Farmers protest: अंबाला के कई इलाकों में इतने दिनों तक इंटरनेट सेवाएं बंद, किसान प्रदर्शन को लेकर सरकार का बड़ा फैसला
101 किसानों का पहला जत्था दिल्ली कूच के लिए शंभू बॉर्डर से रवाना हो गया है। किसानों ने पुलिस बैरिकेडिंग तोड़ते हुए आगे बढ़ गयए। इस बीच आपात स्थिति से निपटने के लिए हरियाणा सरकार ने अंबाला के 10 गांवों में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी है। साथ ही अफवाहों से बचने की अपील की गई है। जिला में 9 दिसंबर तक इंटरनेट बंद रहेगा।

जागरण संवाददाता, अंबाला। 101 किसानों का पहला जत्था दिल्ली कूच के लिए शंभू बॉर्डर से रवाना हो गया। इस दौरान किसानों ने पुलिस बैरिकेडिंग भी तोड़ दी। किसानों को रोकने के लिए पुलिस ने जगह-जगह पर बैरिकेडिंग लगाई थी। इस बीच शंभू बॉर्डर से सटे अंबाला के 10 गांवों में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं।
अंबाला प्रशासन का कहना है कि किसान प्रदर्शन को देखते हुए यह कदम उठाया गया है। ताकि लोगों के बीच अफवाह न फैले। साथ ही उन्होंने लोगों से अपील की है कि अफवाह पर ध्यान न दें। इन गांवों में 9 दिसंबर तक इंटरनेट सेवाएं बंद रहेंगी।
इन गांवों में इंटरनेट बंद
अंबाला के गांव दंगदहरी, लोहगढ़, मानकपुर, दादियां, बेरी, कालू, लहारस, कालू, मांजरा, देवी नगर, सद्दोपुर, सुलतानपुर और काकरू में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं। बता दें कि आज 12 बजे से (6-12-2024 से 9-12-2024 रात बारह बजे तक) इंटरनेट बंद रहेगा।
साथ ही सख्त निर्देश देते हुए कहा कि आपात परिस्थितयों को देखते हुए यह फैसला लिया गया है। इस बीच कोई भी व्यक्ति हिंसा में शामिल पाया जाता है तो उस पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
किसानों पर दागे आंसू गैस के गोले
बता दें कि किसानों को रोकने के लिए हरियाणा पुलिस पूरी तरह मुस्तैद है। शंभू बॉर्डर पर प्रदर्शनकारी किसानों को खदेड़ने के लिए हरियाणा पुलिस ने 20 से अधिक आंसू गैस के गोले दागे हैं। इसमें कई किसान घायल भी हो गए हैं। फिर भी किसान आगे बढ़ने की कोशिश कर रहे हैं।
किसानों ने दो बैरिकेडिंग को तोड़ दी, लेकिन आखिरी बैरिकैडिंग पर किसानों को रोकने के लिए कंक्रीट की दीवार बनाने के साथ-साथ जाली भी लगाई गई है। जिस कारण किसानों का आगे बढ़ना मुश्किल लग रहा है।
क्या है किसानों की मांग
- सभी फसलों की एमएसपी पर खरीद की गारंटी का कानून बने।
- फसलों की डॉ. स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट के हिसाब से कीमत तय हो।
- किसान और खेत मजदूरों का कर्ज माफ हो, पेंशन दी जाए।
- भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 दोबारा लागू किया जाए।
- लखीमपुर खीरी कांड के दोषियों को सजा दी जाए।
- भारत मुक्त व्यापार समझौते से बाहर आए।
- किसान आंदोलन में मारे गए किसानों के परिवारों को मुआवजा, सरकारी नौकरी मिले।
- विद्युत संशोधन विधेयक 2020 को रद किया जाए।
- मनरेगा में हर साल 200 दिन का काम, 700 रुपये दिहाड़ी दी जाए।
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