अमृतसर से बिहार जा रही गरीब रथ एक्सप्रेस में कैसे लगी आग? जले हुए डिब्बों की जांच से जुटी रेलवे टीम
अमृतसर से सहरसा जा रही गरीब रथ एक्सप्रेस में आग लगने से तीन डिब्बे जल गए। घटना की जांच के लिए रेलवे की टीमें चंडीगढ़ पहुंच गई हैं। शुरुआती जांच में शॉर्ट सर्किट को कारण माना जा रहा है, पर अंतिम रिपोर्ट का इंतजार है। यात्रियों के अनुसार, आग लगने का कारण कोई विस्फोटक नहीं था, बल्कि चिंगारी गिरने से हादसा हुआ। यात्रियों को अंबाला कैंट स्टेशन पर दूसरी बोगियों में शिफ्ट किया गया।

फाइल फोटो
दीपक बहल, अंबाला। अमृतसर से सहरसा जा रही गरीब रथ एक्सप्रेस के तीन कोच जलकर राख हो गए, जिनकी जांच के लिए अब रेलवे की रिसर्च टीमें भी घटनास्थल के बाद चंडीगढ़ डेरा डाल चुकी है। यह हादसा पंजाब के सरहिंद रेलवे स्टेशन के पास हुआ, जबकि इन तीन जले डिब्बों को चंडीगढ़ सिक लाइन लाया गया है।
लखनऊ से रिसर्च डिजाइन स्टेंडर्ड आर्गेनाइजेशन (आरडीएसओ) की टीम चंडीगढ़ जांच करने के लिए पहुंच गई है। इतना ही नहीं पंजाब के कपूरथला कोच फैक्ट्री से भी अधिकारी चंडीगढ़ पहुंचे हैं, जो जले हुए डिब्बों में आग लगने के कारणो को तलाश रहे हैं।
दरअसल कपूरथला कोच फैक्ट्री में डिब्बे तैयार किए जाते हैं। जो डिब्बे जले हैं, उससे सीख लेकर क्या बदलाव किए जा सकते हैं, इस दिशा में भी रेलवे कदम बढ़ा रहा है। हालांकि, अभी तक प्रारंभिक जांच में आग लगने का कारण शार्ट सर्किट माना जा रहा है, लेकिन जब तक जांच रिपोर्ट सामने नहीं आ जाती, तब तक कुछ भी कहना संभव नहीं है।
फोरेंसिक टीम घटनास्थल से सुराग ले गई
दिल्ली के उत्तर रेलवे बड़ौदा हाउस मुख्यालय की टीम जांच कर ही है, तो दूसरी ओर पंजाब पुलिस की फोरेंसिक टीम भी घटनास्थल से सुराग ले गई है ताकि आग लगने के कारणों की सही जानकारी मिल सके।
गरीब रथ के जी-19 में यात्रा कर रहे प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार डिब्बों में आग लगने के कारण स्पष्ट हो चुके हैं, बस इन कारणों की अब तह तक जाना है। इन यात्रियों से रेलवे को स्पष्ट हो चुका है कि डिब्बों में आग लगने का कारण काेई विस्फोटक सामग्री ले जाना या फिर किसी की शरारत नहीं है।
यात्रियों का स्पष्ट कहना है कि डिब्बे में महिला सीट पर सो रही थी और ऊपर से एक चिंगारी आई, जिससे महिला का कंबल तक जल गया। इस लिए माना जा रहा है कि एयरकंडीशन के पास शार्ट सर्किट से आग लगी हो सकती है।
ऐसे हुआ था हादसा
सरहिंद स्टेशन पर ट्रेन आई तो वहां पर मौजूद स्टाफ ने ट्रेन की बोगी नंबर जी-16, 17 व 18 में धुआं उठता और आग देखी। इस पर ट्रेन में तैनात स्टाफ को इस बारे में सूचित किया गया, जबकि ट्रेन को थोड़ी आगे ही रोक लिया गया। इस दौरान सवारियां भी खुद को सुरक्षित रखने के लिए दूसरी बोगी में चली गईं। गनीमत थी कि यात्रियों की संख्या ज्यादा नहीं थी, जिससे बड़ा हादसा टल गया था।
इन तीनों डिब्बों को ट्रेन से अलग कर दिया गया, जबकि सवारियों को दूसरी बोगियों में बिठाकर अंबाला कैंट रेलवे स्टेशन पर लाया गया था। इस दौरान रेल अधिकारियों ने चंडीगढ़ से तीन डिब्बे मंगवाए, जिनको ट्रेन में लगाकर आगे रवाना किया। करीब पांच घंटे तक यात्री स्टेशन पर मौजूद रहे। इस दौरान रेल अधिकारियों ने यात्रियों के खानपान का बंदोबस्त किया।
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