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    ई-वे बिल बिना सप्लाई पर जीएसटी के अतिरिक्त भरना होगा 50 फीसद जुर्माना

    By JagranEdited By:
    Updated: Tue, 30 Jan 2018 07:48 PM (IST)

    -सौ किमी दूरी के लिए एक दिन बढ़ जाएगी बिल की मान्यता -बिल की अवधि बढ़ाने को भी लेनी होग

    ई-वे बिल बिना सप्लाई पर जीएसटी के अतिरिक्त भरना होगा 50 फीसद जुर्माना

    -सौ किमी दूरी के लिए एक दिन बढ़ जाएगी बिल की मान्यता

    -बिल की अवधि बढ़ाने को भी लेनी होगी आनलाइन अनुमति

    जागरण संवाददाता, अंबाला शहर : जीएसटी के तहत किसी भी सामान के ट्रांसपोर्टेशन के लिए ई-वे बिल जरूरी होगा। इस व्यवस्था के तहत कोई भी व्यक्ति ई-वे बिल के बिना 50 हजार रुपये से अधिक का सामान कहीं ले नहीं जा सकेगा। इसके बिना एक राच्य से दूसरे राच्य और राच्य के भीतर सामान की डिलीवरी नहीं हो सकेगी। अंबाला के उप आबकारी एवं कराधान आयुक्त ने बिल से जुड़ी तमाम हिदायतें कारोबारियों, ट्रांसपोर्टरों और अपने विभाग के अधिकारियों को करीब 10 दिन पहले ही भिजवा दी हैं।

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    बड़ी बात यह रहेगी कि यदि आपको अपने घरेलू इस्तेमाल के लिए कोई सामान लेना है और उसकी कीमत 50 हजार से च्यादा है तो आपको भी ई-वे बिल जनरेट करवाना ही होगा। ऐसा नहीं करने पर पकड़े जाने पर 50 फीसदी जुर्माने के अतिरिक्त कुल जीएसटी देना होगा। यानि यदि आप एक लाख रुपये का कोई सामान बिना ई-वे बिल के ले जाते हुए पकड़े गए तो 50 हजार रुपये जुर्माना और उस वस्तु पर जो जीएसटी लागू होगी वह देना पड़ेगा।

    ऐसे जनरेट होगा ई-वे बिल

    कारोबारी या व्यापारी डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू डॉट ई वे बिल डॉट निक डॉट इन पर बिल जनरेट कर सकते हैं। इसके बाद ही वह माल व्यापार के लिए मान्य माना जाएगा। बिल को उत्पादक, ट्रांसपोर्टर और प्राप्तकर्ता में से कोई एक भी बना सकता है। विभाग की उपरोक्त वेबसाइट पर कारोबारी को अपना जीएसटी और मोबाइल नंबर डालकर खुद को रजिस्टर्ड करना होगा। बाकायदा आईडी उसी वक्त बन जाएगी जिसके बाद कारोबारी किसी भी वक्त अपना स्थाई रजिस्ट्रेशन आनलाइन कर सकते हैं।

    ई-वे बिल के भी दो चरण

    ई-वे बिल के दो चरण हैं। पहले चरण में बिल बनाने वाले को बिल की पूरी डिटेल जैसे सामान का प्रारूप, उत्पादक और प्राप्तकर्ता के बारे में डिटेल डालनी होगी। जहां से यह बिल बना है और जहां लेकर जाया जा रहा है वहां का पोस्टल पिन कोड इस बिल में डालना होगा। बिल के दूसरे चरण में माल लेकर जाने वाली गाड़ी का नंबर, ट्रांसपोर्टर का नाम भरा जाएगा। रेहड़ी आदि पर ले जाया गया माल मान्य नहीं होगा। खास बात ये है कि जिस दिन सामान की रवानगी होगी यह बिल उस दिन से मान्य होगा। यदि गाड़ी खराब हो जाए या फिर कोई और दिक्कत हो जाए तो इसे अपडेट करने का प्रावधान भी ई- वे बिल में रखा गया है। जो बिल को जेनरेट करेगा वही बिल को अपडेट कर सकेगा।

    100 किमी के लिए 1 व 200 के लिए दो दिन मान्य होगा बिल

    ई- वे बिल के अधीन 24 घंटों में 100 किलोमीटर तक माल ढुलाई की जा सकती है। यदि रास्ता 200 किलोमीटर है तो बिल की अवधी दो दिनों के लिए मान्य होगी। ऐसे ही हर बढ़ते सैकड़ा किलोमीटर के साथ दिनों की अवधि भी बढ़ती चली जाएगी। 100 किलोमीटर से कम के गंतव्य में माल एक दिन में पहुंचाना अनिवार्य होगा। कारोबारियों की मदद के लिए विभाग ने वेबसाइट और हेल्पलाइन का भी इंतजाम किया हुआ है।

    इंटरनेट बनेगा बाधा

    ई-वे बिल को सही तरीके से लागू करने और माल की चे¨कग करने के लिए विभाग के इंस्पेक्टरों की राह में इंटरनेट बड़ी अड़चन डाल सकता है। ग्रामीण एरिया में अभी भी इंटरनेट की सुविधाएं सही नहीं हैं। ऐसे में सही नेटवर्क नहीं होने पर भी यह समस्या रहेगी। सर्वर ठप रहना भी विभाग के लिए मुसीबत का सबब बन सकता है।

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    ई-वे बिल को लेकर हमने सभी तैयारियां कर ली हैं। शुरुआत में कुछ दिक्कतें आती हैं उनके लिए भी हम पूरी तरह से तैयार हैं। हां इंटरनेट के चलते कुछ दिक्कत रह सकती है लेकिन इसके लिए भी हम जल्द ही कुछ नई व्यवस्था करने वाले हैं। इस बिल के आने से टैक्स चोरी पूरी तरह से खत्म हो जाएगी। इससे भ्रष्टाचार बिल्कुल खत्म हो जाएगा।

    रणधीर ¨सह, उप आबकारी एवं कराधान आयुक्त