Back Image

Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck

    सराफा बाजार और कपड़ा मार्केट खुली, नहीं हुआ कारोबार

    By Edited By:
    Updated: Sat, 12 Nov 2016 07:47 PM (IST)

    जागरण संवाददाता, अंबाला शहर : ट्विनसिटी में तीसरे दिन भी बाजार बंद जैसे रहे। करियाना व

    जागरण संवाददाता, अंबाला शहर : ट्विनसिटी में तीसरे दिन भी बाजार बंद जैसे रहे। करियाना व अन्य छोटी- मोटी दुकानों को छोड़कर बड़े शोरूम संचालकों ने अपनी दुकानें बंद रखी। वहीं दूसरे दिन शहर सराफा बाजार और कपड़ा मार्केट खुली रही लेकिन किसी भी स्वर्णकार ने डिसप्ले नहीं लगाई। कपड़ा मार्केट के हालात यह थे कि यहां भी ग्राहक ढूंढने से भी नहीं दिखाई दे रहा था। हिमाचल प्रदेश से कुछ व्यापारी बाजार में दोपहर के समय कपड़ा लेने पहुंचे लेकिन उनके पास 500- 500 रुपये के नोट देखकर दुकानदारों ने उनसे सौदा नहीं किया। हालांकि कुछ दुकानदारों ने अपने पुराने कस्टमर का क्रेडिट दिखाकर उन्हें कपड़ा दे दिया। कुछ ने चेक के जरिए भी भुगतान किया लेकिन ज्यादातर दुकानदारों ने चेक से भुगतान नहीं लिया। लिहाजा तीसरे दिन भी बाजारों में कारोबार न के बराबर रहा। वहीं दूसरी और बड़े-बड़े सोने और हीरे के शोरूम विक्रेताओं के शोरूम शहर में पूरी तरह से बंद रहे। अग्रसेन चौक स्थित मार्केट में एक भी शोरूम खुला नहीं थी। छावनी की बात करें तो यहां भी कुछ पांच छह स्वर्णकारों को छोड़कर सभी स्वर्णकारों की दुकानें खुली रही लेकिन कामधंधा नहीं हुआ।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    ------------------------

    ट्विनसिटी में 50 करोड़ से अधिक का कारोबार प्रभावित

    अंबाला शहर की बात करें तो यहां पर कपड़ा मार्केट में रोजाना करीब 12 से 15 करोड़ रुपये का कारोबार त्योहारी सीजन में हो जाता है। ट्विनसिटी में स्वर्णकारों का कारोबार भी करीब 15 करोड़ का है। 10 नवंबर से कारोबार बाजारों में पूरी तरह से ठप होने के कारण करीब 50 करोड़ का कारोबार प्रभावित हो चुका है।

    सोने के भाव स्थिर नहीं होने के कारण धंधा चौपट

    सोने के भाव स्थिर नहीं होने के कारण धंधा पूरी तरह से चौपट हो चुका है। चूंकि कभी सोना 35 हजार हो जाता है तो क्षण भर में 50 हजार प्रति 10 ग्राम। इसी कारण स्वर्णकारों के सामने ज्यादा दिक्कतें बढ़ गई हैं। इसी कारण स्वर्णकार न चैक स्वीकार कर रहे हैं न ही किसी भी भाव में सोना देने के लिए तैयार हैं।

    जिले में 300 स्वर्णकार पर करीब एक हजार कर्मी

    जिले की बात करें तो यहां करीब 300 छोटे बड़े स्वर्णकार हैं। इनपर करीब एक हजार कर्मी कार्यरत हैं। इनमें से ज्यादातर स्वर्णकारों ने कारिगरों को छुट्टी दे दी है। क्योंकि अभी बाजार में कोई काम नहीं है। वहीं दूसरी और सेल्समैन को भी छुट्टी पर जाने के आदेश दे दिए गए हैं। ऐसे में इन लोगों के सामने अब आर्थिक संकट खड़ा हो गया है। हालात यह हैं कि स्वर्णकारों के पास लगे कारिगरों के पास कोई भी खाते नहीं थे। इसी कारण उनके पास जो भी कैश पड़ा था उन्हें उसे निकालने में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

    फोटो संख्या:- 33

    सोने का भाव स्थिर नहीं है। प्रधानमंत्री खुद बताएं ऐसे में सोने को हम किस रेट बेचें और खरीदें। फरवरी से 12 अप्रैल तक स्वर्णकारों की पहले हड़ताल चली और अब उससे भी ज्यादा बुरा हो ला गया है। देश में कुल छह करोड़ स्वर्ण व्यवसायी हैं। इन सभी के लिए दिक्कतें खड़ी हो गई हैं। अब अगले साल तक काम नहीं हो सकता। क्योंकि 31 दिसंबर तक तो नोट ही बदले जाएंगे। इसके बाद यदि बाजार में पैसा आ भी गया तो भी सोने का भाव क्या रहेगा यह सुनिश्चित नहीं है। चेक से भी कैसे सोना किसी को दें? कोई रेट तो हो। कारिगरों के अपने अकाउंट नहीं हैं वह भी हमारे पास आ रहे हैं लेकिन हम भी कुछ नहीं कर सकते। काम नहीं होने के कारण कारिगरों की भी छुट्टी कर दी है।

    देवेंद्र वर्मा, प्रधान, स्वर्णकार एकता मंच।