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    हरियाणा के कृषि मंत्री JP Dalal बोले- 'आंदोलन करने वाले किसान नहीं, कुछ लोग गिरोह के रूप में कर रहे काम'

    By Rajat MouryaEdited By: Rajat Mourya
    Updated: Wed, 07 Jun 2023 06:56 PM (IST)

    चंडीगढ़ में जेपी दलाल ने बुधवार को कहा कि कुरुक्षेत्र में आंदोलनकारियों पर सिर्फ पानी की बौछारें की गई थी। अगर हाईवे बंद करेंगे और लोगों को आने जाने नहीं देंगे तो सरकार के पास उन्हें जबरदस्ती हटाने के अलावा दूसरा कोई विकल्प नहीं है।

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    हरियाणा के कृषि मंत्री जेपी दलाल बोले- 'आंदोलन करने वाले किसान नहीं'

    चंडीगढ़, राज्य ब्यूरो। हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री जेपी दलाल ने आंदोलनकारी किसानों के जख्मों पर मरहम लगाने की बजाय उन्हें ही सवालों के घेरे खड़ा कर दिया है। जेपी दलाल ने कहा कि कुछ लोग राज्य में गिरोह के रूप में काम करते हैं। अपनी मर्जी से किसी भी समय सड़क जाम कर देते हैं। इन लोगों का किसानों और आम लोगों के हितों से कोई लेना देना नहीं है। यह लोग विपक्षी दलों के नेताओं के संपर्क में हैं और उनके कहने पर आंदोलन को अंजाम देते हैं।

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    कृषि मंत्री जेपी दलाल पहले भी अपने विवादित बयानों को लेकर कई बार चर्चा में रह चुके हैं। चंडीगढ़ में जेपी दलाल ने बुधवार को कहा कि कुरुक्षेत्र में आंदोलनकारियों पर सिर्फ पानी की बौछारें की गई थी। अगर हाईवे बंद करेंगे और लोगों को आने जाने नहीं देंगे तो सरकार के पास उन्हें जबरदस्ती हटाने के अलावा दूसरा कोई विकल्प नहीं है। सरकार हाईवे बंद नहीं रख सकती। ऐसे लोगों को क्या अधिकार है कि वह जब चाहें हाईवे बंद कर दें।

    'आंदोलन करने वाले आढ़ती हैं'

    जेपी दलाल ने इन आंदोलनकारियों को वास्तविक किसान मानने से इन्कार किया। उन्होंने कहा कि हम किसानों के हित के फैसले लेते हैं, लेकिन दुर्भाग्य से किसानों के नाम पर राजनीति करने वाले लोगों को यह मंजूर नहीं है। आंदोलन करने वाले वह लोग हैं, जो आढ़ती हैं। उनका खेती से कोई लेना देना नहीं है। वह अपनी राजनीतिक पार्टी बनाकर चुनाव लड़ते हैं। हाई कोर्ट के आदेश को भी नहीं मानते। ऐसे लोगों से सड़क खाली कराना प्रशासन की जिम्मेदारी थी।

    सूरजमुखी पर MSP की मांग पर क्या बोले जेपी दलाल

    कृषि मंत्री ने एक सवाल का अजीब जवाब देते हुए कहा कि पूरे उत्तर भारत में कोई भी प्रदेश एमएसपी पर सूरजमुखी की खरीद नहीं करता। हरियाणा अकेला प्रदेश है, जिसने सूरजमुखी उत्पादक किसानों के लिए 6400 रुपये क्विंटल की एमएसपी घोषित की है।

    इसके बाद भी एमएसपी पर खरीद क्यों नहीं की जा रही, इस सवाल का जवाब दलाल ने यह दिया कि हम मार्केट का रुख देख रहे हैं। फिलहाल, हम डायरेक्ट किसानों के खाते में एक हजार रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से डाल रहे हैं। मार्केट में जब सूरजमुखी का रेट ठहर जाएगा तो उस हिसाब से भावांतर भरपाई योजना की एक हजार रुपये की राशि को बढ़ाया जा सकता है।

    'हमसे बेहतर किसान हितैषी कोई नहीं है'

    कृषि मंत्री ने दलील दी कि राज्य में सिर्फ 50 हजार एकड़ में सूरजमुखी की फसल होती है। जेपी दलाल ने अपनी बड़ाई करते हुए कहा कि हमसे बेहतर किसान हितैषी कोई नहीं है। लेकिन कुछ राजनीति के मोहरे लोग हैं, जो किसान के नाम पर अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकना चाहते हैं। उन्होंने विपक्ष से पूछा कि अपनी सरकारों में उन्होंने सरसों, बाजरा व सूरजमुखी की फसलें कब एमएसपी पर खरीदी हैं।

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