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    'चक्कर लगाती रहना वरना मेरा दिल कैसे लगेगा...', हरियाणा में शिक्षिका का छलका दर्द, मंत्री से बताई प्रिंसिपल की करतूत

    Updated: Sat, 09 Aug 2025 03:10 PM (IST)

    अंबाला के एक राजकीय शिक्षण संस्थान की एक और शिक्षिका ने प्रिंसिपल पर प्रताड़ना का आरोप लगाया है। शिक्षिका ने मंत्री अनिल विज से शिकायत करते हुए बताया कि प्रिंसिपल उसके अकेलेपन का फायदा उठाना चाहता है और उसे मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रहा है जिससे उसका जीना दूभर हो गया है। पहले भी प्रिंसिपल के खिलाफ शिकायतें हुई हैं लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।

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    अंबाला में एक और शिक्षिका ने की प्रिंसिपल से शिकायत (जागरण फोटो)

    उमेश भार्गव, अंबाला। मैं सिर्फ छुट्टी पर नहीं थी… मैं बीमार थी, टूटी हुई थी। लेकिन उन्होंने मेरी कमजोरी को बुलावा समझ लिया। मैं अकेली हूं, पर मजबूर नहीं। छावनी में एक राजकीय शिक्षण संस्थान के प्रिंसिपल की प्रताड़ना के खिलाफ एक शिक्षिका द्वारा मोर्चा खोलने के बाद एक अन्य शिक्षिका भी सामने आई है।

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    शिक्षिका ने शिकायत में लिखा है कि मेरे कंधों पर सिर्फ मेरे परिवार की नहीं बल्कि दूसरे परिवार की भी जिम्मेदारी है। मैं-दो-दो परिवारों को अकेली संभाल रही हूं। लेकिन प्रिंसिपल ने जीना दुश्वार कर दिया है। इस महिला शिक्षक की पीड़ा भी शब्द बनकर ऊर्जा एवं परिवहन राज्यमंत्री अनिल विज के समक्ष फूटी।

    शिक्षिका ने लिखित शिकायत न केवल मंत्री विज बल्कि अन्य अधिकारियों से भी कर दी। उक्त शिक्षिका को मंत्री विज ने उचित कार्रवाई का भरोसा दिलाया है।

    साथ ही इस मामले में एसपी के साथ अन्य उच्चाधिकारियों को कार्रवाई के लिए लिख दिया। मंत्री विज और अधिकारियों को भेजी शिकायत में दूसरी महिला शिक्षक ने कुछ इस अंदाज में अपनी पीड़ा व्यक्त की।

    छुट्टियों के बीच ही मुझे घर से बुलावा लिया

    मैं अकेली हूं, पर मजबूर नहीं। जब मैं मातृत्व और पारिवारिक जिम्मेदारियों के चलते चिकित्सा अवकाश पर थीं, तभी प्रिंसिपल द्वारा यह कहकर बुलाया गया कि छात्रों को कुछ समस्या हो रही है। लेकिन जब मैं संस्थान पहुंचीं तो प्रिंसिपल ने मुझे अपने कक्ष में बुला लिया। बातें करने के बाद कहा कि बीच-बीच में कमरे में चक्कर लगाती रहा करो, वरना मेरा दिल कैसे लगेगा?

    प्रिंसिपल साहब के चर्चा यहीं खत्म नहीं हुई। बताया जा रहा है कि संस्थान की कुछ अन्य महिला शिक्षिकाओं ने प्रिंसिपल को अपने मैसेंजर और फेसबुक पर ब्लॉक भी किया हुआ है। क्योंकि अश्लील बातें करना उनकी आदत में शुमार हो चुका है और वह इनके आदी हो चुके हैं। पूर्व में हुई शिकायतों के बावजूद प्रिंसिपल मान नहीं रहे।

    मैं अकेली रहती हूं, प्रिंसिपल उठाना चाहता है फायदा....

    मैं अकेली अपने बच्चे के साथ रहती हूं और मेरे अकेलेपन का प्रिंसिपल फायदा उठाना चाहता है। बेवजह छूने की कोशिश करता है। मुझपर दो परिवारों का जिम्मा है, बूढ़ी मां के अलावा भतीजे को भी मैं ही संभाल रही हूं। लेकिन प्रिंसिपल ने मेरा जीना हराम किया हुआ है।

    शिक्षिका ने अपनी शिकायत में लिखा है कि पहले भी प्रिंसिपल द्वारा अन्य महिला शिक्षिकाओं को प्रताड़ित किया जा चुका है। एक महिला शिक्षिका ने करीब तीन महीने पहले समय एक उच्चाधिकारी जोकि संस्थान में आए थे के समक्ष प्रिंसिपल की शिकायत कर दी थी।

    लेकिन अधिकारी की मध्यस्थता में प्रिंसिपल से माफी मांगकर मामला रफा-दफा कर दिया गया था। लेकिन अब उस शिक्षिका को भी दोबारा वही झेलना पड़ रहा है।

    मैं शारीरिक रूप से चल रही थी परेशान लेकिन अब मानसिक भी....

    मेरा परिवार है और मैं एक सामाजिक महिला हूं लेकिन ऐसे माहौल में एक-एक सांस लेना मुश्किल हो गया है। अकेली और मजबूर महिलाओं को ही वह जानबूझकर प्रताड़ित करते हैं और यह उनका स्वभाव हो चुका है। संस्थान के प्रिंसिपल ने मेरा जीना दुश्वार कर दिया है।

    मैं शारीरिक रूप से पहले ही बीमार चल रही थी लेकिन अब मानसिक रूप से भी बीमार हो गई हूं और मुझे उपचार करवाने की नौबत आ गई है।

    जींद जिले में छात्रा के साथ आपत्तिजनक स्थिति में मिला था...

    वहीं, दूसरी महिला शिक्षक ने बताया कि किस तरह 1997-98 में वर्तमान प्रिंसिपल जब शिक्षक था तो संस्थान में एक छात्रा के साथ आपत्तिजनक स्थिति में मिला था। लेकिन इसके बावजूद इस केस को भी दबा दिया गया क्योंकि उक्त प्रिंसिपल के राजनेताओं के गहरे संबंध हैं। हालांकि प्रिंसिपल के सर्विस रिकार्ड में बात दर्ज है। इसकी जांच भी कराई जा सकती है।