रेलवे स्टेशनों पर अब एजेंट बेचेंगे जनरल टिकट, रेल मंत्रालय ने STBA योजना को दिखाई हरी झंडी, क्या है यह स्कीम?
रेल मंत्रालय ने स्टेशन टिकट बुकिंग एजेंट (एसटीबीए) योजना को मंज़ूरी दे दी है, जिसके तहत छोटे रेलवे स्टेशनों पर निजी एजेंट जनरल टिकट बेचेंगे। अंबाला रेल मंडल ने आवेदन भी मांगे हैं। इस योजना से रेलवे का खर्च कम होगा और यात्रियों को सुविधा मिलेगी। DRM के अनुसार, इससे कर्मचारियों का बोझ कम होगा और रोज़गार के अवसर भी बढ़ेंगे। पहले यह काम जन साधारण टिकट बुकिंग सेवक (JTBS) योजना के तहत होता था।

फाइल फोटो
दीपक बहल, अंबाला। देशभर के छोटे रेलवे स्टेशनों पर निजी एजेंट जनरल टिकट देंगे। रेल मंत्रालय ने टिकट बुकिंग एजेंट (एसटीबीए) योजना को हरी झंडी दे दी है। पहले चरण में नॉन-सबअर्बन ग्रुप (एनएसजी) 5 और एनएसजी 6 स्तर के स्टेशनों को शामिल किया गया है।
अंबाला रेल मंडल ने 14 नवंबर तक आवेदन भी मांग लिये हैं। इससे रोजगार के भी अवसर खुलेंगे। अब तक स्टेशनों के बाहर एजेंटों को टिकट बेचने की अनुमति थी, जिन्हें एक रुपया प्रत्येक टिकट कमीशन के तौर पर दिया जाता है। स्टेशन पर रेलवे के टिकट देने वाले कर्मचारियों को बड़े स्टेशन पर समाहित किया जाएगा। इस योजना से जहां रेलवे के खर्चे में कमी आएगी, वहीं यात्रियों को सीधा लाभ मिल पाएगा।
सुविधा होगी, रिक्त पद भरे जाएंगे: डीआरएम
डीआरएम विनोद कुमार भाटिया ने कहा कि स्टेशन टिकट बुकिंग एजेंट योजना के तहत यात्रियों को सुविधाएं मिलेंगी और कर्मचारियों का बोझ कम होगा और रिक्त पद भी भरे जाएंगे। उन्होंने कहा कि इसके लिए स्टेशन पर ही एजेंट टिकट बेच सकेगा। एक निश्चित कमीशन तय किया जाएगा।
टिकट के लिए कई सुविधाएं
रेलवे अफसरों की मानें तो यात्री टिकट लेकर ही प्लेटफार्म तक पहुंचे। जनरल टिकट लेने के आन मोबाइल एप है जहां जनरल टिकट खरीदा जा सकता है। यात्री अपने स्मार्टफोन पर एप को डाउनलोड कर कहीं से भी (लेकिन स्टेशन परिसर के एक निश्चित दायरे से बाहर) टिकट ले सकते हैं।
रेलवे स्टेशनों की छह श्रेणी
स्टेशनों को छह श्रेणियों में चिह्नित कर रखा है। इन स्टेशनों में रेलवे की आमदनी, खर्चा, यात्रियों की संख्या के आधार पर श्रेणी तय कर एनएसजी एक से लेकर छह तक वर्गीकरण किया हुआ है। रेलवे जब भी कोई पालिसी लागू करता है तो उसमें दी जाने वाली सुविधाओं के लिए एनएसजी श्रेणी को शामिल किया जाता है।
किस स्टेशन पर क्या सुविधा होगी यह एनएसजी के मुताबिक तय होता है। एनएसजी-1 में 500 करोड़ से अधिक की आय होनी चाहिए। एनएसजी-2 में 100 करोड़ से 500 करोड़, एनएसजी-3 में 20 करोड़ से 100 करोड़, एनएसजी-4 में 10 करोड़ से 20 करोड़, एनएसजी-5 में एक करोड़ से 10 करोड़, एनएसजी-6 में एक करोड़ तक की आमदनी को मानक माना है।
इन स्टेशनों के लिए टेंडर जारी
अंबाला मंडल में एनएसजी 5 और एनएसजी 6 के लिए आवेदन मांगें गये हैं। इनमें अलाल, भारतगढ़, बरोग, बहादुर सिंह वाला, बठिंडा छावनी, चवापैल, छिन्तावाला, धाबलान, धानसू, दाऊं कलां, दुखेड़ी, गिल, गुम्मन, गर्ने, हिम्मताना, हंडाया, जुतोग, कनौह, कंडाघाट, कैथलीघाट, काउली, कौलसेरी, कुमारहटी, कलानौर, कोटी, लेहरामुहाबत, मियाँपुर, नोगनवां, किलारेपुर, रायपुर हरियाणा, सराय बंजारा, साधुगढ़, सेखा, सोगी, समरहिल, सालोगरा, सांभू, सोनवाड़ा, तक्साल, तारा देवी, केसरी, बासी पठाना, टापा, समराला, कुराली, चाजली दराजपुर, सोलन, जगाधरी वर्कशॉप, रामपुरा फूल, अहमदगढ़, बराड़ा, धूरी, खन्ना, मोरिंडा, आनंदपुर साहिब, नंगल डैम, संगरूर, मलोट, गिद्दरबाहा, मलेरकोटला आदि स्टेशन शामिल हैं।
जेटीबीएस योजना थी, जिसका मिल रहा लाभ
रेलवे ने यात्रियों की सुविधाओं और बड़े स्टेशनों पर अनारक्षित जनरल टिकट काउंटर पर भीड़ कम करने के लिए जन साधारण टिकट बुकिंग सेवक (जेटीबीएस) योजना को शुरू किया था। इस योजना का फायदा यह हुआ कि बड़े स्टेशन के टिकट काउंटरों पर बोझ घटा और कमीशन के रूप में लोगों को रोजगार के अवसर मिले थे।

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