अंबाला में खाली डीजल टैंकर में जोरदार धमाका, दो राहगीर घायल
अंबाला शहर में एक खाली डीजल कैंटर का टैंक फटने से दो राहगीर घायल हो गए। यह घटना बलदेव नगर ओवरब्रिज के पास हुई। घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जिनमें से एक की हालत गंभीर है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। आशंका है कि टैंक में ज्वलनशील वाष्प की मौजूदगी के कारण विस्फोट हुआ।

अंबाला में डीजल के खाली कैंटर के फटने से दो लोग घायल हो गए हैं। सांकेतिक तस्वीर
जागरण संवाददाता, अंबाला शहर। डीजल के खाली कैंटर का टैंक रविवार को संदिग्ध परिस्थितियों में अचानक फट गया और टैंक के परखच्चे उड़ गए। इस दौरान इसके पास से निकल रहा एक बाइक सवार और पैदल व्यक्ति घायल हो गए। जिन्हें उपचार के लिए जिला नागरिक अस्पताल भर्ती करवाया गया। जहां पर एक की हालत नाजुक बनी हुई थी जबकि दूसरे को प्राथमिक उपचार के बाद डिस्चार्ज कर दिया गया था। बलदेव नगर थाना पुलिस मामले की जांच में जुटी थी।
जानकारी के अनुसार डीजल का एक खाली कैंटर किंगफिशर होटल से आगे बलदेव नगर ओवरब्रिज से चंडीगढ़ की ओर सर्विस लाइन पर खड़ा था। रविवार दोपहर करीब साढ़े 12 बजे अचानक जाेरदार आवाज आई और कैंटर का टैंक फट गया। इसी दौरान यहां से पैदल किशोर कुमार निकल रहा था। किशोर कुमार अंबाला शहर का ही रहने वाला है इस धमाके से वह बुरी तरह से जख्मी और लहूलुहान हो गया।
इसी दौरान बाइक सवार सूरज जोकि आसा सिंह गार्डन का रहने वाला है वह भी यहां से निकल रहा था और इसकी चपेट में आ गया। सूचना मिलते ही एएसआइ ललित कुमार और एसपीओ सतबीर सिंह मौके पर पहुंचे और दोनों को जिला नागरिक अस्पताल लेकर पहुंचे। किशोर कुमार का पूरा मुंह फट चुका था और खून बहे जा रहा था।
लिहाजा अस्पताल में टीम ने उसके सारे मुंह पर टांके लगाए लेकिन समाचार लिखे जाने तक उसकी हालत गंभीर बनी हुई थी। हालांकि सूरज के पैरों में चोट आई और उसे प्राथमिक उपचार के बाद डिस्चार्ज कर दिया गया था। पुलिस जांच कर रही है कि आखिर कैंटर कैसे फटा।
पास खड़ी रेहड़ी रिक्शा भी टूटी
धमाका इतना जोरदार था कि पास खड़ी एक रेहड़ी-रिक्शा के भी परखच्चे उड़ गए। बताया जा रहा है कि इस कैंटर पर वेल्डिंग करवाई जानी थी। इसीलिए एक वेल्डिंग की दुकान के पास से रोका गया था। वेल्डर मंगत राम ने बताया कि उसने काम करना था लेकिन काम शुरू करने से पहले ही कैंटर फट गया। कैंटर खाली था।
अब वह कैसे फटा उसे भी इस बात का नहीं पता। गनीमत यह रही कि मंगतराम भी हादसे के वक्त इस कैंटर के आसपास नहीं था वरना उसका भी बचना मुश्किल था। हादसे के बाद मौके पर लोगों की भीड़ एकजुट हो गई। लेकिन पुलिस ने मौके पर पहुंचकर व्यवस्था संभाली और यातायात को भी सुचारू करवाया।
खाली कैंटर वास्तव में खाली नहीं होता
डीजल के कैंटर का टैंक खाली होने के बाद भी उसके अंदर डीजल की वाष्प, ज्वलनशील हाइड्रोकार्बन, अवशेष रहते हैं। ये वाष्प गैस के संपर्क में आते ही अत्याधिक ज्वलनशील मिश्रण बना सकते हैं। ऐसे में छोटा सा स्पार्क या फिर कम तापमान में भी यह फट सकता है। हालांकि यह जांच में ही तय होगा कि इस कैंटर में गैस ही बनी थी या हादसे का कुछ और कारण रहा।

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