अनाज मंडी बनी लोगों के लिए आफत, CM मनोहर लाल ने पूछा क्या करें; तो भीड़ से आया दमदार जवाब

    By Jagran NewsEdited By: Prince Sharma
    Updated: Fri, 22 Sep 2023 05:30 AM (IST)

    Haryana अंबाला शहर के एसए जैन कॉलेज में जनसंवाद के दौरान मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने मंच से पूछा कि अनाज मंडी का क्या करें विस्तार किया जाए या फिर शिफ्ट किया जाए। इसके बाद पार्षद बोले कि अनाज मंडी शहर के बीच में आ गई है। इसे अब शिफ्ट किया जाना चाहिए। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि इसका प्लान तैयार कर लेते हैं

    Hero Image
    अनाज मंडी बनी लोगों के लिए आफत, CM मनोहर ने भीड़ से पूछा तो पब्लिक ने दिया यह रिएक्शन

    अंबाला, जागरण संवाददाता। अंबाला शहर के एसए जैन कॉलेज में जनसंवाद के दौरान मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने मंच से पूछा कि अनाज मंडी का क्या करें विस्तार किया जाए या फिर शिफ्ट किया जाए। इस पर पब्लिक में से आवाज आई कि इसे आबादी से दूर करो।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    इसके बाद पार्षद बोले कि अनाज मंडी शहर के बीच में आ गई है। इसे अब शिफ्ट किया जाना चाहिए। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि इसका प्लान तैयार कर लेते हैं, जिससे दो -तीन साल में मंडी शिफ्ट कर दी जाएगी। बता दें कि अंबाला शहर में लगभग 42 एकड़ में अनाज मंडी बनी हुई है। इसमें आढ़तियों की दुकानें, मंडी में बनाए हुए शेड़, मार्केट कमेटी का कार्यालय समेत हैं।

    मेरी फसल, मेरा ब्यौरा- दिया गया नाम

    इसके साथ ही अनाज मंडी के साथ ही 11 एकड़ जमीन लगती है। यह जमीन खाली पड़ी है। इस जमीन को अनाज मंडी में मिलाने के लिए मार्केट कमेटी बोर्ड की ओर से प्रपोजल तैयार किया गया था। इस प्रपोजल को सरकार के पास भेज दिया गया था। इसी के चलते मुख्यमंत्री ने जनसंवाद कार्यक्रम के दौरान खुद ही यह बात रखकर जानना चाहा। तीन गुणा घट गई अनाज की आवक प्रदेश सरकार की ओर से मेरी फसल मेरा ब्यौरा के नाम से पोर्टल बना दिया गया है।

    Sirsa: पुरानी संसद से जुड़ी हैं सांसदों के यादें, सुशील इंदौरा को मिला था बिल क्लिंटन से हाथ मिलाने का मौका

    इस पोर्टल को बनाए जाने के बाद पंजाब से आने वाले अनाज की खरीद बंद हो गई है। ऐसे में अनाज मंडी में सिर्फ जिला का अनाज ही रह गया है। पहले अंबाला शहर अनाज मंडी में पंजाब का धान आने के कारण इसका आंकड़ा 30 लाख क्विंटल तक पहुंच जाता था। परंतु अब यह सिमट कर लगभग 11 लाख क्विंटल तक रह गया है। ऐसे में यह सीधे सीधे तीन गुणा कम हो गया है। पहले अधिक अनाज आने की सूरत में अनाज मंडी भर जाती थी और अनाज को हुडा के ग्राउंड में पहुंचाना पड़ता था।