Haryana: सेना को अपने द्वार पाकर बंधी उम्मीद, रस्सियों के सहारे किया रेस्क्यू, किश्ती से बाहर निकाला
बाढ़ में फंसे लोगों के लिए सेना के जवान दूत बनकर पहुंचे। सेना को अपने घर द्वार पर पाकर लोगों को उम्मीद बंध गई कि वे अब सुरक्षित स्थानों पर पहुंच सकेंगे। किश्ती लेकर उन स्थानों तक पहुंचेजहां पर पहुंचना काफी मुश्किल समझा जा रहा था। घरों से लोगों को रेस्क्यू किया। घरों में महिलाएं बुजुर्ग और बच्चे फंसे हुए थे।

अंबाला, जागरण संवाददाता। बाढ़ में फंसे लोगों के लिए सेना के जवान दूत बनकर पहुंचे। सेना को अपने घर द्वार पर पाकर लोगों को उम्मीद बंध गई कि वे अब सुरक्षित स्थानों पर पहुंच सकेंगे। सेना के जवानों ने भी हिम्मत और हौसले के साथ बच्चों, बुजुर्गों, महिलाओं आदि को बाहर निकाला और किश्ती के सहारे सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया। यही नहीं सेना के जवान किश्ती में खाद्य सामग्री लेकर भी पहुंचे और लोगों को वितरित की।
दूसरी ओर वायु सेना का हेलीकाप्टर भी बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों पर घूमा और लोगों के लिए खाद्य सामग्री के पैकेट गिराये। अभी भी राहत कार्य और रेस्क्यू आपरेशन जारी है। नग्गल क्षेत्र में अभी भी बाढ़ जैसे हालत बने हैं, जबकि प्रशासन का दावा है कि जल्द ही सामान्य हो जाएंगे। लेकिन इन परिस्थितियों में सेना के जवानों ने मोर्चा संभाला और रेस्क्यू अभियान चलाया। सेना के जवान अलग-अलग टीमों में लोगों को बाढ़ से बाहर निकालने में जुट गए।
किश्ती लेकर उन स्थानों तक पहुंचे,जहां पर पहुंचना काफी मुश्किल समझा जा रहा था। घरों से लोगों को रेस्क्यू किया। घरों में महिलाएं, बुजुर्ग और बच्चे फंसे हुए थे, लेकिन सेना के जवानों ने इन सभी को एक-एक कर किश्ती में बिठाया और सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया। सेना का कहना है कि अभी रेस्क्यू अभियान चलाया जा रहा है, जबकि जो लोग अभी भी घरों में फंसे हैं, उनको निकाला जा रहा है। दूसरी ओर वायुसेना का हेलीकाप्टर भी बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों पर घूमा और लोगों के लिए खाद्य सामग्री के पैकेट फेंके।
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